India Gate Se

Published: 19.Nov.2023, 18:38

इंडिया गेट से अजय सेतिया / मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ के चुनाव हो गए| राजस्थान के 25 नवंबर को है| राजस्थान में दोनों दलों का जितना जोर लग रहा है| उतना मध्यप्रदेश छतीसगढ़ में नहीं लगा| वैसे इन तीनों राज्यों के चुनाव भाजपा के लिए उतने महत्वपूर्ण नहीं, जितने कांग्रेस के लिए हैं| क्योंकि इन तीन राज्यों में से दो राज्य इस समय कांग्रेस के पास हैं| महत्वपूर्ण तो भाजपा के लिए भी है| लेकिन भाजपा के लिए कम महत्वपूर्ण है, क्योंकि भाजपा के पास अभी एक ही राज्य है मध्यप्रदेश| वह भी असल में वह पिछली बार हार गई थी| यानि कायदे से देखें तो 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी| पर लोकसभा चुनावों में उसका कोई असर नहीं हुआ था| इन तीनों राज्यों की 65 लोकसभा सीटों में से 62 भाजपा जीत गई थी|

इसलिए भाजपा अगर फिर तीनों राज्य हार गई, तो भी 2024 के चुनावों पर असर नहीं पड़ेगा|इसलिए विधानसभा चुनावों को सेमीफाइनल कहने वाला इंडी एलायंस गलतफहमी का शिकार है| लेकिन कांग्रेस इन तीन राज्यों में से दो राज्य हार गई| तो इंडी एलायंस के लिए झटका होगा, और कांग्रेस के लिए मुश्किल होगी…

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Published: 16.Nov.2023, 20:59

अजय सेतिया इंडिया गेट से/ अरविन्द केजरीवाल ने खुद को आज़ाद भारत का सब से शातिर मुख्यमंत्री साबित कर दिया है| केजरीवाल को देखकर मुझे 1984 में रीलिज हुई दीलिप कुमार की फिल्म मशाल की याद आती है| फिल्म में दीलिप कुमार एक ईमानदार पत्रकार है, और अमरीश पुरी स्मगलिंग करने वाला खलनायक है| दीलिप कुमार माफिया के खिलाफ मुहीम चलाते हैं| लेकिन माफिया अखबार के मालिक से कह कर उसे नौकरी से निकलवा देता है| दीलिप कुमार खुद अपना छोटा सा अखबार निकालते हैं| अमरीश पुरी दीलिप कुमार के दफ्तर में जा कर उसकी खिल्ली उडाता है| तब दीलिप कुमार कहते हैं कि तुम्हारे पास पैसा बहुत होगा, लेकिन मेरे पास दिमाग है| अगर तुम्हारे जैसा कम बुद्धि का इंसान क़ानून तोड़कर यहाँ तक पहुंच जाता है, तो सोचो कि अगर मेरे जैसा बिद्धिमान व्यक्ति गुनहगार बन गया, तो तेरे जैसों की क्या हालत होगी|

अब आप याद कीजिए जब मनमोहन सरकार को लुच्चे लफंगे चला रहे थे| मनमोहन सिंह खुलेआम कहते थे कि गठबंधन की मजबूरी है| उन्हीं लुच्चे लफंगों के खिलाफ अन्ना हजारे धरने पर बैठे थे| मैं दुबारा फिल्म पर आता हूँ| बाद में एक छोटा गुंडा दीलिप कुमार…

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Published: 28.Jun.2023, 18:31

