बीजेपी की गुटबाजी में अब उमा भारती का दांव
बीजेपी को नवीन पटनायक ने झटका दिया। तो कांग्रेस को लालू-पासवान ने। मुलायम पहले ही झटका दे चुके। वैसे अपने लिए गङ्ढा खुद खोदा था कांग्रेस ने। याद है 29 जनवरी की कांग्रेस वर्किंग कमेटी। जब कांग्रेस ने यूपीए को ठोकर मारने की रणनीति बनाई थी। वर्किंग कमेटी के बाद जनार्दन द्विवेदी ने कहा था- 'यूपीए के नाते चुनाव नहीं लड़ेगी कांग्रेस। यूपीए तो शासन के लिए था।' अब जब लालू-पासवान ने कांग्रेस के लिए तीन सीटें छोड़ी। तो दस जनपथ के होश फाख्ता हो गए। वैसे कांग्रेस मांग भी ज्यादा नहीं रही थी। सिर्फ छह मांग रही थी। चार 2004 वाली। पांचवीं नालंदा की। नालंदा से जेडीयू के टिकट पर जीते थे रामस्वरूप प्रसाद। कांफिडेंस वोट में सरकार बचाने आए थे। सो कांग्रेस ने टिकट का वादा किया था।