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Exclusive Articles written by Ajay Setia

दक्षिण से सीख आएं ऐसे हादसों से बचने के गुर

Publsihed: 30.Sep.2008, 20:39

अपने यहां आस्था का कोई अंत नहीं। हुजूम का हुजूम उमड़ पड़ेगा। फिर चाहे भगदड़ में जान ही चली जाए। अपन नैना देवी से चामुंडा देवी तक की भगदड क़ा जिक्र करेंगे। पर पहले अमावस्या के स्नान की बात। अपन सोमवार तड़के नैनीताल से चले। तो ढाई घंटे में मुरादाबाद पहुंच गए। इस स्पीड पर तो अपन छह घंटे में दिल्ली पहुंच जाते। पर पहले मनमोहन सरकार के टूटे-फूटे नेशनल हाइवे का फच्चर। फिर अमावस्या पर पितृ विसर्जन।

आठ महीने सीक्रेट रही चिट्ठी प्रस्ताव में नत्थी

Publsihed: 29.Sep.2008, 20:39

कृपया गौर करिए। मनमोहन सिंह के खुश होने पर न जाईए। अमेरिकी कांग्रेस ने किस शर्त पर वन-टू-थ्री को मंजूरी दी। खुशी के मारे उसे अनदेखा न करें। मनमोहन अपनी जिद में सब शर्तें मानने को राजी। पर क्या आप लोग उन शर्तों को नहीं देखेंगे? क्या उन शर्तों पर गौर नहीं करेंगे? क्या देश का भला-बुरा सब मनमोहन पर छोड़ देंगे? अपन ने मनमोहन को देश का भाग्यविधाता नहीं चुना।

मोदी का बरी होना नहीं पचा बनर्जी को

Publsihed: 25.Sep.2008, 20:39

सांसद खरीद फरोख्त की कहानी में नया मोड़ आ गया। जिस कार ड्राइवर का जिक्र अपन ने यहीं पर किया था। उस ड्राइवर हशमत की गुरुवार को पेशी थी। हशमत ने पहले खुद हल्फिया बयान दिया था। बकौल अमर सिंह- 'ड्राईवर मेरे घर पहुंचा। उसने बयान बदलने के लिए पांच करोड़ मांगे। पहले मैंने शिवराज पाटिल को फोन पर कहा- पुलिस भेजो। पर वह बोले- कांग्रेस इसमें उलझना नहीं चाहती। फिर मैंने खुद पुलिस को बुलाया।' हशमत को ले जाते मीडिया ने खुद देखा। वह चिल्ला रहा था- 'मेरा अपहरण किया गया।'

आतंकियों की हिमायत में मुशर्रफ जैसी दलील

Publsihed: 24.Sep.2008, 20:39

कांग्रेस में जंगलराज की हालत। सोनिया की रहनुमाई में पार्टी की ऐसी दुर्दशा होगी। अपन ने कभी सोचा नहीं था। एक नेता कुछ कहता है, तो दूसरा कुछ और। मनमोहन सिंह की करनी-कथनी को ही देख लीजिए। एक पल कुछ और तो दूसरे पल कुछ और। उस दिन राष्ट्रपति भवन में गवर्नर कांफ्रेंस थी। तो मनमोहन खुफिया ढांचे के तहस-नहस होने पर गरजे। आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून की वकालत की। मनमोहन से इशारा पाकर कई छुटभैय्ये भी बोले।

सोनिया को लेकर पाटिल पहुंचेंगे मेंगलूर

Publsihed: 24.Sep.2008, 07:50

कर्नाटक में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया। कांग्रेस मौके का फायदा उठाने की फिराक में। तो येदुरप्पा भी हर ईंट का जवाब पत्थर में देने को तैयार। अपने पाटिल ने पहले दो हिदायतें भिजवाई। फिर कुमावत की रहनुमाई वाली टीम। टीम मंगलवार को बेंगलुरु-मेंगलूर घूम ली। नौकरशाही की क्या मजाल। जो येदुरप्पा के लॉ एंड आर्डर को दुरुस्त बता दे। जहां तक बात कानून व्यवस्था की। तो येदुरप्पा ने ताल ठोककर कहा- 'कर्नाटक का लॉ एंड आर्डर दिल्ली से बेहतर। कांग्रेस हालात सुधारने में मदद के बजाए आग में घी डालना छोड़े।'

