मोनार्क की जगह महारानी
नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर होम मिनिस्ट्री के दस्तावेज डि-क्लासीफाईड हुए। पर सारे दस्तावेज अभी भी नहीं। सच जानने के लिए तीन आयोग बने। कांग्रेस सरकारों ने तीनों आयोगों में अडंग़ा लगाया। होम मिनिस्ट्री के दस्तावेज भी कभी नहीं दिए। पर आरटीआई के तहत अब जब दस्तावेज दिए। तो उसमें कुछ नया नहीं। वही कांग्रेसी सरकारों का पुराना स्टेंड- 'नेताजी 18 अगस्त 1945 को विमान हादसे में मारे गए थे।' यूपीए सरकार के ताजा कदम का बंगाल में क्या असर होगा। अपन नहीं जानते। पर नेहरू परिवार शक से बाहर नहीं होगा। जो दस्तावेज डि-क्लासीफाईड नहीं हुए। अब उनकी जंग होगी।