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश यात्रा से लौटते ही कामन सिविल कोड पर गंभीरता दिखा कर| और कामन सिविल कोड को मुस्लिम महिलाओं के साथ जोड़ कर न सिर्फ विपक्ष के तंबू में आग लगा दी, बल्कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की भी नींद उड़ा दी|  24 घंटे के भीतर मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने मीटिंग बुला ली, जिसमें मुस्लिम वकीलों को भी बुलाया गया| केजरीवाल की तरह बात बात पर नरेंद्र मोदी को चुनौती देने वाले असुदुद्दीन ओवेसी भी मीटिंग में पहुंचे हुए थे| जिन्होंने मोदी के भोपाल वाले बयान के दो मिनट बाद ही यूनिफार्म सिविल कोड को खारिज कर दिया था| ओवेसी ने कह दिया था कि मोदी मुसलमानों पर हिन्दू क़ानून लादना चाहते हैं| मुसलमान समान नागरिक संहिता को कभी स्वीकार नहीं करेंगे| वे क्रिमिनल ला  तो इसलिए स्वीकार करते हैं, क्योंकि क्रिमिनल ला में अपराधों की सजा कम है| जबकि इस्लामिक ला में ज्यादा है| इस्लामिक ला में छोटे छोटे अपराधों में भी सजा-ए-मौत का प्रावाधान है, तो वह उन्हें सूट नहीं करता|

भारत के मुसलमान शुकर मनाते हैं कि अंग्रेज क्रिमिनल ला सभी के लिए एक कर गए| लेकिन अगर वे सिविल ला भी एक कर ग…

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Published: 07.Jan.2023, 13:23

अजय सेतिया / आम आदमी पार्टी और केजरीवाल 2013 से भाजपा पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं| हालांकि वह ऐसा एक भी ठोस सबूत पेश नहीं कर सके, जिससे साबित होता हो कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी के विधायकों को खरीद कर केजरीवाल की सरकार गिराने की कोशिश की हो| असल में केजरीवाल को दिल्ली विधानसभा में इतना ज्यादा बहुमत है कि दलबदल करवा कर उनकी सरकार गिराने की कोई गुंजाइश ही नहीं है| लेकिन दूसरी तरफ सच यह भी है कि भारतीय जनता पार्टी जहां भी मौक़ा मिलता है, विरोधी दलों की सरकार गिरा कर अपनी सरकार बनाने से नहीं चूकती| मध्यप्रदेश , कर्नाटक दो बड़े उदाहरण हैं| आम आदमी पार्टी के साथ भी चंडीगढ़ में ऐसा हो चुका है, जहां आम आदमी पार्टी के ज्यादा पार्षद होने के बावजूद भाजपा का मेयर चुना गया था| केजरीवाल जो आरोप लगाया करते थे और भाजपा जिन आरोपों को हमेशा झूठ कहती थी, वह दिल्ली नगर निगम के मेयर पद के चुनाव में दिखने लगा है| पांच और छह जनवरी को दिल्ली नगर निगम में जो कुछ हुआ, उसने भाजपा की नियत पर शक पैदा कर दिया है| हर राजनीतिक दल को लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए, लेकिन पा…

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Published: 01.Dec.2022, 20:23

अजय सेतिया / कहते हैं रेगिस्तान में रेत  गर्मियों में गर्म भी जल्दी  होती है और सर्दियों में ठंडी भी जल्दी होती है| राजस्थान में पारा इतना गिर गया है कि माऊंट आबू में बर्फ जमने लगी है, लेकिन जैसे जैसे पारा गिर रहा, वैसे वैसे राजस्थान की राजनीति का पारा चढ़ रहा है| राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश से पहले ही अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर कांग्रेस से गद्दारी का बम फोड़ दिया था| इस बम धमाके ने दस जनपथ की चूलें हिला दी थीं| क्योंकि अशोक गहलोत के खंडन के बावजूद माना अभी भी यही जाता है कि गांधी परिवार ही सचिन पायलट को सीएम बनवाना चाहता है| इस बम धमाके के बाद राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट दोनों को पार्टी के लिए एसेट्स कह कर सीज फायर करवाने की कोशिश की थी, लेकिन अशोक गहलोत ने राहुल गांधी के कहे  का अपनी मर्जी से अर्थ निकाल कर उनकी सीजफायर की कोशिश को भी नाकाम कर दिया|

