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Exclusive Articles written by Ajay Setia

सेंट्रल हाल का श्रीगणेश शुभ करने की कवायद

Publsihed: 23.Feb.2008, 20:40

अपन संसद सत्र पर लिखते-लिखते भूल न जाएं। सो पहले बता दें। गोपीनाथ मुंडे राजस्थान के प्रभारी बने रहेंगे। चुनाव से पहले प्रभारी बदलने का संकट खत्म। शुक्रवार को मुंडे-आडवाणी में लंबी गुफ्तगू हुई। इसमें यह तय हुआ। आप अंदाजा लगा सकते हैं। अब आडवाणी-राजनाथ का तालमेल बैठने लगा। आडवाणी अब राज्यों पर भी निगाह रखेंगे। वैसे फिलहाल आडवाणी की नजर बजट सत्र पर। मनमोहन-सोनिया की घेराबंदी होगी। तीन मुद्दे अहम। महंगाई, आतंकवाद और महिला आरक्षण। महिला आरक्षण का मुद्दा आडवाणी ने रणनीति के तहत पकड़ा। सत्र से ठीक पहले महिला रैली से मुद्दा भाजपा के पाले में।

चुनावी बजट में आम आदमी निशाने पर

Publsihed: 22.Feb.2008, 20:40

अपन एंजियो प्लास्टी कराकर लौटे। तो पाकिस्तान में चुनाव नतीजे आ रहे थे। सो तीन दिन अपन ने हाल-ए-पाक बताया। पाक में अब हंगामे से पहले की खामोशी। बुश-मुशर्रफ की जमहूरियत विरोधी साजिश अभी भी जारी। साजिश क्या रुख अख्तियार करेगी? अपन को दिल थामकर इंतजार करना होगा। तब तक अपन अपनी आबो-हवा की पड़ताल करें। राजनीतिक आबो-हवा की बात तो करेंगे ही। पहले हाल-ए-मौसम बता दें। मौसम ने बहुत डर-डरकर करवट ली। फरवरी का आखिरी हफ्ता आ गया। सर्दी जाने का नाम नहीं ले रही। शुक्रवार को तापमान दस डिग्री से नीचे नहीं गया। तो दिल्ली वालों ने राहत की सांस ली। अब तो एक-आध दिन में स्वाटर उतरेंगे ही। अब बात राजनीतिक आबो-हवा की।

मुशर्रफ से पहला टकराव तो इफ्तिखार पर

Publsihed: 22.Feb.2008, 07:26

तो पाकिस्तान में वकील फिर सड़कों पर आ गए। परवेज मुशर्रफ की पार्टी का यह हाल न होता। अगर उनने तीन नवंबर को ज्यूडिसरी पर हमला न किया होता। अब तो मुशर्रफ को अपने दिन गिनने चाहिए। अमेरिका भी कितनी मदद करेगा। रिपब्लिकन पार्टी का यों भी अमेरिकी चुनाव जीतना मुश्किल। ओबामा हो या हिलेरी। जीतेंगे डेमोक्रेट। बुश की नीतियां कुछ दिन की मेहमान। तब तक मुशर्रफ बच गए। तो बच गए। उसके बाद तो मुशर्रफ का मुश्किल। अपन आसिफ जरदारी का रुख तो नहीं जानते। पर इतना तो साफ- वह अमेरिकी दबाव में। सो जजों की बहाली पर उतने गर्म नहीं। जितने नवाज शरीफ हो चुके।

पाक की जमहूरियत में अमेरिकी फच्चर

Publsihed: 21.Feb.2008, 03:20

अपन ने कल पाकिस्तान में जमहूरियत का जिक्र किया। अपन को लगा- जमहूरियत ने पाक में कदम रख लिए। अपने लिखे की स्याही अभी सूखी भी नहीं होगी। चुनावी नतीजों के पेंच फंसने लगे। अपन ने लिखा था- 'बेनजीर की हत्या न हुई होती। तो चुनावी नतीजे कुछ और होते।' अगर अपन पाकिस्तानी आवाम का जनादेश देखें। तो परवेज मुशर्रफ के तो खिलाफ। पर बेनजीर की पीपीपी-नवाज शरीफ की मुस्लिम लीग के हक में। पर पीपीपी-मुस्लिम लीग में छत्तीस का आंकड़ा रहा। अलबत्ता अपन कहें- 'ईंट कुत्ते का बैर रहा।' तो गलत नहीं होगा।

पाक में जमहूरियत का आगाज काबिल-ए-तारीफ

Publsihed: 19.Feb.2008, 20:40

जमहूरियत के लिए अच्छा दिन। एक साथ दो खबरें आई। क्यूबा से फिदेल कास्त्रो ने रिटायरमेंट ली। तो अपन को क्यूबा में जमहूरियत का आगाज दिखा। अपने लेफ्टिए यह पढ़कर जरूर खफा होंगे। पर क्यूबा में पचास साल से कम्युनिस्ट राज चला। जो अब आगे ज्यादा नहीं चलना। कास्त्रो का इंदिरा के जमाने से अपने साथ गहरा रिश्ता रहा। कास्त्रो-इंदिरा का आलिंगन काफी मशहूर हुआ। फिदेल कास्त्रो ने यों तो डेढ़ साल पहले ही हुकूमत छोड़ दी थी। पर अब रिटायरमेंट का एलान हुआ। कास्त्रो बीमार पड़े। तो अपने भाई को कमांडर इन चीफ बना दिया। पता नहीं, कम्युनिस्ट इसे कैसे सही ठहराएंगे।

