India Gate Se

Exclusive Articles written by Ajay Setia

पाटिल का पटिया उलाल करेंगे लालू

Publsihed: 16.Sep.2008, 06:24

अपने अभिषेक मनु सिंघवी को बधाई। मनमोहन सिंह की जिम्मेदारी अब उनके कंधे पर। सोमवार को शिवराज पाटिल पर इस्तीफे का दबाव बना। तो सिंघवी बोले- 'पाटिल से किसी ने इस्तीफा नहीं मांगा। वह होम मिनिस्टर बने रहेंगे।' अपन पाटिल से तो लाल बहादुर शास्त्री बनने की उम्मीद रखते ही नहीं। पर अपन समझते थे- पाटिल का फैसला मनमोहन सिंह के हाथ। पर अब वह सिंघवी तय करेंगे। तो मनमोहन सिंह का क्या काम। पीएम की हैसियत क्या हो गई।

सौ दिन में आतंकवाद विरोधी 'पोटा' का वादा

Publsihed: 15.Sep.2008, 06:22

यूपीए सरकार आतंकवादियों के प्रति शुरू से नरम रही। अलबता आतंकवादियों से नरमी यूपीए का चुनावी वादा था। यूपीए और कांग्रेस की तारीफ करनी चाहिए। उनने चुनावों में किया वादा निभाया। सत्ता में आते ही आतंकवादियों को राहत दी। पहला कदम उठाया पोटा हटाने का। दूसरा कदम उठाया आतंकवादी की फांसी रुकवाने का। चुनावी वादा निभाने के लिए कांग्रेस की तारीफ करनी चाहिए। अपन तो आतंकवाद के प्रति बेवजह ही इतने गंभीर। एक दर्जन वारदातें ही तो हुई। एक हजार से ज्यादा लोग तो नहीं मरे होंगे।

मोदी बेंगलूर में गरजे बम दिल्ली में फटे

Publsihed: 14.Sep.2008, 06:18

दिल्ली में फिर बम फट गए। जयपुर के बाद अहमदाबाद-सूरत। अब दिल्ली की बारी। कांग्रेस आतंकवाद का खतरा नहीं समझ रही। समझती हो तो आंखें बंद न करती। मनमोहन के साढ़े चार साल में वाजपेयी के छह साल से ज्यादा बम फट चुके। ज्यादा गंभीर आतंकी वारदातें हो चुकी। ज्यादा लोग मर चुके। अलबता कई गुणा लोग मर चुके। पर मनमोहन-सोनिया को पोटा हटाने का जरा मलाल नहीं। पोटा पर मलाल की बात छोड़िए। अपने नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कानून बनाया।

इस बार फच्चर नहीं अटल ने भेजा आशीर्वाद

Publsihed: 13.Sep.2008, 05:42

आडवाणी-जोशी का डेरा कुमारकुप्पा गेस्ट हाउस में लगा। बीजेपी के सीएम अशोका होटल में जमें। वर्किंग कमेटी के सारे मेंबर चांसलरी होटल में। सारे संगठन मंत्री रामनाश्री होटल में। मीडिया वाले होटल वुडलैंड में। इस तरह जमावडा हुआ बेंगलुरु में बीजेपी का। मजेदार बात बताएं। कन्नड भाषियों में मारवाडियों के दबदबे की। वर्किंग कमेटी का सारा बंदोबस्त अपने राजस्थानी लहर सिंह ने संभाला।

बुश ने क्या कहा,अब तो सुनो मनमोहन भाई

Publsihed: 12.Sep.2008, 06:21

मनमोहन सिंह अब चीन नहीं जाएंगे। गुरुवार को जार्ज बुश का फोन आ गया। अब उसके बाद चीन जाने का क्या मतलब। गांव से कोई बंदा मुंबई जाकर अमिताभ बच्चन से हाथ मिला ले। तो कई दिन हाथ नहीं धोता। सो बुश के फोन के बाद चीन की क्या हैसियत। मनमोहन अब बाईस सितंबर को सीधे न्यूयार्क जाएंगे। चौबीस को वाशिंगटन पहुंचेंगे। पच्चीस को बुश से मुलाकात होगी।

