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Exclusive Articles written by Ajay Setia

कन्फ्यूज्ड राहुल परिवारवाद पर आ कर अटके 

Publsihed: 12.Sep.2017, 20:40

जब सारा मुल्क परिवारवाद से चल रहा है | मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश यादव भी तो सीएम बने | एम करुणानिधि के पुत्र एमके स्टालिन भी तो उनके वारिस हैं | अभिषेक बच्चन भी तो अमिताभ बच्चन के पुत्र हैं | मुकेश व अनिल अंबानी भी तो  धीरूभाई अंबानी के पुत्र हैं | " भारत इसी तरह चलता है | भारत इसी तरह काम करता है...

रेयान पिंटो जेजे एक्ट में गिरफ्तार होंगे या नहीं

Publsihed: 12.Sep.2017, 00:24

अजय सेतिया / भारत में बच्चे असुरक्षित हो गए | हर दिन कहीं न कहीं से बच्चे के यौन शोषण की खबर आती है | हर रोज किसी न किसी बच्चे की हत्या होती है | आए दिन बच्चों  के साथ क्रूरता की खबर आती है | गुडगाँव में जिस  रेयान स्कूल में बच्चे का यौन शोषण हुआ | उस की देश भर में 120 ब्रांचे हैं | इस समूह के स्कूलों में दो लाख बच्चे पढ़ते हैं | एक बच्चे की महीने की फीस औसतन एक हजार रुपए भी मानी जाए | तो महीने में स्कूल के पास 2 अरब रुपए जुड़ते हैं | स्टॉफ की सेलेरी और अन्य खर्चों पर महीने में डेढ़ अरब रुपए का भी खर्च आता हो | तो भी  रेयान का मालिक हर महीने पचास करोड़ रुपए क

केदारनाथ आपदा राहत घोटाले की सीबीआई जांच क्यों नहीं

Publsihed: 10.Sep.2017, 19:28

उत्तराखंड के केदारनाथ आपदा घोटाले की परतें लगातार खुल रहीं हैं ,लेकिन कोई भी सरकार सीबीआई जांच करवाने को तैयार नहीं हो रही | 2013 में आई भयानक आपदा से गढ़वाल के रुद्रप्रयाग,चमोली, उत्तरकाशी जिलों और कुमाऊँ के पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में काफी बड़ा नुकसान हुआ था। केंद्र सरकार ने 9171.70 करोड़ रूपए की राहत भेजी थी , दुनिया भर की संस्थाओं से भी हजारों करोड़ की राहत आई , जिन में एशियन डिवेलपमेंट बैंक और वर्ल्ड बैंक ने भी राहत भेजी थी | इस राहत कोष में से हजारों करोड़ रूपए के घोटाले सामने आ चुके हैं |

सोशल मीडिया ने मोदी विरोधियों की खाट खडी की 

Publsihed: 08.Sep.2017, 21:15

सोशल मीडिया अब रेगुलर मीडिया से ज्यादा प्रभावी हो गया है | खुद को सब से ज्यादा पापुलर समझने वाले एंकर को सोशल मीडिया ने कटघरे में खडा कर रखा है | काली स्क्रीन वाला यह एंकर शुक्रवार को सफाई देता घूम रहा था | उस के न्यूज चेनेल की वेब साईट ने उस की सफाई को मेन खबर बना कर चिपकाया | बुधवार को जब प्रेस क्लब में गौरी लंकेश पेट्रिक की हत्या पर विरोध सभा थी | तो इस काली स्क्रीन वाले एंकर ने मोदी के खिलाफ जम कर भडास निकाली | हत्या बेंगलूर में हुई थी | जहां कांग्रेस की सरकार है | पर काली स्क्रीन वाले एंकर ने स्टेट गवर्नमेंट के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला | जिस ने गौरी लंकेश पेट्रिक को कोई सुरक्षा नहीं दी

अबू सलेम पर पुर्तगाल की शर्त न होती तो उसे फांसी होती 

Publsihed: 07.Sep.2017, 21:56

छह दिसम्बर 1992 को बाबरी ढांचा टूटा था | बाबरी ढांचा जिस में भगवान राम की मूर्ती रखी थी | जिस में बाकायदा श्रद्धालु जाते थे | फुल टाईम पुजारी मौजूद था, भोग लगता था | अपन ने खुद 1986 में वहां राम लल्ला के दर्शन किए थे | अपन राज्य सरकार के बुलावे पर ही वहां गए थे | तब कांग्रेस के वीर बहादुर सिंह मुख्यमंत्री थे | कांग्रेस तब राम कृष्ण के नाम से चिढती नहीं थी | इस लिए वीर बहादुर सिंह ने तब राम जन्मभूमि पर रामायण मेला | कृष्ण जन्मभूमि पर कृष्ण मेला शुरू करवाया था | अपन रामायण मेला देखने गए थे | तब सरकारी व्यवस्था में अपन को रामजन्मभूमि भी दिखाई गई | वीपी सिंह के शासनकाल में इंद्र जीत गुप्त गृह म

