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Exclusive Articles written by Ajay Setia

राजनाथ बोले- 'सत्ता के लिए कांग्रेस फिर देश तोड़ देगी'

Publsihed: 13.Nov.2008, 20:39

विश्वेंद्र सिंह टिकटों का मोलभाव करने में माहिर। पर इस बार एक नहीं चली। तो वसुंधरा पर ही टिकटें बेचने का आरोप मढ़ दिया। चलो एक जैसे हो गए। कांग्रेस मारग्रेट, मकवाना के आरोपों से जूझ रही थी। बीजेपी पर वैसा ही आरोप विश्वेंद्र ने मढ़ दिया। कांग्रेस की जान में जान आ गई। पर अपने गोपीनाथ मुंडे कह रहे थे- 'विश्वेंद्र को कितना देते। सोलह टिकटों के ठेकेदार बने बैठे थे।' यानि विश्वेंद्र का आरोप मारग्रेट जितना दमदार नहीं। कांग्रेस को तो मारग्रेट का जवाब ही नहीं सूझा।

छटपटाहट तो कांग्रेसियों में भी शुरू हो चुकी

Publsihed: 13.Nov.2008, 06:21

जाफर शरीफ, जालप्पा, सिध्दारमैया को पुचकारना काम आया। मारग्रेट को फटकार ही दिया। तीनों की चुप्पी पुचकारने का सबूत। मंगल को वीरप्पा मोइली ने भले मारग्रेट के इस्तीफे की पुष्टि नहीं की। पर बुधवार को इस्तीफा मंजूर हो गया। तो वही मारग्रेट पर सबसे ज्यादा बरसे। सिर्फ अर्चना डालमिया ने मारग्रेट को दिलासा दिया। कहा- 'पार्टी छोड़कर न जाएं।' पर मोइली ने पार्टी छोड़ जाने की सलाह कुछ ऐसे दी- 'अब मारग्रेट की पार्टी में वह इज्जत नहीं रहेगी।' समझदार हो, तो इशारा काफी। वैसे भी कांग्रेस की यह पुरानी परंपरा। न चोर को मारो, न चोर की मां को। मारो चोर-चोर चिल्लाने वाले को।

मारग्रेट को फटकारने पुचकारने की रणनीति

Publsihed: 11.Nov.2008, 20:39

मारग्रेट अल्वा की बिसात क्या बिछी। अपने अहमद पटेल पस्त हो गए। चार दिन बीत गए। सोनिया फैसला करने की हालत में नहीं पहुंची। वीरप्पा मोइली सुबह गरम तो शाम को नरम। न उगला जाए, न निगला। प्रवक्ताओं के मुंह में तो जुबान ही नहीं। कांग्रेस महासचिव कोई छोटा-मोटा पद नहीं। याद करो, हू-ब-हू ऐसी हालत बीजेपी में हुई थी। बात दस नवम्बर 2004 की। तो बीजेपी ने कितनी फुर्ती दिखाई थी। जैसे मारग्रेट अब दिग्गी राजा-पृथ्वीराज चव्हाण के खिलाफ भड़की। वैसे उमा भारती तब जेटली-वेंकैया-महाजन-नकवी के खिलाफ भड़की थी। मारग्रेट की तरह उमा भी पार्टी की महासचिव थी। उमा ने मीटिंग से वाकआउट किया।

कंगारूओं का किला ढहा धोनी हुए धुरंधर

Publsihed: 10.Nov.2008, 20:39

नागपुर में जीत की इबारत सचिन ने पहले दिन ही लिख दी थी। जब उनने सुनील गावस्कर और ऐलन बार्डर का रिकार्ड तोड़ा। अपन ने सोमवार को कंगारूओं को हराकर जो ट्राफी जीती। वह इन दोनों महान क्रिकेटरों के ही नाम। सचिन के टेस्ट जीवन का यों तो 40वां सैकड़ा था। पर यह 40वां सैकड़ा बनाने में लंबा वक्त लगा। चालीसवां सैकड़ा  मारकर सचिन ने गावस्कर को पीछे छोड़ दिया। कंगारू बार्डर ने नब्बे आधे सैकड़े बनाए थे। सचिन 91 बना चुके। सचिन अब आस्ट्रेलिया से खेलते हुए दो सैकड़े और बना लें। तो कंगारूओं के खिलाफ सबसे ज्यादा सैकड़े बनाने वाले होंगे।

मारग्रेट ने खोली कांग्रेसी टिकटें बिकने की पोल

Publsihed: 07.Nov.2008, 20:35

मुसीबतें हैं कि कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ रहीं। एक से पिंड छूटता नहीं। दूसरी सिर उठाने को तैयार। ले देकर लोकसभा में बहुमत साबित किया। करुणानिधि तमिल मुद्दे पर अपने सांसदों के इस्तीफे बटोरने लगे। मनमोहन-प्रणव दा ने किसी तरह श्रीलंका मुद्दे से पिंड छुड़ाया। तो अब महाराष्ट्र के मुद्दे पर लालू-पासवान अपने सांसदों के इस्तीफे बटोरने लगे। लालू-पासवान की रणनीति नीतीश को घेरने की थी। पर शुक्रवार को दांव उल्टा पड़ गया। जद(यू) के पांचों सांसद इस्तीफा थमा आए।

