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Exclusive Articles written by Ajay Setia

स्टिंग सीडी देख कांग्रेस ने अमर से पल्ला झाड़ा

Publsihed: 04.Aug.2008, 20:37

उमा भारती की सीडी पर अरुण जेटली के सबूत भारी पड़े। उमा भी अजीब-ओ-गरीब। एटमी करार का विरोध किया। करार पर सरकार गिरने की नौबत आई। तो सरकार बचाने वाले अमर सिंह से जा मिली। इसे कहते हैं- विनाशकाले विपरीत बुध्दि। अब जेटली के निशाने पर अमर सिंह। राजनाथ के बीजेपी चीफ बनने के बाद जेटली पहली बार इतने एक्टिव। इसकी वजह भी अपन बता दें।

बीजेपी ने जांच एजेंसी बन अमर-उमा पर फंदा कसा

Publsihed: 04.Aug.2008, 06:13

गच्चा खाई बीजेपी ने सीएनएन-आईबीएन से तलाक ले लिया। सो अब पति-पत्नी के पुराने रिश्तों पर बोलने को तैयार नहीं। यों हमलावर होने में कोई कसर नहीं। हमला करने खुद अरुण जेतली को सामने आना पड़ा। उनने सीएनएन-आईबीएन पर जम कर हमला किया। अपन ने बाद में जेतली से पूछा -'मीडिया पार्टनर चुनने में गलती हुई क्या?' जेतली को जवाब सोचने में टाईम लगा। फिर बोले-'तलाक के बाद यह नहीं पूछा जाता-आपके रिश्ते कैसे थे।'

मनमोहन का यह तोहफा इंदिरा को कबूल नहीं था

Publsihed: 01.Aug.2008, 21:08

मनमोहन सिंह लोकसभा में विश्वासमत पेश करने खड़े हुए। तो उनने यूपीए सरकार बनाने में हरकिशन सिंह सुरजीत की तारीफ की। शुक्रवार को एटमी करार का आपरेशनालाइजेशन शुरू हुआ। तो हरकिशन सिंह सुरजीत इस दुनिया में नहीं रहे। सुरजीत क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे। वे गांधीवादी नहीं। शहीद-ए-आजम भगत सिंह की धारा के थे। भगत सिंह के साथ मिलकर काम किया। पकड़े गए, तो अदालत में अपना नाम बताया था- 'लंदनतोड़ सिंह।'

चैनल से भिड़ने के मूड में आ ही गई बीजेपी

Publsihed: 31.Jul.2008, 20:45

अपन ने पिछले दो दिन सीएनएन-आईबीएन पर लिखा। सीएनएन-आईबीएन ने सांसदों की खरीद-फरोख्त का स्टिंग आपरेशन किया। पर दिखाया नहीं। अपन ने तीस जुलाई को बताया था- 'चैनल दगा दे गया। अब तीनों सांसदों का चैनल दफ्तर के बाहर धरने का इरादा।' अपना अंदाज सौ फीसदी सही निकला। अभी धरने का ऐलान तो नहीं हुआ। पर बीजेपी चैनल से दो-दो हाथ करने पर आमादा। गुरुवार को बीजेपी ने चैनल के बायकाट का ऐलान कर दिया।

बमों के तार कहीं दाऊद इब्राहिम से तो नहीं जुड़े

Publsihed: 30.Jul.2008, 20:44

गुजरात में बमों का मिलना अभी जारी। बुधवार रात तक सूरत में सत्ताईस बम मिल चुके। हैरानी की बात। अहमदाबाद के सभी बम फट गए। सूरत का एक भी नहीं फटा। बुधवार को अपने नरेंद्र भाई मोदी सूरत पहुंचे। वह लबेश्वर चौक गए। जहां मंगलवार को अच्छे-खासे बम मिले। मोदी बड़ोदा प्रेसटीज मार्किट से सिर्फ पांच सौ मीटर दूर थे। जहां बुधवार को भी बम मिला। अपन गुजरात में आतंकवाद की जड़ में जाएं। उससे पहले जरा सांसदों की खरीद-फरोख्त का आतंकवाद देख लें।