येदुरप्पा में है दूसरा मोदी बनने का मादा

Publsihed: 22.Sep.2008, 20:40

अपने नरेंद्र मोदी ने शिवराज पाटिल का जमकर बाजा बजाया। बोले- 'पाटिल का सूचना से ज्यादा भोज पर जोर।' टाइम पर भोजन करना बुरी बात नहीं। पर जब बम फूट रहे हों। लोग तड़प-तड़प कर मर रहे हों। तो होम मिनिस्टर के मुंह से निवाला निकलता कैसे होगा। मोदी बोले- 'मैं जब आतंकियों से मिले सुराग बता रहा था, पाटिल बार-बार घड़ी देख रहे थे। मुझसे बोले- जानकारियां तो आती रहेंगीं, मेरे लंच का टाईम हो चुका।' लगते हाथों अपन पाटिल के कपड़े बदलने की पुरानी बात बताते जाएं।

दो आतंकी भाग गए तो पाटिल का क्या कसूर

Publsihed: 19.Sep.2008, 20:39

अपने मीडिया में भी तिस्ता सीतलवाड़ों, पीयूडीआर, पीयूसीएल जैसों की कमी नहीं। कहीं मुठभेड़ हुई नहीं। लगेंगे फर्जी बताने। इस बार तो इलाके की मुस्लिम जनता को भी भड़काया। ठीक उसी तरह, जैसे 1999 में विमान अपहरण के समय भड़काया था। शुक्रवार को दिल्ली के जामिया इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ खत्म भी नहीं हुई थी। सबसे तेज चैनल के मानवाधिकारी खबरची ने कांग्रेस  ब्रीफिंग में पूछा- 'मुठभेड़ को फर्जी बताया जा रहा है। कांग्रेस का क्या कहना है?'

'पोटा' लाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही कांग्रेस

Publsihed: 18.Sep.2008, 20:39

सिरीफोर्ट की सैर करते अरुण जेटली से बात हुई। जेटली पोटा के सबसे बड़े पैरवीकार। जेटली की पैरवी पर ही आडवाणी ने सौ दिन में पोटा का वादा किया। जेटली ने माना- 'पोटा से आतंकवाद नहीं रुकेगा। पर पोटा से छानबीन में तेजी आएगी। जिससे कानूनी प्रक्रिया में तेजी आएगी।' गुरुवार को बुध्दिजीवी सख्त कानून की पैरवी में सामने आए। पोटा की पैरवी सोली सोराबजी, जी. पार्थसारथी ने भी की। अजीत डावोल, जनरल साहनी, चीफ मार्शल त्यागी और एमजे अकबर ने भी की। पर सबसे ज्यादा पोटा की पैरवी नरेंद्र मोदी ने की।

'पाटिल' नहीं, देश को चाहिए 'पोटा'-'पटेल'

Publsihed: 18.Sep.2008, 06:27

कोई मां नहीं चाहती, उसका बेटा आतंकवादी बने। बेटा हत्यारा हो जाए। तो कोई मां जल्दी से भरोसा नहीं करती। सो अब्दुस सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर की मां जुबैदा भी कैसे भरोसा करे। अपन ने सोलह सितंबर को तौकीर का जिक्र किया। विप्रो में कम्प्यूटर इंजीनियर था। इस्तीफा देकर अचानक गायब हो गया। इस्तीफे की वजह लिखी- 'धार्मिक स्टडी करना चाहता हूं।'

दिया जब रंज आतंकियों ने, तो पोटा याद आया

Publsihed: 17.Sep.2008, 06:27

मनमोहन पच्चीस को बुश के साथ एटमी करार करेंगे। अगले ही दिन संयुक्त राष्ट्र के कटघरे में। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने 28 सितम्बर 2001 को दुनियाभर से कहा- 'आतंकवाद से निपटने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं।' वाजपेयी ने जरा देर नहीं की। पच्चीस अक्टूबर को अब्दुल कलाम से आर्डिनेंस जारी करवा दिया। वही पोटा हटाकर  मनमोहन किस मुंह से आतंकवाद के खिलाफ बोलेंगे। अपने अभिषेक मनु सिंघवी अभी भी कहते हैं- 'पोटा की कोई जरूरत नहीं। मौजूदा कानून ही काफी।' पर बताएं तो सही- कौन सा कानून।