अजय सेतिया / गणतंत्र दिवस पर जो कुछ दिल्ली में हुआ , वह होना ही था, इसके संकेत शुरू से मिल रहे थे । 26 नवंबर को हरियाणा से गुजरते हुए पंजाब के किसानों ने पुलिस के बैरिकेड तोडते हुए जो तांडव दिखाया था , वह संकेत काफी था । इससे पहले जिस तरह दो महीने तक पंजाब में ट्रेनें नहीं चलने दी गई थी तो वह संकेत भी काफी था । उसी समय जब इंटरनेट और मोबाइल फोन के 1500 से ज्यादा टावर तोड दिए गए थे तो वह संकेत भी काफी था । भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने ट्रैक्टर रैली से ठीक पहले देश और सरकार से वायदा किया था कि रैली शांतिपूर्वक होगी । वह शुरू से ही आंदोलन के पीछे खालिस्तानियों और कम्युनिस्टों