आतंकियों को अपनी सी लगती है यूपीए सरकार

Publsihed: 29.Jul.2008, 20:39

अपन ने कल सुषमा की आतंकी थ्योरी बताई थी। जिसमें उनने केंद्र सरकार को घसीटा था। सद्दाम हुसैन ने अपनी कुर्सी के लिए हजारों कुर्दो को मरवाया था। अपनी यूपीए सरकार सद्दाम हुसैन के रास्ते पर तो नहीं चलेगी। सो सुषमा की बात किसी के गले नहीं उतरी। एनडीए के बाकी दलों के गले भी नहीं उतरी। गले उतरने वाली बात ही नहीं थी।  सुषमा ने आतंकवाद को सांसदों की खरीद-फरोख्त से जोड़ा। बोली- 'विस्फोट लोकसभा में विश्वासमत के फौरन बाद हुए। विश्वासमत में सरकार खरीद-फरोख्त से नंगी हुई।

संसद के बाद भारत की जम्हूरियत पर हमला

Publsihed: 29.Jul.2008, 07:25

एनडीए-यूपीए में अब दोहरी जंग। पहली जंग कैश फॉर वोट के मोर्चे पर। दूसरी जंग आतंकवाद के मोर्चे पर। अपन दो दिन की छुट्टी पर गए। इसी बीच बंगलुरु-अहमदाबाद में बम धमाके हो गए। अब आतंकवाद पर कांग्रेस-बीजेपी में छीछालेदर। अपन छीछालेदर की बात बाद में करेंगे। पहले बात कैश फॉर वोट के मोर्चे पर यूपीए-एनडीए जंग की। अपने दिग्गी राजा ने आरोप लगाया था- 'एक करोड़ रुपया इंदौर के बैंक से निकाला गया। सीएम शिवराज की पत्नी के पार्टनर के खाते से पैसा निकला।

काली भेड़ें बर्खास्त हुई तो सरकार फिर अल्पमत में

Publsihed: 23.Jul.2008, 20:39

विपक्ष ने अपनी काली भेड़ों की पहचान कर ली। आठ काली भेड़ें बीजेपी की निकली। सोमाभाई पटेल-बृजभूषण का तो बीजेपी को पहले से पता था। कबूतरबाजी वाले बाबूभाई कटारा पहले से सस्पेंड थे। बीजेपी वोट के लिए सस्पेंशन खत्म करने को तैयार हुई। तब तक कबूतर उड़ चुका था। सो काली भेड़ बने काले कबूतर ने साफ कह दिया- 'मैं तो यूपीए को वोट दूंगा।' अपनी याददाश्त इतनी कमजोर भी नहीं।

सरकार बची, साख गई, खुली खरीद-फरोख्त की पोल

Publsihed: 23.Jul.2008, 05:47

अपन ने बीस जुलाई को लिखा था- 'सरकार बची तो बीजेपी के कारण ही बचेगी।' आखिर वही हुआ। बीजेपी के 127 वोट पड़ने थे। वाजपेयी समेत चारों बीमार स्टेचर पर आए। पर बीजेपी खेमे से वोट पड़े 121 ही। तीन और यूपीए के खेमे में चले गए। एक आकर एबस्टेन कर गया। दो ठीक वोटिंग के समय गायब हो गये। अपन की लिस्ट 268-268 की थी। पर यूपीए को मिले 275 वोट। विपक्ष में पड़े 256 वोट।

बागियों का खुलासा आज रात को होगा

Publsihed: 21.Jul.2008, 20:39

संसद के सेंट्रल हाल में बरसों बाद इतना रश देखा। सांसदों की भीड़ का असर कंटीन पर भी पड़ा। दूध से बने खाने-पीने वाले सामानों वाले काउंटर पर भी। दूध के बने खाने-पीने वाले काउंटर की बात चली। तो अपन आपकी जानकारी के लिए बता दें- सेंट्रल हाल से पुरानी लाइब्रेरी में घुसने वाले रास्ते में दो काउंटर। एक तरफ चाय का काउंटर। तो दूसरी तरफ उसके सामने दूध-दही-घी से बनी चीजों का काउंटर।  अंग्रेजों के जमाने में जब संसद बनी। तो यहां बियर बार हुआ करता था। अंग्रेज चले गए।

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