मोदी का बरी होना नहीं पचा बनर्जी को

Publsihed: 25.Sep.2008, 20:39

सांसद खरीद फरोख्त की कहानी में नया मोड़ आ गया। जिस कार ड्राइवर का जिक्र अपन ने यहीं पर किया था। उस ड्राइवर हशमत की गुरुवार को पेशी थी। हशमत ने पहले खुद हल्फिया बयान दिया था। बकौल अमर सिंह- 'ड्राईवर मेरे घर पहुंचा। उसने बयान बदलने के लिए पांच करोड़ मांगे। पहले मैंने शिवराज पाटिल को फोन पर कहा- पुलिस भेजो। पर वह बोले- कांग्रेस इसमें उलझना नहीं चाहती। फिर मैंने खुद पुलिस को बुलाया।' हशमत को ले जाते मीडिया ने खुद देखा। वह चिल्ला रहा था- 'मेरा अपहरण किया गया।'

तो क्या अमर सिंह ने गवाही के दिन हशमत का अपहरण करवाया। मोहम्मद सलीम ने जांच कमेटी की मीटिंग में कहा- 'गवाह का अपहरण किया गया।' बीजेपी ने कहा- 'अमर सिंह ने खेल किया।' पर अमर सिंह कांग्रेस से भी कम खफा नहीं। बोले- 'जो पाटिल ब्लैकमेलर को पकड़ने पुलिस नहीं भेज सकता। वह आतंकवाद से क्या लड़ेगा। इससे कमजोर गृहमंत्री और कौन होगा।' कमजोर कहने पर पाटिल भड़के। बोले- 'मैं कानून का दुरुपयोग करूं। तब मजबूत गृहमंत्री हो जाऊंगा।' जरा गौर करिए। पाटिल ने कानून के दुरुपयोग का जिक्र क्यों किया होगा। अपन पाटिल-अमर लड़ाई पर नहीं जाते। पर पाटिल आतंकवाद पर सचमुच जरा गंभीर नहीं। सच उनकी जुबान पर आ ही गया। एक इंटरव्यू में बोले- 'आतंकवादी हमारे ही भाई-बंधु।' अफजल के सरपरस्त पाटिल इंडियन मुजाहिदीन पर पाबंदी क्या लगाएंगे। तो आतंकवादी भी इस सरकार से क्यों डरें। उनने अब देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री को धमकी दे दी। ताजा ई-मेल में कहा- 'उनतीस सितंबर को शिलांग में उड़ा दिए जाएंगे।' आडवाणी का फिलहाल उनतीस को शिलांग जाना तय। गोपीनाथ मुंडे ने याद दिलाया- 'तमिलनाडु में भी आडवाणी पर हमले की साजिश हुई थी। रैली से पहले बम फटे थे। अट्ठाईस लोग मारे गए थे।' उनने पोटा जैसे कानून की फिर से वकालत की। पर कांग्रेस थूककर चाटने वाला काम नहीं करेगी। भले ही चुनाव में हारना पड़े। पर पोटा फिर नहीं बनेगा। अब तो एक ही रोशनी की किरण। वह है- जार्ज बुश। जार्ज बुश ने सख्त कानून की हिदायत दी। तो मनमोहन सिंह लौटकर सोनिया से बात करेंगे। बात जार्ज बुश की चली। तो बता दें- उनने मनमोहन सिंह को धोखा दे दिया। एटमी करार पर वे सारी शर्तें लागू। जिन्हें अपने मनमोहन भाई अमेरिका का अंदरूनी मामला बता रहे थे। अमेरिकी कांग्रेस आज वन-टू-थ्री को हरी झंडी देगी। तो हाईड एक्ट की शर्तों के साथ। मनमोहन ने संसद से वादा किया था- 'हाईड एक्ट लागू नहीं होगा। हमें न्यूक टेस्ट की आजादी होगी। हमने न्यूक टेस्ट किया। तो भी ईंधन की सप्लाई नहीं रुकेगी।' अब संसद से किए वादे का क्या होगा। थर्ड फ्रंट ने गुरुवार को संसद भवन में करार के खिलाफ नारे लगाए। कहा- 'मुश को देखो, बुश को छोड़ो। मनमोहन सिंह होश में आओ।' पर मनमोहन तक कहां पहुंचेगी आवाज। बात थर्ड फ्रंट की चली। तो थर्ड फ्रंट और यूपीए गुरुवार को फिर एकजुट होते दिखे। एकजुटता का कारण अबके फिर नरेंद्र मोदी। गोधरा कांड की जांच रपट आ गई। जस्टिस नानावटी आयोग ने मोदी विरोधियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। जस्टिस नानावटी-जस्टिस अक्षय मेहता ने अपनी रपट में लिखा- 'साबरमती एक्सप्रेस में आग की साजिश रची गई थी। आग लगाने की योजना गोधरा के अमन गेस्टहाऊस में बनी।' याद करा दें- 'सत्ताईस फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 डिब्बे में आग लगाई गई। डिब्बे में सवार 58 कार सेवक मारे गए।' आयोग ने नरेंद्र मोदी को भी बरी किया। कहा- 'कोई सबूत नहीं कि मोदी या किसी और मंत्री या पुलिस अधिकारियों ने दंगें भड़काए।' आयोग की रपट पर क्या सिंघवी, क्या लालू, क्या पासवान, क्या सपा, क्या बसपा, क्या सीपीएम। सब भड़क उठे। लालू के जस्टिस बनर्जी तो याद होंगे। उनने अपनी रपट में कहा था- 'आग एक एक्सीडेंट था।' गुरुवार को अपनी सफाई में बोले- 'मैंने अपनी गवाहियों को रिकार्ड किया था। वह एक्सीडेंट ही था। पेट्रोल की आग हो ही नहीं सकती।'

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