वाजपेयी का संसद के आधे रास्ते से घर लौटना

Publsihed: 11.Sep.2008, 05:51

पंजाब एसेंबली ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को बर्खास्त किया। अपन को ग्यारह सांसदों की बर्खास्तगी याद आ गई। संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने का आरोप था। यानि कुर्सी का दुरुपयोग। यों तो भ्रष्टाचार के मामले में सख्ती होनी ही चाहिए। पर जांच पड़ताल के बाद ही। सांसदों की बर्खास्तगी के समय कोई जांच नहीं हुई। स्टिंग आपरेशन विपक्षी सांसदों के खिलाफ था। न दलील चली, न वकील। अपन को तब भी डर था- 'स्टिंग आपरेशन गले की हड्डी बनेंगे।'

अमेरिकी घुड़की से ठिठकी सरकार

Publsihed: 09.Sep.2008, 06:01

एटमी करार को एनएसजी से हरी झंडी क्या मिली। कांग्रेस में फील गुड फैक्टर शुरू हो गया। अपन को राजस्थान का एक कांग्रेसी बता रहा था- 'डील ने कांग्रेस की उम्मीद बना दी। वरना तो वसुंधरा का पलड़ा भारी था।' एटमी करार कांग्रेस को चुनाव जिता देगा। अपन को तो भरोसा नहीं होता। पर इस देश का क्या पता। कांग्रेस के फील गुड का अंदाज पार्टी की रोजाना ब्रीफिंग में लगा। वीरप्पा मोइली अगल-बगल में जयंती-मनीष को बिठाकर जमकर बोले।

करार हुआ तो पलड़ा भारी होगा मैककेन का

Publsihed: 06.Sep.2008, 06:04

मुलायम की चिंता दूर कर दी अमर सिंह ने। बुश प्रशासन की चिट्ठी से मुलायम घबरा गए थे। मनमोहन से मुलाकात कर अमर सिंह बोले- 'नेता जी नाहक ही घबरा गए। मनमोहन को हम कांग्रेस का नेता नहीं मानते। जो भरोसा न करें। उनने पीएम के नाते संसद से नाता किया है- देश की सुरक्षा से सौदा नहीं करेंगे। सो भरोसा न करने वाली कोई बात नहीं।'

पर मनमोहन के चेहरे पर कोई शिकन नहीं

Publsihed: 05.Sep.2008, 06:07

अपनी बातें रह-रहकर सही साबित हुई। अपने पुराने पाठक जानते होंगे। अपन ने हाईड एक्ट को भारत विरोधी बताया था। मनमोहन-प्रणव ने भी इसे माना। पर संसद में भरोसा दिया- 'हाईड एक्ट हम पर लागू नहीं होगा। वन-टू-थ्री ड्राफ्ट का इंतजार करिए।' पर तीन अगस्त 2007 की रात वन-टू-थ्री का ड्राफ्ट आने वाला था। तो नारायणन और मेनन अटल-आडवाणी से मिले। ड्राफ्ट भारत के माकूल नहीं था।

जम्मू में झुका लिया अब गुजरात की बारी

Publsihed: 03.Sep.2008, 20:42

जम्मू पर आडवाणी की चिट्ठी के बाद चारा नहीं रहा। अमरनाथ बोर्ड को जमीन देनी पड़ी। पर बुश की चिट्ठी तो मनमोहन को कहीं का नहीं छोड़ेगी। एटमी करार ही छोड़ना पड़ेगा। जार्ज बुश ने एनएसजी को लिखा है- 'भारत ने न्यूक टेस्ट किया। तो करार खत्म हो जाएगा। ईंधन की सप्लाई बंद हो जाएगी।' अपन यही शक शुरू से जाहिर कर रहे थे। पर मनमोहन संसद को गुमराह करते रहे।