बीबीसी को भारत विरोधी बताकर युवाओं ने नौकरियां ठुकराई
नई दिल्ली / अजय सेतिया / बीबीसी ने हिन्दी में चार पदों पर आवेदन मांगे हैं | मार्क टूली के समय भारत में बीबीसी की सब से पहले और सब से पुष्ट समाचारों की चावी बनी थी | बीबीसी को आज भी भारत में उसी नजर से देखा जाता है | लेकिन कुछ साल पहले शुरू हुई बीबीसी की साईट ने अपनी छवि को कितना नुक्सान पहुंचाया है , यह फेसबुक पर युवाओं की प्रतिक्रिया देख कर लगाया जा सकता है |