India Gate Se

Exclusive Articles written by Ajay Setia

पोलित ब्यूरो करेगा दादा का फैसला

Publsihed: 20.Jul.2008, 20:39

राष्ट्रपति के चुनाव में यूपीए से वोट तो नहीं मिले। एनडीए के अपने ही टूट गए थे। अपन को अबके विश्वासमत पर भी वैसा होने की आशंका। इसीलिए अपन ने इतवार को लिखा- 'सरकार बची तो बीजेपी के कारण ही बचेगी।' हू-ब-हू वही होता दिखने लगा। इतवार को ही बीजेपी के दो सांसद टूट गए। दो जनता दल यू के भी टूट गए। एक शिवसेना का भी टूट गया। अपन इस बहस में नहीं जाते- बीजेपी का सोमाभाई सस्पेंड था। बीजेपी का दूसरा बृजसरन दागी था। बीजेपी से दो ही घटते। तो गनीमत था। धर्मेन्द्र और कांतप्पा बिस्तर पर। दोनों के आने की अब बीजेपी को उम्मीद नहीं। पर बीजेपी को ममता बनर्जी के आने की उम्मीद। पर बात एनडीए से टूटने वालों की। जनता दल य

सरकार बची, तो बीजेपी के कारण ही बचेगी

Publsihed: 19.Jul.2008, 20:39

अपन शिबू सोरेन के पांचों सांसद यूपीए में मानें। अजित के तीनों सांसद भी यूपीए में मानें। विसमुत्थारी, थुप्सत्न चेवांग, मणिचेरनामई को भी गिन लें। तो भी फिलहाल दोनों खेमों में 268-268 पर बराबरी के हालात। अब सिर्फ देवगौड़ा, अब्दुल्ला, ममता, दयानिधि का फैसला होना बाकी। देवगौड़ा भले ही शनिवार को मनमोहन से मिले। पर देवगौड़ा यूपीए के साथ जाएंगे। यह कोई ताल ठोककर नहीं कह सकता। अगर देवगौड़ा गए भी। तो अकेले ही जाएंगे।

कांग्रेस के सांसद खिसके तो सरकार में मचा हड़कंप

Publsihed: 18.Jul.2008, 20:46

समाजवादी पार्टी की मीटिंग में आधे एमपी भी नहीं आए। मुलायम-अमर का चेहरा उतर गया। दोनों ने जामा मस्जिद जाकर सफाई दी। मुनव्वर हसन ने ऐलान किया- 'एटमी करार मुस्लिम विरोधी। मैं व्हिप का उल्लंघन कर सरकार के खिलाफ वोट दूंगा। फिर बीएसपी में शामिल होऊंगा।' कांग्रेस भी मुस्लिम विरोध से बेहद डरी हुई दिखी। शुक्रवार को सफाई जारी की। जिसमें अमेरिका के मुस्लिम विरोध को नकारने की कोशिश हुई। कहा गया- 'मुस्लिम देशों की गल्फ कारपोरेशन काउंसिल का अमेरिका से नजदीकी रिश्ता। काउंसिल ने भारत-अमेरिका रिश्तों को नया आयाम माना है।

अब फिर वही शिबू सोरेन फिर वही कांग्रेसी सरकार

Publsihed: 18.Jul.2008, 05:42

इम्तिहान की घड़ी में फिर वही 1993 जैसा हाल। तब शिबू सोरेन की पार्टी में चार सांसद थे। अब पांच सांसद। नरसिंह राव ने चारों से सौदा किया था। अजित सिंह के अब तीन सांसद। तब सात सांसद थे। राव के मैनेजरों ने सातों को दाना डाला। पर तीन-चार ही पटे। अब फिर वही शिबू सोरेन, वही अजित सिंह। यों 1989 के बाद कभी किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला। सो सरकार की नब्ज छोटी-छोटी पार्टियों के हाथ में।

बहुत खतरनाक होता है विश्वास मत तो

Publsihed: 16.Jul.2008, 20:45

दादा की चिट्ठी ने तो बवाल खड़ा कर दिया। चिट्ठी कैसे लीक हुई। अब इसकी जांच होगी। चिट्ठी तो पढ़ने के बाद फटनी थी। विस्फोटक चिट्ठी से दादा कटघरे में खड़े हो गए। चिट्ठी में दादा ने बीजेपी के साथ वोट पर ऐतराज किया। दादा जब स्पीकर पद को निष्पक्ष बता रहे थे। तभी बीजेपी से अपनी एलर्जी भी जाहिर कर गए। कांग्रेस भले दादा के कदम पर फूली न समाए। जयंती नटराजन बोली- 'सोमनाथ चटर्जी का अब किसी पार्टी से कोई सरोकार नहीं है।' इतना बताना जरूरी- दादा की बोलपुर सीट अबके रिजर्व हो गई। खैर बात दादा की चिट्ठी की।

चोर की मूछ में तिनका

Publsihed: 16.Jul.2008, 04:31

मनमोहन सिंह की धुकधुकी बंध गई होगी। अकाली दल पर आस लगाए बैठे थे। अकाल तख्त तक को अपरोच किया गया। आडवाणी को भनक लगी। तो वह प्रकाश सिंह बादल से फुनियाए। बादल बोले- 'आप फिक्र न करो जी।' मंगलवार को बादल ने शक-शुबा दूर कर दिया। उनने साफ कहा- 'अकाली दल की कांग्रेस के खिलाफ क्लियरकट पॉलिसी। हमने फैसला किया है- सरकार का समर्थन नहीं करेंगे।' वह बोले- 'मनमोहन सिंह भले आदमी। पर गलत पार्टी में हैं।' कभी यह जुमला कांग्रेसी वाजपेयी के लिए इस्तेमाल करते थे।

