मनमोहन पर जिद्द का इरादा नहीं सोनिया का
अपने मनमोहन पीएम पद की दौड़ में थे भी नहीं। सोनिया ने दौड़ में शामिल किया। तो तुरुप का पत्ता अपने हाथ में रखा। यानी हाथी के दांत दिखाने के और, खाने के और। अपन तुरुप का पत्ता तो बताएंगे ही। उसकी वजह भी बताएंगे। आडवाणी ने भविष्य के सहयोगियों की तलाश शुरू की। तो कांग्रेस भी भविष्य की रणनीति बनाने लगी। पहले बात आडवाणी की। अपन ने कल लिखा ही था- 'यों तो हमलावर का मतलब घबराहट।' आडवाणी पीएम पद पर पहली पसंद बनते दिखे। तो कांग्रेस में खलबली होनी ही थी। अपन वैसे भरोसा नहीं करते। आईबी कभी भरोसे लायक रही भी नहीं। पर आईबी की रपट में यही खुलासा- 'बीजेपी की सीटें कांग्रेस से ज्यादा होंगी।' ऐसा हुआ, तो नए समीकरण उभरेंगे ही। उसी का इशारा आडवाणी ने किया।