पाक की सियासत से जुड़े घुसपैठ-धमाकों के तार
अपन जयपुर के धमाकों पर फौरी कयास तो नहीं लगाते। पर धमाकों का रिश्ता पाक की सियासत से जुड़े। तो अपन को कतई हैरानी नहीं होनी। पाकिस्तान के चुनावों से जमहूरियत लौटी। तो अपन को जहां खुशी हुई। वहां मन में एक आशंका भी थी। आशंका थी- फौज इस जमहूरियत को कितना बर्दाश्त करेगी। करेगी भी या नहीं। फौज ने पाक की जमहूरियत बर्दाश्त नहीं की। तो ठीकरा अपने ही सिर फूटेगा। अपन अभी यह तो नहीं कह सकते- जमहूरियत पटरी से उतरने लगी। पर जमहूरियत फेल करने की साजिशें तो शुरू हो चुकी। पाकिस्तान के अंदर भी। पाकिस्तान से बाहर भी। इक्कतीस मार्च को सय्यद युसूफ रजा गिलानी की सरकार बनी। तो फैसला हुआ था- 'तीस अप्रेल तक सभी बर्खास्त जज बहाल होंगे।'