हार-जीत सिर्फ इन चौदह सांसदों की मुट्ठी में ही

Publsihed: 15.Jul.2008, 07:33

मनमोहन की किस्मत अगले मंगलवार तय होगी। मंगल और शनि का मिलन कैसा रहेगा। ज्योतिषियों ने भी घोड़े दौड़ाने शुरू कर दिए। आधे ज्योतिषी ठीक निकलेंगे। आधे गलत साबित होंगे। जमा-घटाओ ही तेज नहीं हुआ। अब अफवाहों का बाजार भी तेज। सोमवार की अफवाहें सुनिए। बीजेपी के तीन सांसद एबस्टेन करेंगे। यानी तटस्थ रहेंगे। गैर हाजिर भी रह सकते हैं। आठों अकाली भी एबस्टेन रहेंगे। ममता बनर्जी भी बीच का रास्ता अपनाएंगी। भाषण देकर वाकआउट करेंगी। वोट के समय गायब हो जाएंगी। एबस्टेन करेंगी, वगैरह-वगैरह। पर असली खबरें- सरकारी कैंप से पांच सांसद खिसक चुके।

राजनीतिक-आर्थिक सौदागर मैदान में उतरे

Publsihed: 13.Jul.2008, 06:04

जो जैसे पटे। उसे वैसे ही पटाने की रणनीति। राजनीतिक कीमत चुकानी पड़े। तो चुकाने में हर्ज नहीं। थैलियों का मुंह खोलना पड़े। तो कोई झिझक नहीं। अबके तो थैलियों में रुपयों के बजाए डालर। भारत को रिएक्टर बेचने वाले अमेरिकी आ पहुंचे। दिल्ली के फाइव स्टार होटलों में अमेरिकीयों के कमरे बुक। मनमोहन सरकार बचेगी। तो अमेरिकीयों को चालीस हजार करोड़ का बिजनेस मिलेगा। सो सौ-दो सौ करोड़ की क्या हैसियत। बिकने वाले बिकेंगे, ओहदे वाले ओहदा लेंगे। कुछ रामलखन यादव भी होंगे। कुछ शिबू सोरेन और सूरजमंडल भी। नरसिंह राव को जब बहुमत साबित करना पड़ा। तो अपन ने दोनों तरह के सौदे होते देखे। भजन लाल नोटों से भरी डिक्कियों वाली कारें लेकर घूम रहे थे। विद्याचरण शुक्ल मंत्री पद का लालच देते घूम रहे थे।

इस बार घोड़ामंडी में घोड़ों का भाव दस करोड़ तक

Publsihed: 12.Jul.2008, 05:57

अपन ने कल यूपीए का ताजा आंकड़ा 268 बताया था। कांग्रेस के एक केंद्रीय मंत्री ने इसी को ठीक बताया। बोला- 'वैसे भी तब सदन में 535 से ज्यादा सांसद नहीं होंगे। हमारे पास 268-270 का पक्का जुगाड़।' अपन कोई ज्योतिषी नहीं। जो ज्योतिष लगाकर बताएं। चुनावों से डरकर इक्का-दुक्का सांसद सरकार बचा दें। तो अलग बात। वरना सांसदों का आंकड़ा हर रोज घटने लगा। अपन ने यूपीए के 268 सांसद बताए थे। उनमें मुलायम के बेनी-बब्बर समेत 37 गिने थे। पर अब मुलायम के 35 सांसद रह गए। सो अपना ताजा आंकड़ा 266 का। इसमें अपन ने जेडीएस का बागी विरेंद्र कुमार, बीएसपी का बागी उमाकांत, टीआरएस का बागी ए. नरेंद्र जोड़ लिया। मुस्लिम लीग ने शुक्रवार को करार का विरोध कर दिया।

संसद से भी हो गया धोखा अब सिख पीएम की दुहाई

Publsihed: 11.Jul.2008, 06:23

अपन मौजूदा एटमी करार के हिमायती कभी नहीं रहे। अपन ने बीजेपी-लेफ्ट से पहले करार की खामियां निकाली। तीन अगस्त 2007 को वन-टू-थ्री का ड्राफ्ट जारी हुआ। तो अपन ने 'अपनी सुरक्षा और ऊर्जा अमेरिका की मोहताज बताई थी।' अपन ने वे नुक्ते भी गिना दिए थे। जो काबिल-ए-ऐतराज थे। आईएईए सेफगार्ड के ड्राफ्ट में उन नुक्तों से मुक्ति नहीं। भले ही ड्राफ्ट में इस बात का जिक्र नहीं। अपन ने एटमी विस्फोट किया। तो क्या होगा। हां, ड्राफ्ट में यह साफ लिखा है- 'अगर विदेशी ईंधन की सप्लाई में बाधा आए। तो भारत सुधारवादी उपाय कर सकता है।' इसका एक मतलब तो यह हुआ- भारत को यूरेनियम का भंडार करने का हक।