संत वेलेंटाइन तो आत्म हत्या कर लेते

Publsihed: 14.Feb.2008, 20:41

अपना दिल तो वेलेंटाइन डे से चार दिन पहले ही पंचर हो गया। इस बीच बहुत कुछ हो गया। राज ठाकरे गिरफ्तार हो गए। पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया। डी-लिमिटेशन नोटिफाई हो गया। अपन ने पहले ही कहा था- 'दस फरवरी के बाद जारी करेंगे। कर्नाटक में चुनाव टालने की साजिश।' अब देखना चुनाव टालने की पूरी कोशिश होगी। और भी बहुत कुछ हुआ। तीन मंत्री प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हो गए। अपन पचौरी-दासमुंशी का तो पांच महीने पहले ही बता चुके। सोनिया को फैसला लेने में बहुत वक्त लगा। लगे हाथों सैफुद्दीन सोज भी मजबूत हुए। गैर कांग्रेसी राज्यों में मंत्री पार्टी की कमान सभाल लें। यह फार्मूला पचौरी का था।

असुविधा के लिये खेद है

Publsihed: 11.Feb.2008, 20:13

अजय सेतिया जी के स्वस्थ न होने की वजह से कुछ दिनो के लिये इंडिया गेट न्यूज पर नये लेख नहीं छपेंगे। असुविधा के लिये खेद है।

अजय जैन,

जाल संचालक

इंडिया गेट न्यूज

जनता बेहाल महंगाई से नेता तू-तू, मैं-मैं में मशगूल

Publsihed: 08.Feb.2008, 20:53

अपनी मनमोहन सरकार का यह आखिरी बजट तो नहीं। पर क्या पता लगता है। चुनावी साल में मनमोहन ज्यादा फिक्रमंद। लोकसभा जितने ही महत्वपूर्ण हैं इस साल के विधानसभा चुनाव। गुजरात नतीजों की हार से सोनिया अब तक नहीं उबरी। अब मनमोहन गलतियां सुधारने के मूड में। बजट में रियायतों का पिटारा खुलेगा। चिदंबरम की ऐंठ भी अब खत्म। वरना आम आदमी की हर योजना में अड़ंगा लगाते थे। अबके कांग्रेस दफ्तर आए। तो मजबूरियां नहीं गिनाई। अपने मनमोहन सिंह शुक्रवार को महाराष्ट्र में थे। वही महाराष्ट्र जहां किसानों की आत्म हत्याएं नहीं रुक रही।

राज की लगाई आग में मीडिया ने डाला घी

Publsihed: 07.Feb.2008, 20:45

राज ठाकरे की लगाई आग में गुरुवार को मीडिया ने घी डाला। यों घी डालने का ठीकरा फोड़ा गया लेफ्टिनेंट गवर्नर तेजेंद्र खन्ना के सिर। संवैधानिक हस्तियों के साथ भी खिलवाड़ कर सकता है विजुअल मीडिया। अपनी टीआरपी के लिए कुछ भी करेगा। यह इसका ताजा उदाहरण। दिल्ली की ट्रेफिक प्राब्लम कौन नहीं जानता। आए दिन ब्ल्यू लाइन का कहर हजार भर जानें ले चुका। रेड लाइट क्रासिंग रोकने की सारी कोशिशें नाकाम। दूर मत जाओ। आप दिल्ली का चंडीगढ़ से ही मुकाबला कर लो। मुंबई से करोगे। तो दिल्ली वाले शर्मसार होंगे ही। चंडीगढ़ हो या दिल्ली। बेंगलुरु हो या चेन्नई।

आओ वापस सोलहवीं सदी में चलें

Publsihed: 06.Feb.2008, 20:40

इक्कीसवीं सदी में जाने वाले अचानक सोलहवीं सदी में दिखे। तो अपने पांवों तले से जमीन निकल गई। अपने मनमोहन सिंह का जवाब नहीं। पता नहीं कहां से लाकर लॉ कमिशन का चेयरमैन बनाया। एआर लक्ष्मणन ने बुधवार को अपने हंसराज भारद्वाज को रिपोर्ट सौंपी। तो मनमोहन के केबिनेट मंत्रियों की हवाईयां उड़ गई। रिपोर्ट कहती है- 'लड़कों को 18 साल का होने पर शादी का हक मिले।' अपने वाजपेयी बजरिया लॉ कमिशन ही उम्र बढ़ाकर गए थे। अब मनमोहन सिंह ने अपने लॉ कमिशन की रिपोर्ट मानी। तो अपन इक्कीसवीं सदी में नहीं। अलबत्ता सोलहवीं में ही जाएंगे। वाजपेयी जमाने में महिला आयोग की अध्यक्ष थी पूर्णिमा आडवाणी। रिपोर्ट देख पूर्णिमा भड़की हुई थी। पूर्णिमा के समय में भी शादी के लिए लड़की की उम्र अट्ठारह। लड़के की उम्र कम से कम इक्कीस तय हुई थी।