परफोर्मेंस नहीं दिखाने वाले मंत्रियों से लिया गया इस्तीफा 

Publsihed: 01.Sep.2017, 21:28

जब नजमा हेपतुल्ला का मंत्री पद से इस्तीफा हुआ | कल राज मिश्र का भी तभी हो जाना था | पर उत्तरप्रदेश विधानसभा के चुनाव थे | चुनाव से ठीक पहले कलराज मिश्र को हटाना ब्राह्मणों को नाराज करने का रिस्क था | नरेंद्र मोदी यह रिस्क नहीं ले सकते थे | इसलिए कलराज मिश्र तब बच गए थे | अब चुनाव हो चुके हैं | लोकसभा चुनाव अगर दिसम्बर 2018 में भी हो | तो भी सवा-डेढ़ साल में नया ब्राह्मण नेतृत्व उभार लिया जाएगा | कलराज मिश्र के अलावा मोदी मंत्रिमंडल से दूसरे ब्राह्मण महेंद्र पांडे हटाए गए हैं | जिन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है | कल्रराज मिश्र को भी राज्यपाल बना दिया जाएगा | यानि यूपी के ब्राह्मण वोटरों को थामने के लिए कल्र राज मिश्र राज्यपाल, महेंद्र पांडे अध्यक्ष , दिनेश शर्मा उप-मुख्यमंत्री , महेश शर्मा केन्द्रीय मंत्री | यूपी की झांसी सीट से सांसद उमा भारती का हटाया जाना आश्चर्य जनक रहा | उन्हें काम की परफोर्मेंस के नाम पर हटाए जाने की अफवाह उडी है | कल्याण सिंह के बाद वह  लोधों की बड़ी नेता हैं | कल्याण सिंह जब भाजपा छोड़ गए थे | और उमा भारती जब भाजपा में वापस लौट रही थी | तो उन्हें मध्यप्रदेश छोड़ कर यूपी में लोध वोट जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी | वह 2012 में मध्यप्रदेश से यूपी आ कर विधानसभा का चुनाव जीती थी | फिर 2014 में लोकसभा का चुनाव भी यूपी से जीती |  उमा भारती से जब पत्रकारों ने पूछा तो उन ने कहा कि अमित शाह से पूछें | मैं न सवाल सुनूंगी, न जवाब दूंगी​ | हालांकि उन्हें भी देर सबेर राज्यपाल बनाए जाने के संकेत हैं | उत्तराखंड उनका पंसदीदा राज्य हो सकता है | वह पार्टी की महासचिव रह चुकी हैं | इसलिए छोटे-मोटे पद से नहीं मानेंगी | यूपी के जो चौथे मंत्री हटाए गए हैं , वे हैं संजीव बालियान | जाट समुदाय के बालियान मुज्जफरनगर के साम्प्रदायिक दंगे से सुर्ख़ियों में आए | अफवाह फ़ैली कि संजीव बालियान की कार्यशैली पर सवाल उठे | उनका काम भी संतोषजनक नहीं रहा  | पर वह संगठन में जिम्मेदारी निभा सकते हैं | जाट की जगह पर जाट सत्यपाल सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है | मुम्बई के पुलिस कमिश्नर रहे सत्यदेव ने चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह को हराया था | अजीत सिंह जब वीपी सिंह की सरकार में मंत्री थे, तब सत्यपाल सिंह उन के पीएस थे | 2014 में अपने पूर्व पीएस से ही हार गए थे अजीत सिंह | बिहार के राजीव प्रताप रूढी और तेलंगाना के बंडारू दत्तात्रे का भी इस्तीफा हो गया है | फग्गन सिंह कुलस्ते को मप्र चुनावों के मद्देनज़र प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है | राजीव प्रताप रूढी को भी पार्टी में कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है | वैसे उन के खिलाफ कई तरह की शिकायते थी | कौशल विकास नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था | राजीव प्रताप रूढी में काम करने की क्षमता देख उन्हें यह नया विभाग सौंपा गया था | पर राजीव प्रताप रुडी के मंत्रालय का काम संतोषजनक नहीं रहा | उन्होंने जिस कम्पनी को कौशल विशाल के लिए चुना था, वह चूना लगाने वाली निकली | जिस का खामियाजा खुद रूढी को भुगतना पडा | इस तरह कालम लिखते समय तक सात मंत्री इस्तीफा दे चुके थे | सुनते हैं दो और इस्तीफे हो सकते हैं | मंत्रियों की छुट्टी का फैसला उनके काम का आकलन और कार्यक्रमों में हिस्सेदारी के आधार पर हुआ | पार्टी ने मंत्रियों से यात्राएं निकालने को कहा था | इनमें संकल्प से सिद्धि, तिरंगा यात्रा, पटेल, दीनदयाल उपाध्याय , तीन साल बेमिसाल जैसे कार्यक्रम थे | कार्यक्रमों में कितना हिस्सा लिया या कितना प्रचार किया इसको आधार बनाया गया | इसके साथ ही केंद्र की योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए क्या किया | उज्ज्वला जैसी योजना को कहां तक लागू किया | कितने दौरे किए, इन्हीं के आधार पर सकारात्मक और नकारात्मक श्रेणियों में रखा गया | जिन सांसदों और गैर सांसदों को मंत्री बनाने की चर्चा है | उन में ओम प्रकाश माधव ,हेमंत बिस्वा ,सत्यपाल सिंह , भूपेन्द्र यादव, प्रहलाद जोशी , विनय सहस्त्रबुद्धे , हरीश द्विवेदी , सुरेश अंगद , मुरली धर राव या  राम माधव | जेडीयू से रामचंद्र प्रशाद सिंह के अलावा संतोष कुशवाहा और कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर का नाम है | मंत्रिमंडल का फेरबदल अब शनिवार को नहीं , अलबत्ता इतवार सुबह दस बजे होगा | शाम को मोदी ब्रिक्स बैठक में हिस्सा लेने चीन चले जाएंगे | पर चलते चलते महत्वपूर्ण बात बताते जाएं | वृन्दावन में आरएसएस के प्रचारकों की बैठक शुरू हुई है | बैठक के दौरान संघ समर्थक संगठनों से भी फीडबैक लेता है | भाजपा के अध्यक्ष और संगठन महामंत्री तो बुलाए ही जाते हैं | कुछ महत्वपूर्ण नेता भी बुलाए जाते रहे हैं | जैसे वाजपेयी , आडवाणी , जोशी , राजनाथ सिंह अध्यक्ष न रहे हों, तब भी बुलाए जाते रहे | नितिन गडकरी भी जाएंगे | पर अरुण जेटली इस बार पहली बार बुलाए गए हैं | केरल में स्वयसेवक की हत्या के बाद उस के घर जा कर जेटली ने संघ में अपना स्थान बनाया है | 

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