दक्षिण से सीख आएं ऐसे हादसों से बचने के गुर
अपने यहां आस्था का कोई अंत नहीं। हुजूम का हुजूम उमड़ पड़ेगा। फिर चाहे भगदड़ में जान ही चली जाए। अपन नैना देवी से चामुंडा देवी तक की भगदड क़ा जिक्र करेंगे। पर पहले अमावस्या के स्नान की बात। अपन सोमवार तड़के नैनीताल से चले। तो ढाई घंटे में मुरादाबाद पहुंच गए। इस स्पीड पर तो अपन छह घंटे में दिल्ली पहुंच जाते। पर पहले मनमोहन सरकार के टूटे-फूटे नेशनल हाइवे का फच्चर। फिर अमावस्या पर पितृ विसर्जन।