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तीर्थ सिंह रावत बने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री
त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह पौड़ी के सांसद तीर्थ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बनाए गए हैं | दस साल पहले इन्ही परिस्थियों में विधानसभा चुनावों से पहले रमेश पोखरियाल निशंक की जगह पर भुवन चन्द्र खंडूरी को मुख्यमंत्री बना कर भेजा गया था | हां;लांकि तब बहुत देर हो चुकी थी , चुनाव में सिर्फ चार महीने बचे थे , लेकिन अब थोड़ा सा पहले निर्णय हो गया है , चुनाव में ग्यारह महीने बचे हैं | पिछले शनिवार को भाजपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री बदलने का मन बनाया था और चार दिन बाद सारी प्रक्रिया पूरी कर के तीर्थ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी गई |
कैलाश सत्यार्थी नए शब्दों वाले कवि हैं: लीलाधर जगूड़ी
अनिल पांडेय / बच्चों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्ति की छठी वर्षगांठ के अवसर पर कैलाश सत्यार्थी के नए कविता संग्रह ‘‘चलो हवाओं का रुख मोड़ें’’ के आवरण पृष्ठ का ऑनलाइन लोकार्पण किया गया। वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कविता संग्रह के आवरण पृष्ठ का लोकार्पण वरिष्ठ रचनाकारों और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी और पदमश्री उषा किरण खान एवं वाणी प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरुण माहेश्वरी ने किया। लोकार्पण समारोह में चर्चित गीतकार-कवि कुमार विश्वास की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। समारोह का आयोजन वाणी डिजिटल ने किया, जबकि संचालन कवि-कलाविद्-आलोचक यतीन्द्र मिश्र ने किय
और ऐसे फराह से बन गई माही
फरहा से माही बनी युवती शुक्रवार को नमन मदान की हो गई। ऋषिकेश के एक होटल से बरामद करने के बाद नौचंदी पुलिस ने उसके कोर्ट में बयान दर्ज कराए। यहां माही ने कहा कि वह बालिग (23) है और उसने शास्त्रीनगर निवासी नमन मदान से शादी कर ली है। इसलिए वह पति के साथ रहना चाहती है, इस पर कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि वह माही को उसके ससुराल पहुंचाए । इसके बाद माही ने नौचंदी पुलिस स्टेशन पर मौजूद अपने ससुरालियों के पांव छूकर आशीर्वाद लिया और पुलिस वालों को मिठाई खिलाई ।
‘‘कोविड-19: सभ्यता का संकट और समाधान : कैलाश सत्यार्थी
नई दिल्ली । नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित जानेमाने बाल अधिकार कार्यकर्ता श्री कैलाश सत्यार्थी की पुस्तक ‘‘कोविड-19: सभ्यता का संकट और समाधान’’ का लोकार्पण भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा ने किया। राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश के विशिष्ट आतिथ्य में इस समारोह का आयोजन किया गया। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का लोकार्पण ऑनलाइन माध्यम से संपन्न हुआ।
पुस्तक के लोकार्पण समारोह का संचालन प्रभात प्रकाशन के निदेशक श्री प्रभात कुमार ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन श्री पीयूष कुमार ने किया।
शादी से 8 घंटे पहले अपंग हो गई दुल्हन
प्रयागराज: दहेज की मांग पूरी न होने, बारातियों की खातिरदारी पसंद के मुताबिक न होने या फिर लड़की और उसके परिवार में कोई कमी होने पर अक्सर लोग मंडप में पहुंचने और जयमाल होने के बावजूद शादियां तोड़ देते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ प्रतापगढ़ के एक शख्स ने इंसानियत और मोहब्बत की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे लोग बरसों तक याद रखेंगे.
कोरोनाकाल में बच्चों की दुर्दशा पर आयोग चुप रहे , मीडिया सोया रहा : सेतिया
नई दिल्ली। बच्चों के लिए श्री कैलाश सत्यार्थी को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की छठी वर्षगांठ पर इंडिया फॉर चिल्ड्रेन और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) की ओर से ‘‘कोरोनाकाल, बच्चे और मीडिया’’ विषयक एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में देश के जाने-माने पत्रकार पद्मश्री श्री आलोक मेहता, वरिष्ठ पत्रकार और उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री अजय सेतिया, अमर उजाला डिजिटल के संपादक श्री जयदीप कार्णिक, हिंदुस्तान लाइव के संपादक श्री प्रभाष झा और लेखक एवं फिल्म निदेशक श्री जैगम इमाम ने भाग लिया।
राजस्थान में शह मात के खेल में गहलोत आगे
सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर पर विधायक दल के बाद गहलोत सरकार सुरक्षित होने की बात कही गई। बैठक के बाद मौजूद सभी विधायकों को 4 बसों से सीधे फेयर माउण्ट होटल भेज दिया गया। गहलोत भी बस में ही साथ गए। बैठक के दौरान गहलोत खेमे ने दावा किया कि उन कि बैठक में 109 विधायक मौजूद हैं , उधर सचिन पायलट ने भी दावा किया कि उन के साथ तीस विधायक बैठे हैं | लेकिन सच कुछ और है , सच यह है कि दोनों झूठ बोल रहे थे | बैठक में सौ से कम विधायक थे और सचिन पायलट के पास सिर्फ 17 विधायक थे | विधायक दल की बैठक से सचिन पायलट की हवा तो निकल गई , अशोक गहलोत का राजनीतिक मकसद पूरा हो गया , उन्होंने उन लोगों के
कश्मीर के हालात पर ग्रांऊड जीरो रिपोर्ट
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद अब जम्मू कश्मीर और लददाख बदलाव और उम्मीद की एक नई करवट ले रहा है।कश्मीर में आम आदमी की जिंदगी जहां आशा और आशंका में लिपटी हुई नजर आती है वहीं कश्मीर से अलग केंद्र शासित राज्य बनने को लेकर लददाख में आम आदमी खुलकर खुशी जताता मिलता हैं।घाटी में शांतिपूर्ण चुप्पी छाई है तो जम्मू में विकास की नई उम्मीद जागी है। इस सबके बीच कश्मीर में अलगवादियों और आतंकवादियों की ओर से बंदूक,पत्थरबाजी भड़काऊ पोस्टर—बयान और हरकतों से डर का वातावरण बनाने की कोशिश की जा रही है। नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के नेतृत्व में विभिन्न मीडिया संस्थान