अजय सेतिया / जब आप यह कालम पढ़ रहे होंगे जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर विराजमान हो चुके होंगे | डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह राष्ट्रपति पद छोड़ने में आना कानी की और उनके समर्थकों ने जिस तरह अमेरिका की संसद पर हमला किया , उस से अमेरिका का लोकतंत्र कलंकित ही हुआ है | उन की इस हरकत के कारण रिपब्लिकन पार्टी में भी उन की साख खत्म हो गई है , जब बाईडेन के चुनाव की पुष्टि की गई उस समय रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने भी ट्रंप का साथ छोड़ दिया था | संसद में मुहं की खाने के बाद मजबूरी में ट्रंप ने 20 जनवरी को पद छोड़ने का एलान किया | हालांकि पद छोड़ने से पहले उन्होंने अपने आख़िरी विदाई भाषण में नए प्रशासन को शुभकामनाए दी , लेकिन ये लाईने लिखने तह आशंका बनी हुई थी कि ट्रंप की वानर सेना जो बाईडेन के शपथ ग्रहण में कोई विघ्न न डाल दें , इसलिए आख़िरी समय पर भी संदिग्ध श्वेत सुरक्षा कर्मियों को हटाया जा रहा था |
चुनावों से ठीक पहले जिस तरह अमेरिका गौरे और कालों में बंट गया , उस से अमेरिका का खोखलापन तो उजागर हुआ ही है , भविष्य में गृहयुद्ध की आशंकाएं भी खडी हो गई हैं | अमेरिका इस समय गौरों और कालों में बंटा है उस के लिए जो बाइडेन भी जिम्मेदार हैं , क्योंकि उन्होंने भी चुनाव जीतने के लिए अश्वेतों की राजनीति की | सिर्फ इतना ही नहीं अलबता उन्होंने मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए उसी तरह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति की , जैसे 55 साल तक कांग्रेस और उसी तरह के अन्य तथाकथित सेक्यूलर दल भारत में करते रहे हैं | बाईडेन की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति भारत के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है | इसलिए भारत को फूंक फूंक कर कदम रखना होगा , सिर्फ इसी से खुश हो कर लम्बी तान कर नहीं सौ जाना चाहिए कि उपराष्ट्रपति भारतीय मूल की है , इसलिए वह भारतीय हितों की रक्षा करेंगी |
भारत के लिए खुशी की बात जरुर है कि कमला देवी हैरिस उप राष्ट्रपति बनी है , वह तमिल मूल की भारतीय-अमेरिकन मां की बेटी हैं , लेकिन पिटा भारतीय नहीं है | इसलिए अपन किसी गलतफहमी में न रहें कि वह भारतीय है , वह अमेरिका में ही पैदा हुई है , इसलिए उस के दिलो दिमाग में अमेरिका-फर्स्ट के विचार हैं | हैरिस की मां श्यामला जरुर भारत में पली बढी , पर उन का भी सारा जीवन अमेरिका में ही बीता है , जहां वह डाक्टरी के साथ साथ सिविल राइट्स एक्टिविस्ट थी | साठ के दशक में सिविल राईट्स मूवमेंट के दौरान श्यामला की मुलाक़ात जमैका के इकॉनमिस्ट से हुई और वे शादी के बंधन में बंध गए | उन से पैदा हुई कमला देवी हैरिस का भारत से इतना ही रिश्ता है | यह कडवी बात अपन इस लिए कह रहे हैं क्योंकि वह उसी तरह के वामपंथी विचारधारा वाले सिविल राइट्स वाले मां बाप की बेटी है , जिस तरह के भारतीय मानवाधिकारवादी आए दिन आतंकवादियों के मुठभेड़ में मारे जाने पर सेना को कटघरे में खड़ा करते हैं |
और वह उन्हीं राष्ट्रपति जो बाईडेन के साथ काम करेंगी , जिन्होंने चुनाव प्रचार की शुरुआत में ही मुस्लिमों के वोट हासिल करने के लिए कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ बयान दे दिया था | शपथ लेने के बाद होने वाले उनके ऐतिहासिक भाषण को भी भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक विनय रेड्डी ने तैयार किया , जिस में एकता और सौहार्द की बातें कही गई हैं ,लेकिन बाईडेन की शपथ से पहले ही उन के आग से खेलने वाली नीतियों की भनक मिलनी शुरू हो गई थीं | खबर यह आई है कि वह पहले ही दिन डोनाल्ड ट्रंप का 'मुस्लिम ट्रैवल बैन' खत्म करेंगे | हो सकता है कि यह खबर आज ही आप के पास आ जाए | पहले ही दिन उठाए जाने वाले कदमों में मेक्सिको से मुस्लिमों की घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा पर बनाई जा रही दीवार का काम रोकना भी शामिल है |
शपथ लेने के बाद इन दो आत्मघाती फैसलों के अलावा वह पेरिस जलवायु समझौते और विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका को फिर से जोड़ेंगे, डब्ल्यू टीओ ने जिस तह कोरोनावायरस की खबर को दबा कर चीन का बचाव करने की कोशिश की थी , उस से खफा हो कर डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूटीओ की फंडिंग बंद कर दी थी | बाइडेन शपथ लेने के बाद कुल 17 आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि चुनावों से पहले अमेरिका श्वेतों–अश्वेतों में ही नहीं बंटा था , मुस्लिम गैर मुस्लिम में भी बंटा था | खतरा यह है कि बाइडेन अपनी अश्वेतों और मुस्लिम घुसपैठियों को पनाह देने वाली नीतियों से उस विभाजन को और बढा देंगे तो देश गृहयुद्ध के कागार पर पहुंच जाएगा |
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