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Exclusive Articles written by Ajay Setia

घोड़े बिकेंगे बाजार में, लगेगी घोड़ामंडी

Publsihed: 10.Jul.2008, 05:56

अपन ने जब लिखना शुरू किया। तो मनमोहन सिंह उड़न खटोले पर बैठ चुके थे। आते ही सोनिया-प्रतिभा पाटील से मिलेंगे। सीसीपीए की मीटिंग भी होगी। ताकि बहुमत साबित करने की तारीख मुकर्रर हो।  बुधवार को लेफ्ट ने प्रतिभा ताई को समर्थन वापसी की चिट्ठी दी। तो सोनिया ने वर्किंग कमेटी की मीटिंग बुला ली। जुमे के दिन यानी कल होगी वर्किंग कमेटी। यों तो हालात बेहद नाजुक। अपन को 1999 से कोई फर्क नहीं दिखता। जब वाजपेयी की सरकार एक वोट से गिरी थी। पर दिग्गी राजा और वीरप्पा मोइली बेफिक्र दिखे। बेफिक्री वाला 280 का आंकड़ा परोसते रहे। मनीष तिवारी तो बिजली की चमक में चकाचौंध दिखे।

कहीं मनमोहन भी गुलाम नबी की तरह इस्तीफा न दें

Publsihed: 09.Jul.2008, 06:25

तो हू-ब-हू वही हुआ। गुलाम नबी के बाद अब मनमोहन तलवार की धार पर। बिल्कुल वैसे ही, जैसे जयललिता ने समर्थन वापस लिया था। तो वाजपेयी सरकार तलवार की धार पर थी। तब एक वोट से गिरी थी सरकार। अब भी एक-एक वोट की मारामारी। पर अब ऐसा कोई सीएम नहीं, जो कांग्रेस का सांसद भी हो। याद है, गिरधर गोमांग ने सीएम होकर लोकसभा में वोट दिया। बात करते हैं नैतिकता की। कल अपन ने एक बात और लिखी थी- 'ऐलान तो मंगलवार को होगा। समर्थन वापसी की चिट्ठी बुधवार को देंगे।' ताकि सनद रहे सो बता दें- लेफ्ट ने फैसला मंगलवार को किया। पर राष्ट्रपति भवन से वक्त सोमवार को ही मांग लिया था। जो बुधवार तय हुआ था।

गुलाम नबी के बाद आज से मनमोहन तलवार की धार पर

Publsihed: 08.Jul.2008, 06:09

इतवार को इस्लामाबाद में आत्मघाती हमला हुआ। सोमवार को काबुल में अपनी एबेंसी के सामने। ठीक उसी समय श्रीनगर में एसेंबली के सामने बम फटे। तो अपन को पहली अक्टूबर 2001 याद आ गई। जब जम्मू कश्मीर एसेंबली में बम फटे थे। तीनों आतंकी वारदातों का अपनी सुरक्षा से सीधा ताल्लुक। अब जब नौ जुलाई की रात मनमोहन सिंह टोक्यो से लौटेंगे। तो अपनी सीसीएस हालात पर गौर करेगी ही।  तब तक बात गिरती-पड़ती सरकार की। अपन नहीं जानते- गुलाम नबी पर शनि-मंगल राशियों का असर हुआ होगा। पर गुलाम नबी सरकार सोमवार को निपट गई। बैठे-ठाले अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन देकर मुसीबत मोल ली।

यूएनपीए टूटा, मुलायम गए कांग्रेस की झोली में

Publsihed: 04.Jul.2008, 05:59

यूएनपीए टूटने का ऐलान नहीं हुआ। पर यूएनपीए टूट गया। अब लेफ्ट समर्थन वापसी की चिट्ठी राष्ट्रपति को आज दे। या पीएम के टोक्यो लौटने से बाद दे। मनमोहन की सरकार भी बच गई। करार भी होगा। यूएनपीए मीटिंग के बाद चौटाला-चंद्रबाबू एकता की डुगडुगी बजाते रहे। करार पर राष्ट्रीय बहस का ऐलान किया। पर मुलायम सिंह एक शब्द नहीं बोले। अपन तभी समझ गए थे। जब अमर सिंह ने वही पुरानी दलील दोहराई- 'करार से ज्यादा खतरा सांप्रदायिकता से।'

चुनाव से डरकर भागेंगे कहां, बकरे की मां ....

Publsihed: 02.Jul.2008, 20:50

दिल्ली में पल-पल समीकरण बदलने लगे। मंगल को मुलायम कांग्रेस के साथ दिखे। तो बुधवार को मुस्लिम सांसदों की बगावत से घबराए दिखे। गुरुवार को चंद्रबाबू और चौटाला के सामने होंगे। चंद्रबाबू-चौटाला कांग्रेस के साथ नहीं जा सकते। यूएनपीए बना ही कांग्रेस विरोध पर था। अब मुलायम कांग्रेस के साथ जाएंगे। तो कैसा तीसरा मोर्चा, कैसा यूएनपीए। कांग्रेस को अब मुलायम पर पूरा भरोसा। इसी भरोसे से मनमोहन इतवार को जी-8 के लिए रवाना होंगे। नौ-दस को लौटकर आईएईए पर फैसला होगा। बात आईएईए की चली। तो अपन गलतफहमियां दूर कर दें।