आखिर कांग्रेस के संगठन महासचिव वेणुगोपाल को जयपुर जा कर राहुल की यात्रा निकल जाने तक दोनों में सीजफायर करवाना पड़ा| वेणुगोपाल ने हाथ पैर जोड़ कर अशोक गहलोत को मनाया है| वेणुगोपाल…

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Published: 29.Nov.2022, 13:17

अजय सेतिया / सुप्रीमकोर्ट और मोदी सरकार में चल रहा शीत युद्ध अब सतह पर आ गया है| वाजपेयी सरकार के समय भी जब ऐसा ही टकराव शुरू हुआ था, तो वाजपेयी ने टकराव से बचने के लिए अपने क़ानून मंत्री राम जेठमलानी को हटा दिया था| लेकिन इस बार का सरकार टकराव टालने के मूड में नहीं है| ऐसा लगता है नरेंद्र मोदी ने क़ानून मंत्री किरिन रिजीजू को खुली छूट दी हुई है| ताजा टकराव की शुरुआत भले ही चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में सुप्रीमकोर्ट के दखल से हुई है, लेकिन अब यह जा कर खत्म होगा कोलेजियम सिस्टम खत्म होने से| 24 नवंबर को सुप्रीमकोर्ट में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया पर बहस चल रही थी| अटार्नी जनरल ने कोर्ट को चेता दिया था कि वह कार्यपालिका के काम में दखल न दे| लेकिन बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने चयन प्रक्रिया में चीफ जस्टिस को शामिल करने की बात कह कर सरकार के साथ टकराव का रास्ता अपना लिया था| अगले ही दिन 25 नवंबर को कानून मंत्री किरन रिजीजू ने एक कार्यक्रम में कॉलेजियम सिस्टम पर तीखा हमला किया| उन्होंने कहा कि संविधान में कोलिजियम सिस्टम का कहीं कोई जिक्र नहीं है , यह संव…

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Published: 28.Nov.2022, 08:57

अजय सेतिया /नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एक बार फिर राजनीति गर्माने वाली है| इस बार सबसे ज्यादा सियासी तूफान बंगाल में मच रहा है| हालाकि तीन साल बीतने को हैं , और केंद्र सरकार ने अभी क़ानून को लागू करने की नियमावली नहीं बनाई है| लेकिन बंगाल की भारतीय जनता पार्टी ममता बनर्जी सरकार को खुली चुनौती दे रही है कि उसमें हिम्मत है तो वह सीएए को रोक कर दिखाएं| असल में इस की सियासत मतदाता सूची से शुरू हो रही है| कुछ दिन पहले ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने लोगों से अपील की है, जिसमें उन्होंने सभी से कहा कि वे अपना नाम मतदाता सूची में जरूर डलवाएं, अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उन का नाम नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी से वह गायब हो जाएगा| इस से साफ़ है कि वह अपील बांग्लादेशी मुसलमानों से कर रही हैं, जो इस समय उनका कोर वोटर बन कर उभर रहा है| अब इस का यह मतलब भी निकलता है कि ममता बेनर्जी यह मान कर चल रही है कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले हिन्दू कार्ड खेलने के लिए सीएए ही नही, एनआरसी भी लागू करेगी| इसीलिए वह अपना वोट बैंक मजबूत कर रही है, जबकि अब तक तो वह केंद्र सरकार को चुनौती दे रह…

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Published: 26.Nov.2022, 17:05