रोहिंग्या मुस्लिम, गौरी लंकेश और सेक्यूलरिज्मवादी

Publsihed: 06.Sep.2017, 21:21

मेरे एक मुस्लिम मित्र ने मुझे एक वीडियो भेजा | वह चाहता था कि मैं उसे अपने सोशल सर्किल को जारी करूँ | वीडियो म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों की दशा पर तैयार किया गया था |  कुछ मित्र कभी कभी इस्राईल के खिलाफ भी वीडियो भेजते रहते हैं | अपन को इतना ही ठीक लगा कि हत्याओं की निंदा की जाए | सो अपन ने फौरन अपनी फेसबुक वाल और ट्विटर पर म्यांमार में रोहिंग्या  मुस्लिमों की हत्याओं की निंदा की | प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी चीन से सीधे म्यांमार पंहुंच गए थे | सो अपन ने मोदी से भी अपील की कि वह म्यांमार में बात करें | मोदी म्यांमार में थे,इसीलिए भारत के  मुसलमान सक्रिय हुए थे | भारत के ये

नोटबंदी पर श्वेतपत्र क्यों जारी नहीं करती सरकार 

Publsihed: 06.Sep.2017, 10:42

नोटबंदी  से कितना फायदा हुआ ,कितना नुकसान | यह खोज का विषय है | विपक्ष सवाल उठा रहा है कि मोदी के इस एक कदम से देश दस साल पीछे चला गया | किसान फसल की बुआई नहीं कर सके | फसल उत्पादन तो गिरा ही , किसान भी बर्बाद हुए | उद्धोग बंद हो गए | उत्पादन रूक गया | मजदूरों की नौकरी-दिहाड़ी से छूट्टी कर दी गई | कई दिन तक उन के घरों के चूल्हे जलने मुश्किल हो गए | औद्योगिक उत्पादन घटा, बेरोजगारी बढी | वैसे तो अप्रेल से जून तक की जीडीपी 5.7 फीसदी बताई गई है | पर वित्तमंत्रालय की स्टेंडिंग कमेटी के चेयरमैन वीरप्पा मोयली इसे भी सही नहीं मानते | वीरप्पा मोईली ने कहा है कि सरकार सच छुपा रही है | सच यह है कि

देश में खुद की जमीन खिसकाने वाले काम,बाहर कामयाबी 

Publsihed: 04.Sep.2017, 23:59

नरेंद्र मोदी को एक बड़ी सफलता मिली है | अपन मंत्रिमंडल विस्तार की बात नहीं कर रहे | उसे अपन कोई सफलता नहीं मानते | वह असफलता की ओर बढ़ने का पहला कदम है | नौ नए मंत्रियों में से चार ब्यूरोक्रेट का होना भाजपा कैडर का मनोबल तोड़ गया है | अपनी कई सांसदों से बात हुई | चार चार बार से जीत रहे सांसदों से बात हुई | जिन का पब्लिक लाईफ में अच्छा अनुभव है , उन से बात हुई | करीब करीब सभी बेहद गुस्से में हैं | लगभग सभी ने छूटते ही कहा -"हम मूर्ख हैं क्या !" अपन तो शुरू से ही मान रहे थे कि 2018 आते आते पार्टी में आक्रोश बढेगा | जिस की शुरुआत 3 सितम्बर के मंत्रिमंडल फेरबदल से हो गई है | उमा भारती ने तेवर दिखा

परफोर्मेंस नहीं दिखाने वाले मंत्रियों से लिया गया इस्तीफा 

Publsihed: 01.Sep.2017, 21:28

जब नजमा हेपतुल्ला का मंत्री पद से इस्तीफा हुआ | कल राज मिश्र का भी तभी हो जाना था | पर उत्तरप्रदेश विधानसभा के चुनाव थे | चुनाव से ठीक पहले कलराज मिश्र को हटाना ब्राह्मणों को नाराज करने का रिस्क था | नरेंद्र मोदी यह रिस्क नहीं ले सकते थे | इसलिए कलराज मिश्र तब बच गए थे | अब चुनाव हो चुके हैं | लोकसभा चुनाव अगर दिसम्बर 2018 में भी हो | तो भी सवा-डेढ़ साल में नया ब्राह्मण नेतृत्व उभार लिया जाएगा | कलराज मिश्र के अलावा मोदी मंत्रिमंडल से दूसरे ब्राह्मण महेंद्र पांडे हटाए गए हैं | जिन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है | कल्रराज मिश्र को भी राज्यपाल बना दिया जाएगा | यानि यूपी के ब्राह्मण

भाजपा और सरकार में उठापठक का मौसम 

Publsihed: 01.Sep.2017, 00:22

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह गुरूवार को खासे सक्रिय थे | उन ने अपने घर पर मंत्रियों के कोर ग्रुप की बैठक बुलाई | यह कोर ग्रुप संगठन से फीडबैक लेता है और सरकार का फीड बैक देता है | फीड बैक के बाद सरकारी कामों का एजेंडा बनता है | इस तरह एक तरह से अमित शाह भाजपा के होम मिनिस्टर की भूमिका में हैं | पर अब तीन मुद्दे मुख्य एजेंडे पर हैं | पहला केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल | जो मोदी के ब्रिक्स बैठक में जाने से पहले हो सकता है | तो उस के लिए एक ही दिन बचा है | तीन सितम्बर से तो ब्रिक्स की मीटिंग शुरू है | राष्ट्रपति तिरुपति में हैं | वह शनिवार को पहुंच जाएंगे | सो शनिवार दोपहर को फेरबद