बीजेपी ने शाईनिंग इंडिया की गलती सुधारी। जैसा अपन ने कल लिखा था- 'तो पुराने मुद्दों के साथ रोटी- रोजगार का भी वादा होगा।' सो अब बीजेपी राम के साथ गरीब रथ पर भी सवार। घोषणापत्र जारी करते राजनाथ सिंह ने कहा- 'बीजेपी अपने घोषणापत्र के हर शब्द का पालन करेगी।' तो अपन बता दें- घोषणा पत्र में गरीबों, किसानों, मिडिल क्लास के लिए तोहफे ही तोहफे। सैनिकों को सैलरी पर इनकम टेक्स नहीं। समान रैंक-समान पेंशन का भी वादा। गरीबों को दो रुपए किलो चावल-गेहूं। किसानों के सारे कर्ज माफ। नए कर्ज पर ब्याज सिर्फ चार फीसदी। इनकम टेक्स तीन लाख के बाद शुरू होगा। औरतों और बुर्जुगों को पचास हजार की और छूट। सीनियर सिटीजन की उम्र पैंसठ से घटाकर साठ होगी। पेंशन पर इनकम टेक्स भी नहीं। आम आदमी को मिले बैंक ब्याज पर टेक्स नहीं। सीएसटी-एफबीटी खत्म होगा। बीजेपी का इनकम टेक्स का चेप्टर देख कांग्रेस पसीनों-पसीने हो गई।
कपिल सिब्बल बोले- 'कोई अपने घोषणा पत्र में बजट से जुड़ी बात नहीं कह सकता।' वकील साहब ने किसी राजनीतिक दल के घोषणापत्र कभी पढ़े ही नहीं होंगे। वरना ऐसी चंडुखाने की टिप्पणीं न करते। वैसे कांग्रेस के घोषणापत्र की उतनी चर्चा नहीं हुई। जितनी पहले ही दिन बीजेपी की हो गई। कांग्रेस का जोर यों भी घोषणापत्र पर कम। सोनिया-मनमोहन की प्रेस कांफ्रेंस पर ज्यादा था। पर बीजेपी की प्रेस कांफ्रेंस घोषणापत्र के इर्द-गिर्द ही रही। बात कपिल सिब्बल की। जो इस बार चांदनी चौक में बुरी तरह फंस चुके। डीलिमिटेशन के बाद दो लाख सिख चांदनी चौक के वोटर। चुनाव के वक्त टाइटलर को बरी करा कांग्रेस ने ओखली में सिर दिया। सो अब भुगतेगी। पर बात बीजेपी के घोषणापत्र की। अपन ने छह फरवरी को लिखा था- 'नागपुर से बजेगा सुशासन, विकास, सुरक्षा का शंखनाद।' अब बीजेपी के घोषणापत्र की यही थीम। टाइटल पर अटल-आडवाणी-राजनाथ। साथ में सुशासन- विकास-सुरक्षा का वादा। आडवाणी बोले- 'इन्हीं तीनों मुद्दों के इर्द-गिर्द रहेगी एनडीए सरकार।' बीजेपी ने सौ दिन का एजेंडा भी तय किया। पहले सौ दिन सारा जोर आतंकवाद पर नकेल होगा। पाकिस्तान पर दो टूक नीति- 'आतंकवाद छोड़ो, तभी बात होगी।' अपन कुछ नुक्ते बताते जाएं- शेखावत का अंत्योदय। वसुंधरा की भामाशाह। शिवराज की लाड़ली योजना। नक्सल मुकाबले के लिए रमणसिंह की सलवाजुड़म देशभर में। रोजगार के लिए इनफ्रास्टक्चर पर जोर होगा। सड़कों का जाल बिछेगा। नदियां जोड़ी जाएंगी। मकानों पर कर्ज सस्ता होगा। इनफ्रास्टक्चर के लिए स्विस बैंकों में जमा काला धन लाने का वादा। पर बात बीजेपी की हो। तो सवाल उन तीन मुद्दों पर उठेगा ही। राम मंदिर, आर्टिकल 370, कामन सिविल कोड। अपन ने इसका जिक्र कल कर ही दिया था। घोषणापत्र में तीनों मुद्दों का जिक्र सुगर कोटेड गोली की तरह। राम मंदिर का निर्माण बातचीत या अदालती फैसले के बाद। रामसेतु पर तो हाथ नहीं लगाने देगी बीजेपी। गंगा और गाय का जिक्र भी किया बीजेपी ने। जहां तक बात कामन सिविल कोड की। तो वह महिलाओं की बराबरी से जोड़ दिया। बीजेपी बोली- 'जब तक कामन सिविल कोड नहीं होगा। तब तक लैगिंक समानता संभव नहीं।' बीजेपी लागू नहीं करेगी। अलबत्ता आयोग बनाएगी। आर्टिकल 370 खत्म करने की बात भी कही बीजेपी ने। पर अगले हफ्ते एनडीए का दृष्टिकोण आएगा। तो तीनों मुद्दे नहीं होंगे। यह दृष्टिकोण तैयार कर रहे हैं अपने जसवंत सिंह। जो दार्जिलिंग जाकर चुनाव लड़ेंगे। गोरखालैंडियों ने समर्थन कर दिया। दार्जिंलिंग सीट में जलपाईगुडी भी शामिल। जहां राजस्थानियों की भरमार। पर बात बीजेपी के घोषणा पत्र की। जिसमें पहली बार मुसलमानों की हालत पर फिक्रमंद दिखी बीजेपी। मुस्लिम आबादी वाले सौ जिलों में शिक्षा का प्रसार होगा। बीजेपी ने पहली बार मुसलमानों की तारीफ में पुल भी बांधे। बोली- खेलों, फिल्मों, कल-कारखानों में मुस्लिमों का योगदान काबिल-ए-तारीफ। सारे मुसलमानों को आतंकी कहना गलत। बोली- 'आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता।'
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