सोशल मीडिया ने मोदी विरोधियों की खाट खडी की 

Publsihed: 08.Sep.2017, 21:15

सोशल मीडिया अब रेगुलर मीडिया से ज्यादा प्रभावी हो गया है | खुद को सब से ज्यादा पापुलर समझने वाले एंकर को सोशल मीडिया ने कटघरे में खडा कर रखा है | काली स्क्रीन वाला यह एंकर शुक्रवार को सफाई देता घूम रहा था | उस के न्यूज चेनेल की वेब साईट ने उस की सफाई को मेन खबर बना कर चिपकाया | बुधवार को जब प्रेस क्लब में गौरी लंकेश पेट्रिक की हत्या पर विरोध सभा थी | तो इस काली स्क्रीन वाले एंकर ने मोदी के खिलाफ जम कर भडास निकाली | हत्या बेंगलूर में हुई थी | जहां कांग्रेस की सरकार है | पर काली स्क्रीन वाले एंकर ने स्टेट गवर्नमेंट के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला | जिस ने गौरी लंकेश पेट्रिक को कोई सुरक्षा नहीं दी थी | गौरी लंकेश पेट्रिक के मायोवादियों से बहुत नजदीकी सम्बन्ध थे | देश के टुकड़े करने की कसमें खाने वाले कन्हैया और खालिद उन के लाडले थे | कन्हैया और शाहला रशीद भी प्रेस क्लब में मौजूद थीं | अलबत्ता शाहला ने एक न्यूज चेनेल को मोदी समर्थक कर भगाने की कोशिश की | मीडिया के अपने घर से मीडिया को भगाने की जुर्रत कोई नक्सली ही कर सकता है | प्रेस क्लब को जवाब देना होगा कि शाहला को यह अधिकार किस ने दिया था | वह नक्सलियों का प्रोग्राम था या प्रेस क्लब का | देश विरोधी नारे लगाने वाले कन्हैया और शाहला को बुला कर प्रेस क्लब भी कटघरे में है | वामपंथी नेता भी प्रेसक्लब में मौजूद थे | पूरा जमावड़ा हत्या के लिए आरएसएस-भाजपा को जिम्मेदार ठहराने के लिए था | भाषण भी उसी तर्ज पर हुए | राहुल गांधी ने जब गौरी लंकेश पेट्रिक की हत्या के लिए संघ भाजपा को जिम्मेदार ठहराया | तो उन्हें प्रेरणा प्रेस क्लब के जमावड़े से ही मिली थी | प्रेस क्लब में अपने नेताई भाषण में काली स्क्रीन वाले एंकर ने मोदी भक्तों को गुंडा कहा | बिलकुल उसी तरह जैसे काली स्क्रीन वाले एंकर के मुरीद दिग्विजय सिंह ने एक ट्विट कर के मोदी को गंदी गाली दी | सोशल मीडिया पर दोनों घेर लिए गए | तो शुक्रवार का दिन दोनों सफाई देने में जुटे रहे | काली स्क्रीन वाले के भाषण का उल्लेख कर किसी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उस ने मोदी को गुंडा कहा | काली स्क्रीन वाले एंकर ने शुक्रवार को सफाई दी | " मैंने मोदी को गुंडा नहीं कहा | मेरे नाम से प्रधानमंत्री को गुंडा कहना जोड़कर मेरी ईमेज खराब करने की कोशिश की जा रही है | पहले किसी ने यू ट्यूब पर मेरे ही भाषण का कैप्शन लगाया और अब व्हाट्स अप पर इसे चलाया जा रहा है | मैंने आनलाइन जगत के एक हिस्से को गुंडा और हत्यारा ज़रूर कहा है | प्रधानमंत्री के लिए कभी ऐसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है | जो भी मुझे बदनाम के करने के लिए ऐसा कर रहा है | वह लोगों को प्रधानमंत्री को देखने का एक नज़रिया दे रहा है | उनका अपमान कर रहा है | मैंने इस तरह के काम करने वालों को गुंडा कहा है, अभी भी कह रहा हूं न कि प्रधानमंत्री को |" अब देखो इस शातिर एंकर की भाषा -" जिस ने भी प्रधानमंत्री को गुंडा लिखा , वह लोगों को प्रधानमंत्री को देखने का एक नज़रिया दे रहा है | " यानि साफ़ साफ़ शब्दों में प्रधानमंत्री को गुंडा कहा | खैर इस काली स्क्रीन वाले के अंध भक्त दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर पर उस पोस्ट को रि-ट्विट कर दिया , जिस में मोदी को गुंडा लिखा था | काली स्क्रीन वाले की तो वैसे ही सोशल मीडिया पर शामत आई पडी थी | दिग्विजय सिंह ने पीएम को गुंडा कहने पर मोहर लगा दी | तब काली स्क्रीन वाले ने दिग्विजय सिंह को फोन कर के कहा-" मरवाओगे क्या , मोदी भक्त तो पहले ही मेरे पीछे पड़े हुए हैं | मैंने अपने भाषण में मोदी को गुंडा नहीं किया था |" दिग्विजय के पास पीछे हटने के सिवा चारा ही नहीं बचा था | उन ने तुरंत पत्रकारों को बुला कर सफाई दी और काली स्क्रीन वाले एंकर से माफी माँगी | पर प्रेस कांफ्रेंस में दिग्विजय सिंह बुरी तरह फंस गए | जब पत्रकारों ने मोदी को गुंडा कहा तो छोड़ दिया | पर दिग्विजय सिंह के दुसरे रि-ट्विट पर पकड़ लिया | इस ट्विट में दिग्विजय सिंह ने मोदी का फोटो लगा कर मोदी के हवाले से लिखा था-""मेरी दो उपलब्धियां | 1. भक्तों को चु......बनाया | 2. चु....को भक्त बनाया |"" पाठक क्षमा करें , अपन उस शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते | जिस शब्द का इस्तेमाल दस साल तक मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह ने किया है |  ट्विट की कापी सोशल मीडिया पर चल रही है | जनसत्ता के वेबसाईट पर भी बिना काट-छांट लगी हुई है | दिग्विजय सिंह ने यह कह कर अपना बचाव किया कि किसी का रि-ट्विट उस का एन्द्रोस्मेंट नहीं होता | वाह भाई वाह , क्या नया अर्थ निकाला है | यह है सोशल मीडिया का असर | सफाई देते भागते फिर रहे थे दोनों | सोशल मीडिया प्रिंट और विजुअल मीडिया पर भारी पड रहा है | खबर  पर अखबार और न्यूज चेनलों की मनोपली खत्म हो रही है | मीडिया के नाम पर की जा रही ढीगामुश्ती खत्म हो रही है | काली स्क्रीन वाले की ढीगामुश्ती भी सोशल मीडिया ने ठीक कर दी | दिग्विजय सिंह की सफाई तो आप खुद देख लीजिए कैसे जान छुडाने वाली है | जब तार्किक जवाब नहीं दे सके | तो प्रेसकांफ्रेंस से भाग खड़े हुए | सोशल मीडिया बड़े-बड़ों को भगा देगा | 

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