तसलीमा के बाद दलाई लामा आंख की किरकिरी
लेफ्ट ने मनमोहन को चिट्ठी लिखी- 'इजराइली फर्म से बाराक का नया सौदा न किया जाए। सवाल अमेरिका और इजराइल का हो। तो अपन को लेफ्ट का रवैया पहले से मालूम। सवाल चीन-रूस-ईरान-इराक का हो। तब भी लेफ्ट की राय से वाकिफ। आखिर रूस-चीन वैचारिक जन्मभूमि। तो ईरान-इराक अल्पसंख्यक वोट बैंक का हथियार। पर अपन को हैरानी तब हुई। जब प्रगतिशीलता पर अल्पसंख्यक वोट बैंक हावी हो गया। तसलीमा नसरीन को बंगाल से निकाल बाहर किया गया। लेफ्ट के साथ कांग्रेस का सेक्युलरिज्म भी बेनकाब हुआ। कांग्रेसी इदरिस अली की रहनुमाई में ही तसलीमा के घर हमला हुआ। प्रगतिशील और सेक्युलर? बुध्ददेव सरकार को अच्छा मौका मिला। नंदीग्राम में गोलीबारी से मुस्लिम खफा थे ही। जहां ज्यादातर मुस्लिम ही मारे गए।