अब खबरिया चैनलों पर बिछती राजनीतिक बिसात

Publsihed: 06.Nov.2008, 20:39

चुनावी बिगुल बज गया। रैलियां शुरू हो गईं। आडवाणी-राजनाथ भले रथ पर नहीं चढ़े। पर दोनों ने विजय संकल्प रैलियां तो खूब की। राहुल बाबा ने पिछले महीने दर-दर की खाक छानी। कोई राजनीतिबाज बिना स्वार्थ मिट्टी नहीं खोदता। न कोई सिर पर तसला उठाकर मजदूरी का स्वांग रचता। मकसद होता है वोटरों को लुभाना। अपन अक्टूबर में एक खबरिया चैनल देख रहे थे। चैनल कांग्रेसी एमपी का था। सो अपन को उस खबर पर हैरानी नहीं हुई।

मनमोहन से बोले करात 'अब तेरा क्या होगा....'

Publsihed: 05.Nov.2008, 20:39

अमेरिका ने नया इतिहास लिख दिया। वोटरों का उत्साह बिल्कुल वैसा था। जैसा अपन ने इमरजेंसी के बाद 1977 में भारत में देखा। तब भारत में पहली बार कांग्रेस का सूपड़ा साफ हुआ। ठीक उसी तरह 219 साल बाद अमेरिका में नया इतिहास लिखा गया। कोई सोच नहीं सकता था- व्हाइट हाऊस में ब्लैक राष्ट्रपति बैठेगा। दो साल पहले जब चुनाव मुहिम शुरू हुई। तो डेमोक्रेट के कई शुरूआती उम्मीदवारों के बाद दो टिके रह गए। हिलेरी क्लिंटन और बाराक हुसैन ओबामा। उधर रिपब्लिकन उम्मीदवार मैककेन तय हो गए। तो साफ था- 'जीते कोई भी, नया इतिहास तो बनेगा ही।'

मैककेन जीत गए,तो बूथ कैपचरिंग न कहें ओबामा

Publsihed: 04.Nov.2008, 20:39

अपना चुनाव आयोग उम्मीदवारों को डंडा न दिखाता। तो कोई अपना बहीखाता न खोलता। कोई अपने कर्म-कुकर्म कतई नहीं बताता। अपनी शिक्षा-दीक्षा को भी छुपाते रहते। यों झूठ बोलने वालों की अब भी कमी नहीं। कांग्रेस के सांसद मणिकुमार सुब्बा को ही लो। तीन जगह अपना जन्मदिन अलग-अलग बताते पकड़े गए। अब सीबीआई ने कोर्ट में बताया है- 'सुब्बा भारत का सिटीजन ही नहीं।' गलत जानकारी देने में सोनिया गांधी भी पीछे नहीं। उनने खुद को ग्रेजुएट बताया। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने चुनौती दी।

अफजल हो गए कांग्रेस के 'गुरुजी'

Publsihed: 04.Nov.2008, 05:20

असम बम धमाकों के तार चीन तक जा जुड़े। शिवराज पाटिल की होम मिनिस्ट्री के इस खबर ने होश उड़ा दिए। पाक-बांग्लादेश के बाद अब चीन भी आतंकवाद में शामिल। अपन को तीनों तरफ से घेरने की साजिश। चीन को न तो न्यूक्लियर डील पसंद आई। न चंद्रयान अभियान। असम बम धमाकों का आरडीएक्स चीन से आया। यह खुलासा होम मिनिस्ट्री के एक जिम्मेदार सज्जन ने किया। पर अपनी मनमोहन सरकार इस सुराग को दबाने की फिराक में। मनमोहन सरकार का सारा जोर हिंदू नेताओं को घेरने-फंसाने का।

कैबिनेट में आतंकवाद नही, छठ की 'राज' नीति हावी

Publsihed: 01.Nov.2008, 05:42

यूपीए सरकार 'हिंदू आतंकवाद' में फंस गई। अब 'अभिनव भारत' को आतंकवादी साबित करने की तैयारी। अपन अभिनव भारत का इतिहास बताते जाएं। वीर सावरकर ने 1893 में बनाया था 'अभिनव भारत'। 'अभिनव भारत' की आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका रही। जैसे आजादी के आंदोलन में कांग्रेस की। महात्मा गांधी चाहकर भी कांग्रेस भंग नहीं कर सके। पर वीर सावरकर ने 1952 में 'अभिनव भारत' भंग कर दी थी। मौजूदा यूपीए राज में आतंकवादियों का तुष्टिकरण शुरू हुआ। आतंकवाद की वारदातें बढ़ने लगी। तो 'अभिनव भारत' को दुबारा खड़ा किया गया 2006 में।<-- more --> वीर सावरकर के भाई बालाराव की पुत्रवधू हिमानी सावरकर ने बीडा उठाया। बताते जाएं- हिमानी ना