करार से जुड़ा है वोट बैक, चौराहे पर खड़े मुलायम

Publsihed: 02.Jul.2008, 06:20

राजनीति में न परमानेंट दोस्ती। न परमानेंट दुश्मनी। मुलायम के बदले तेवरों से यह कहावत फिर सच साबित हुई। अपन फिलहाल अमर सिंह के बयानों को बाजू रखें। सिर्फ मुलायम सिंह का बयान पढ़ें। तो हर शब्द से दो मतलब निकलेंगे। उनने कहा- 'हमारी किसी राजनीतिक दल से दुश्मनी नहीं। सैध्दांतिक मतभेद हो सकते हैं।' यह बात कांग्रेस के लिए लागू। तो बीजेपी के लिए भी लागू। मुलायम भाजपाईयों की मदद से दो बार सीएम रह चुके। पहली बार 1978 के जनता राज में। दूसरी बार जब बिना बहुमत के वाजपेयी ने सीएम बनवाया। दोनों ने मिलकर वीपी सिंह को पीएम भी बनवाया था।

सांप्रदायिकता से चुनावी रोटियां सेकने का वक्त

Publsihed: 01.Jul.2008, 06:26

एटमी करार का पतनाला वहीं का वहीं। यों अपने मनमोहन सिंह ने कई दिनों से बंद पड़ी जुबान खोली। पर कुछ ऐसा नहीं कहा। जो यूपीए-लेफ्ट की राजनीति में फर्क पड़े। मनमोहन ने भी वही पुरानी बात दोहराई। प्रकाश करात ने भी वही पुराना जवाब दोहरा दिया। अब कुछ लोगों की निगाह तीन जुलाई की यूएनपीए मीटिंग पर। पर अपनी निगाह मनमोहन के जी-8 के लिए टोक्यो दौरे पर। यों जी-8 का एटमी करार से कोई सीधा संबंध नहीं। पर कहीं जी-8 का दौरा सरकार का राम-नाम-सत्य न कर दे। सरकार के राम-नाम-सत्य होने की बात चली। तो आज बात जम्मू कश्मीर की।

अब कांग्रेस ने लेफ्ट को दिखाया बीजेपी का हौवा

Publsihed: 28.Jun.2008, 06:04

यों तो सोनिया गांधी चुनावी तैयारियों में जुट गईं। कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों से फीडबैक ले चुकी। आज महासचिवों की मीटिंग। मिड टर्म के नफे-नुकसान का जायजा होगा। शुक्रवार को कांग्रेस-लेफ्ट की म्यानों से तलवारें निकल आई। सीपीएम के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी में प्रकाश करात ने लिखा- 'मनमोहन अमेरिकी इशारे पर काम कर रहे हैं। बुश सितंबर 2007 में ही एनएसजी को ड्राफ्ट दे चुके। एनएसजी देशों से बातचीत शुरू हो चुकी। बुश चाहते हैं- रिटायरमेंट से पहले एनएसजी से छूट दिला जाएं। इसीलिए मनमोहन चाहते हैं- आईएईए से सेफगार्ड तय हो जाएं। जैसे ही सेफगार्ड तय होंगे। बुश एनएसजी को एटमी ईंधन सप्लाई में छूट की अर्जी भेज देंगे।'

लोकसभा की मियाद दो महीने खिंचने की कवायद

Publsihed: 26.Jun.2008, 22:46

अपन को लगता था- जून में गिरेगी सरकार। महंगाई ने फन न फैलाए होते। तो चौदहवीं लोकसभा का राम-नाम-सत्य इसी महीने होता। जून तय करने की अपने पास वजह थी। आईएईए चीफ अल बरदई जुलाई के आखिर में रिटायर होंगे। आईएईए से सेफगार्ड के लिए बरदई सबसे मुफीद। सो मनमोहन चाहते हैं- बरदई के रहते सेफगार्ड तय हो जाएं। यों तो आईएईए की जनरल बॉडी मीटिंग 29 सितंबर से चार अक्टूबर तक। तभी बोर्ड ऑफ गवर्नर की मीटिंग भी होगी। ताकि सनद रहे। सो अपन बता दें। अपन बाकी 143 देशों की तरह आईएईए की जनरल बॉडी के मेंबर। पर अपन 35 सदस्यीय बोर्ड ऑफ गवर्नर के मेंबर नहीं।

झुनझुना दिखा विकास का जेब काट ली सरकार ने

Publsihed: 20.Jun.2008, 20:39

सोनिया अब मंदिरों में घंटियां बजाने लगी। शिरडी के साईं बाबा से निपटी। तो उज्जैन में भोले भंडारी के दरबार में पहुंची। महाकालेश्वर को सोने का छत्र चढ़ाने की मन्नत मानी। बंगाल के लेफ्टिए भले ही दुर्गा पूजा में धोती पहनकर आरती करें। पर केरल के लेफ्टिए मोटे तौर पर नास्तिक। सो प्रकाश करात घंटियां बजाने से चिढ़ न गए हों। अपन को तो यही खतरा। सोनिया ने किसलिए पूजा की। किसलिए मन्नत मानी। राजनीतिक गलियारों में चुटकलेबाजी चलती रही। पर बुधवार को आंखें दिखाने वाले करात शुक्रवार को नरम दिखे। बोले- 'हम चाहते हैं, सरकार अपना वक्त पूरा करे।'