यह आतंकवादियों के तुष्टिकरण का नतीजा
केंद्र सरकार ने नया इतिहास रचा। पीएम जब कमजोर हो, तो ऐसा होना ही था। मंत्री राष्ट्रपति को मेमोरेंडम देने जा पहुंचा। यह सोनिया-मनमोहन नामक सत्ता के दो केंद्रों का नतीजा। संविधान का मजाक बनने लगा। मनमोहन ने अजय माकन को मंत्री बनाया। सोनिया ने पार्टी की जिम्मेदारी सौंप दी। असल में सत्ता के दुरुपयोग का यह नया उदाहरण। जो केंद्रीय मंत्रियों को गैर कांग्रेसी राज्यों की जिम्मेदारी दी गई। उड़ीसा-झारखंड अजय माकन को। कर्नाटक पृथ्वीराज चव्हाण को। प्रियरंजन दासमुंशी को बंगाल की अध्यक्षी। सैफुद्दीन सोज को जम्मू-कश्मीर की। अपने सुरेश पचौरी अब मंत्री नहीं रहे। पर एमपी का अध्यक्ष मंत्री रहते ही बनाया।