अजय सेतिया / मुलायम सिंह के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट और आजम खान की विधायकी रद्द होने से खाली रामपुर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है| वैसे खतौली विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हो रहा है, लेकिन मैनपुरी और रामपुर सीटों का राजनीतिक महत्व ज्यादा है| ये दोनों उपचुनाव सिर्फ दो सीटों के उपचुनाव नहीं है| बल्कि 2024 के लोकसभा चुनावों का लिटमस टेस्ट है| समाजवादी पार्टी का भविष्य तय करने वाले उपचुनाव है| दोनों ही ये सीटें समाजवादी पार्टी का गढ़ रही हैं| मैनपुरी यादव बहुल सीट है और रामपुर मुस्लिम बहुल| यादव और मुस्लिम ही समाजवादी पार्टी के मूल आधार हैं| भाजपा अगर इन में से एक सीट भी जीत गई, तो समाजवादी पार्टी का अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के विकल्प बनने पर भी सवालिया निशान लगेगा| मायावती चाहती हैं कि सपा का ग्राफ गिरे, ताकि जनता में, खासकर मुसलमानों में यह धारणा बनने लगे कि सपा भाजपा को नहीं रोक सकी| अगर यह धारणा बन गई तो सपा के साथ गया मुस्लिम वोट बसपा की तरफ लौट आएगा| इससे अगले लोकसभा चुनाव में एम.वाई गठबंधन की जगह मुस्लिम दलित गठबंधन बन सकेगा|

मायावती ने तीनों ही…

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Published: 25.Nov.2022, 13:31

अजय सेतिया / लगता है मोदी सरकार ने मुगलों का गुणगान करने वाले और भारतीयों के मन में हीनभावना भरने वाले झूठे इतिहास को फिर से लिखवाने का मन बना लिया है| पिछले साढे आठ साल से इस महत्वपूर्ण काम की अनदेखी हो रही थी, ऐसा लगता था कि यह काम मोदी के एजेंडे पर है ही नहीं| औरंगजेब को धूल चटाने वाले असम के आहोम शासकों के सेनापति लचित बरफुकन की 400वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने साफ़ साफ़ शब्दों में इतिहास के पुनर्लेखन को सरकार के एजेंडे पर बताया है| मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास को दबाया गया, भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी का इतिहास नहीं है| भारत का इतिहास योद्धाओं का इतिहास है| दुर्भाग्य से हमें आजादी के बाद भी वही इतिहास पढ़ाया जाता रहा, जो गुलामी के कालखंड में साजिशन रचा गया था| आजादी के बाद जरूरत थी कि हमें गुलाम बनाने वाले विदेशियों के एजेंडों को बदला जाए, लेकिन ऐसा किया नहीं गया| देश के हर कोने में मां भारती के वीर बेटे-बेटियों ने कैसे आतताइयों का मुकाबला किया, अपना जीवन समर्पित कर दिया, इस इतिहास को जानबूझकर दबा दिया गया|…

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Published: 19.Nov.2022, 14:51

अजय सेतिया / अगर आप किसी पर कीचड़ फेंकेंगे, तो उस के कुछ छींटे आप पर भी पड़ेंगे| राहुल गांधी के साथ वही हो रहा है, वह अंगरेजी के वामपथी “हिन्दू” अखबार की मुहीम और राम पुनियानी जैसे मुगलों के समर्थक और हिन्दुओं के कट्टर विरोधियों की बातों में आ कर हिन्दुओं के नायक वीर सावरकर पर बार बार कीचड़ फैंक कर रहे| लेकिन इस बार उन की खुद की झकाझक सफेद विदेशी टी-शर्ट पर कीचड़ के इतने दाग लग गए हैं, कि कोई वाशिंग मशीन उनके काम नहीं आ रही| वीर सावरकर के पत्र की जैसी भाषा राहुल गांधी ने मीडिया को दिखाई है, हू-ब-हू वैसी ही भाषा वाली महात्मा गांधी की ब्रिटिश सरकार को लिखी गई दो चिठियाँ मार्केट में आ गई है| महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने महात्मा गांधी की वह चिठ्ठी ट्विटर पर पोस्ट कर दी है, जिस में महात्मा गांधी ने अंत में लिखा था- “ मैं आपकी शाही महारानी के वफादार नौकर बने रहने की भीख माँगता हूँ|” - इस के बाद महात्मा गांधी के दस्तखत हैं| असल में ब्रिटिश राज में चिठ्ठियों की भाषा ऐसी ही होती थी, ऐसे जवाहर लाल नेहरू के भी अनेक पत्र मौजूद हैं, जिन में महारानी की चाटुकारिता वाली भाषा…

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