अपना दिल तो वेलेंटाइन डे से चार दिन पहले ही पंचर हो गया। इस बीच बहुत कुछ हो गया। राज ठाकरे गिरफ्तार हो गए। पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया। डी-लिमिटेशन नोटिफाई हो गया। अपन ने पहले ही कहा था- 'दस फरवरी के बाद जारी करेंगे। कर्नाटक में चुनाव टालने की साजिश।' अब देखना चुनाव टालने की पूरी कोशिश होगी। और भी बहुत कुछ हुआ। तीन मंत्री प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हो गए। अपन पचौरी-दासमुंशी का तो पांच महीने पहले ही बता चुके। सोनिया को फैसला लेने में बहुत वक्त लगा। लगे हाथों सैफुद्दीन सोज भी मजबूत हुए। गैर कांग्रेसी राज्यों में मंत्री पार्टी की कमान सभाल लें। यह फार्मूला पचौरी का था।
प्रयोग मंत्रियों को प्रभारी बनाने से शुरू हुआ। जब माकन को झारखंड सौंपा गया। पृथ्वीराज को कर्नाटक। केंद्र के मंत्रियों की प्रशासन पर खूब धौंस चलेगी। अपन वेलेंटाइन-ठाकरे की बात करेंगे। पर सोनिया को मिले नोटिस का फंडा बताते जाएं। वेल्जियम के सम्मान पर मिले नोटिस को उस नजरिए से न देखें। जो अपन को नंगी आंख से दिखता होगा। सोनिया को नोटिस में नवीन चावला के समर्थन को गहराई से देखिए। नवीन चावला ने बीजेपी का आरोप गलत साबित कर दिया। आयोग का यह नोटिस इसी रणनीति का हिस्सा। चावला के खिलाफ पिटीशन में बीजेपी ने कहा था- 'चावला की कांग्रेस से नजदीकी। आयोग के फैसलों में तरफदारी करते रहे।' सो सोनिया को नोटिस की गहराई समझिए। नवीन चावला के बरी होने का रास्ता खुला। रास्ता खुला मतलब अगले सीईसी। पता नहीं राजीव प्रताप रूढ़ी ताली क्यों बजा रहे थे। राजनीति की पाठशाला में अभी काफी अनाड़ी। रूढ़ी से तो राज ठाकरे माहिर। जिनने दो-चार बातें कर राजनीतिक जमीन बना ली। अपन कोई राज के समर्थक नहीं। अपन ने तो पहले ही लिखा था- 'दो भाईयों की लड़ाई।' राज का पहला काम उध्दव की जमीन हथियाना। मराठी मानुस कांग्रेस के साथ हैं ही नहीं। कांग्रेस को बाहर वालों पर भरोसा। सो सोनिया के दबाव में राज धरे गए। अपनी राय सुन लीजिए। राज की गिरफ्तारी से कांग्रेस को नुकसान ही होगा। पवार-राज फायदे में ही रहेंगे। पर चौबीस घंटे की मीडियागिरी ने खूब आग लगाई। आग भी लगाई फिर आग में घी भी डाला। अपने यहां चौबीस घंटे का मीडिया आए एक दशक बीत गया। अपन नफा-नुकसान नहीं समझ पाए। कोई आयोग ही बताएगा। इस चौबीस घंटिया मीडिया ने कितने दंगे कराए। चौबीस घंटे का असर देखना हो। वेलेंटाइन डे ही देख लो। अपन इसमें भी बूढ़े नहीं। जो वेलेंटाइन डे से जलन हो। अपन तो इतना जानते हैं। प्यार के रैपर में हवस देख संत वेलेंटाइन स्वर्ग में बैठे हर साल माथा पीटते होंगे। चार दिन आईसीयू के बाद अपन प्राइवेट वार्ड में पहुंचे। टीवी आन किया। तो खबरिया चैनल पर वही डॉक्टर के. के. अग्रवाल थे। जिनने सोमवार को अपने दिल का ईको किया। अग्रवाल को जलन क्यों होगी। वो तो दिल के डॉक्टर। सो उनने दिल के मरीजों को सही सलाह दी। बोले- 'वेलेंटाइन डे पर हाथ में हाथ लेकर प्रेमी आधे घंटे की वॉक करें। इससे बढ़िया वेलेंटाइन गिफ्ट नहीं हो सकता।' पर अपने यहां कौन समझे। अपन ने थाईलैंड की खबर देखी। पुलिस को वेलेंटाइन डे पर होटलों पर छापे मारने पड़े। जहां सैकड़ों किशोर वेलेंटाइन मनाते धरे गए। क्या यही प्यार है? संत वेलेंटाइन तो आत्म हत्या कर लेते। अपनी करीना कपूर को देखो। पिछला वेलेंटाइन शाहिद के साथ। इस बार सैफ अली खान। अगली बारी किसकी? और जो नौटंकी अपनी राखी और अभिषेक ने की। अपने कृष्ण का तो हर दिन वेलेंटाइन डे था। पर अपने यहां कृष्ण की रासलीला नहीं दिखी। वेलेंटाइन डे दिख गया। यह है चौबीस घंटे मीडिया का कमाल।
आपकी प्रतिक्रिया