अबू सलेम पर पुर्तगाल की शर्त न होती तो उसे फांसी होती 

Publsihed: 07.Sep.2017, 21:56

छह दिसम्बर 1992 को बाबरी ढांचा टूटा था | बाबरी ढांचा जिस में भगवान राम की मूर्ती रखी थी | जिस में बाकायदा श्रद्धालु जाते थे | फुल टाईम पुजारी मौजूद था, भोग लगता था | अपन ने खुद 1986 में वहां राम लल्ला के दर्शन किए थे | अपन राज्य सरकार के बुलावे पर ही वहां गए थे | तब कांग्रेस के वीर बहादुर सिंह मुख्यमंत्री थे | कांग्रेस तब राम कृष्ण के नाम से चिढती नहीं थी | इस लिए वीर बहादुर सिंह ने तब राम जन्मभूमि पर रामायण मेला | कृष्ण जन्मभूमि पर कृष्ण मेला शुरू करवाया था | अपन रामायण मेला देखने गए थे | तब सरकारी व्यवस्था में अपन को रामजन्मभूमि भी दिखाई गई | वीपी सिंह के शासनकाल में इंद्र जीत गुप्त गृह मंत्री थे | लेफ्ट पहली बार केंद्र सरकार में शामिल हुआ था | इन्द्रजीत गुप्त भाकपा के नेता थे | जब विवाद अपने चरम पर था तो मौक़ा देखने संसदीय समिति अयोध्या गई थी | जिस में इन्द्रजीत गुप्त भी थे | इंद्र जीत गुप्त को भी मंदिर में ले जाया गया | वह धर्मकर्म को नहीं मानते थे | राम चन्द्र की मूर्ती को देख कर बाहर निकले तो उन ने डीएम से पूछा -"वह बाबरी मस्जिद कंहा है ?" यानि उन ने खुद देखा कि वहां मस्जिद नाम की कोई चीज नहीं थी | पर अपने सेक्यूलर बुद्धिजीवी फिर भी बाबरी मस्जिद ही कहते हैं | सेक्यूलरों ने इसे मुद्दा बना कर देश के मुसलमानों को भड़काने का काम किया | खैर अपन बात कर रहे थे बाबरी ढांचा टूटने की | सेक्यूलरों की लगाई हुई आग का नतीजा मुम्बई में निकला | जब दाऊद इब्राहिम ने विरोध में बम धमाके कर हत्याओं का नगा नाच किया | वह  12 मार्च 1993 का दिन था , जब मुम्बई बम धमाकों से दहल उठी थी | बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 713 घायल हुए थे | धमाके बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, एयर इंडिया बिल्डिंग और 'सी रॉक' होटल जैसी 12 जगहों पर हुए थे | टाडा कोर्ट मुंबई ब्लास्ट मामले में 100 लोगों को दोषी करार दे चुका है | इनमें बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त भी शामिल हैं | उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत सजा सुनाई गई थी | संजय दत्त अपनी सजा पूरी कर चुका है | प्रभाव वाले बड़े आरोपी विदेश भाग गए थे | सरकारें उन्हें वापस लाने का वादा करती रहीं | पर किसी को वापस नहीं ला पाई | 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी | तब गम्भीर प्रयास शुरू हुए | बम धमाको के दोषियों को लाना भाजपा का एजेंडा भी था | लालकृष्ण आडवाणी तब गृह मंत्री थे | अबू सलेम उन भगौड़ों में से एक था, जो अपनी गर्लफ्रेंड मोनिका बेदी के साथ यूरोप में रह रहा था | उस पर गुलशन कुमार की हत्या का मामला भी था | उस पर प्रदीप जैन की हत्या का मामला भी था | इंटरपोल के  वारंटो के बावजूद वह पुर्तगाल में मजे से रह रहा था | आडवाणी के प्रयासों से वह पुर्तगाल में पकड़ा तो गया | पर भारत की पुर्तगाल के साथ  प्रत्यर्पण संधि नहीं थी | इसलिए  तीन साल की कानूनी लड़ाई के बाद अबू सलेम और मोनिका बेदी को लिस्बन से भारत लाया गया | पर पुर्तगाल की शर्तों को कबूल करना पडा | पुर्तगाल की शर्त थी कि अबू सलेम और मोनिका बेदी को फांसी नहीं दी जाएगी | पुर्तगाल के क़ानून में फांसी का प्रावधान नहीं | ज्यादा से ज्यादा 25 साल कैद का प्रावधान है | पर अब पुर्तगाल समेत अपनी 42 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है | नौ और देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि फाइनल स्टेज पर है |  अपन छोटा राजन को इंडोनेशिया से, अनूप चेतिया को बांग्लादेश से प्रत्यर्पण कर के लाए हैं | इसी के तहत जगतार सिंह तारा को थाईलैंड से भारत लाया गया | खैर बात अबू सलेम की | वह 2005 से जेल में है | उसे बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या में उम्र कैद पहले ही हो चुकी थी | मुम्बई की विशेष टाडा अदालत ने गुरूवार को मुम्बई बम धमाकों में सजा सुनानी थी | तो यूपी का आज़मगढ़ फिर सुर्ख़ियों में आ गया | गुरुवार को आजमगढ़ का मंजर देखने लायक था | मुंबई ब्लास्ट पर स्पेशल टाडा कोर्ट में जिन पांच लोगों को सजा सुनाई जानी थी | उन में अबू सलेम के अलावा रियाज़ सिद्दीक़ी भी आज़मगढ़ का हैं | आजमगढ़ के कम से कम 13 आतंकियों ने बम धमाकों से देश को थर्रा दिया था | आजमगढ़ के अबू सलेम को उम्रकैद और  रियाज सिद्दीकी को 10 साल जेल की सजा हुई है | अबू सलेम पर पुर्तगाल की शर्त न होती तो उसे फांसी होती | अब सजा पुर्तगाल के क़ानून के मुताबिक़ 25 साल सुनाई गई है | करीमुल्लाह को भी उम्र कैद की सजा सुनाई गई है | दोनों को जुर्माना भी किया गया है  | रियाज़ सिद्दीक़ी को दस साल कैद की सजा सुनाई गई है | वैसे तो फ़िरोज़ अब्दुल रशीद ख़ान और  ताहिर मर्चेंट को फांसी की सजा हुई है | पर सब से ज्यादा चर्चा अबू सलेम की रही | 1993 के बम धमाकों का असली साजिशकर्ता दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान ने शरण दी हुई है | 

 

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