कन्फ्यूज्ड राहुल परिवारवाद पर आ कर अटके 

Publsihed: 12.Sep.2017, 20:40

जब सारा मुल्क परिवारवाद से चल रहा है | मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश यादव भी तो सीएम बने | एम करुणानिधि के पुत्र एमके स्टालिन भी तो उनके वारिस हैं | अभिषेक बच्चन भी तो अमिताभ बच्चन के पुत्र हैं | मुकेश व अनिल अंबानी भी तो  धीरूभाई अंबानी के पुत्र हैं | " भारत इसी तरह चलता है | भारत इसी तरह काम करता है... | तो फिर मैं मुल्क का प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन सकता | मैं पीएम पद का उम्मीदवार बनने को तैयार हूं | कांग्रेस में लोकतंत्र है और अगर पार्टी कहेगी तो मैं जिम्मेदारी लूंगा | " खुद को अगले प्रधानमंत्री पद उम्मीन्द्वार घोषित करते हुए यह राहुल गांधी का बयान हैं | वह अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में  विद्यार्थियों से बात कर रहे थे | हालांकि कांग्रेस ने 2014 में भी राहुल को आगे किया था | कांग्रेस सिर्फ 44 सीटों पर सिमटकर रह गई थी | अपनी हार पर राहुल ने सफाई भी दी | बोले - " हमें सत्ता का घमंड हो गया था | हमने जनता से संवाद करना बंद कर दिया था | " राहुल ने कहा - अब मोदी घमंडी हो गए हैं | वह बीजेपी नेताओं की भी नहीं सुनते | यह बात मुझे भाजपा सांसदों ने कही है | बीजेपी ने लोगों से बात करना बंद कर दिया है |" पर पहला सवाल वंशवाद का | अगर एक्टर का बेटा एक्टर बने तो क्या उसे परिवारवाद कहते हैं | क्या व्यापारी का बेटा अपने पिता की सम्पत्ति का वारिस होना परिवारवाद होता है | किस तरह के उदाहरण दिए हैं राहुल गांधी ने | वह यह भूल गए कि भारत इस तरह नहीं चलता | भारत परिवारवाद से चलता होता, तो 2014 के चुनाव में वह जीत जाते | भारत परिवारवाद से चलता होता | तो चाय बेचने वाला और और घरों में बर्तन माजने वाली का बेटा प्रधानमंत्री न बनता | परिवारवाद चलता होता तो जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार राष्ट्रपति बनती | एक दलित किसान का बेटा राष्ट्रपति न बनता | परिवारवाद चलता होता तो महात्मा गांधी का पोता गोपालकृष्ण गांधी उप-राष्ट्रपति बनता | किसान का बेटा वंकैयानायडू उप-राष्ट्रपति नहीं बनते | राहुल गांधी भले ही खुद को अक्टूबर में कांग्रेस अध्यक्ष बनवा लेंगे | भले ही कांग्रेस उन्हें 2019 में प्रधानमंत्री पद का उम्मीन्द्वार बना देगी | पर नरेंद्र मोदी अब उन्हें कोई भाव नहीं देते | भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी का जवाब देने के लिए स्मृति ईरानी को तय कर रखा है | वह अमेठी में राहुल गांधी से हार कर मंत्री बनी है | वही 2019 में भी राहुल के सामने होंगी | सो जैसे ही बर्कले में राहुल गांधी का भाषण और सवाल जवाब खत्म हुआ | वह अपने मोर्चे पर आ गई | स्‍मृति ईरानी ने कहा कि राहुल ने देश का और देश के लोकतंत्र का अपमान किया है | राहुल गांधी को याद दिलाया  कि देश के प्रधानमंत्री, राष्‍ट्रपति साधारण परिवार से आते हैं | और उपराष्‍ट्रपति किसान के बेटे हैं | बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह भी किसी राजनीतिक परिवार से नहीं आते | पर कांग्रेसियों का मानना है बर्कले में राहुल का भाषण अब तक का उनका सब से बढिया भाषण है | कांग्रेसी मानते हैं कि राहुल भारत में आकर ठीक से नहीं बोल पाते | कुछ न कुछ गड़बड़ कर जाते हैं | पर अपन को तो राहुल गांधी बर्कले में पूरी तरह कन्फ्यूज्ड दिखाई दिए | वह इतने कन्फ्यूज्ड थे कि अमेरिका में कह आए कि भारत ने अपना विजन ही खो दिया है | भारत के पास कोई विजन ही नहीं है | वह कन्फ्यूज्ड थे कि नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करें या आलोचना | वह कभी नरेंद्र मोदी की तारीफ़ कर रहे थे , कभी आलोचना | राहुल ने जो मोदी की तारीफ़ में बोले  - " वह मुझसे अच्छे वक्ता है, वह लोगों को मैसेज देना जानते हैं | उनका स्वच्छ भारत एक अच्छा कदम है | मुझे भी पसंद है | " पर फिर उन को लगा कि यह तो मोदी की तारीफ़ हो गई | तो उनने साम्प्रदायिकता और ध्रुविकरण के मुद्दे उठा दिए | पहला मुद्दा :-" नफरत और हिंसा की राजनीति हो रही है | उदारवादी पत्रकारों को गोली मार दी जाती है...| " हिंसा के मुद्दे पर भी उनको पिता और दादी याद आए | 1984 में मारे गए 3000 सिख नहीं | दूसरा मुद्दा  :-" संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी की गई | नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है | विकासदर दो फीसदी तक गिर गई | " तीसरी बात :-" मैंने 9 साल तक मनमोहन सिंह, चिंदबरम, जयराम नरेश के साथ मिलकर कश्मीर पर काम किया | उस समय कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था | मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी सफलता कश्मीर में आतंकवाद को कम करना था | मोदी ने सब गवां दिया | युवा पीडीपी के साथ जुड़ रहे थे | जब से पीडीपी भाजपा के साथ गई | तब से  युवा आतंकियों के पास जा रहे हैं | मोदी ने आतंकियों को जगह दे दी और हिंसा बढ़ गई |" अब बात जब कश्मीर की उठी है | तो भारत को यह भी पता है कि कश्मीर समस्या उन के नाना की दें है | जिनने सरदार पटेल को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई से रोक दिया था | खुद कश्मीर की समस्या को लेकर संयुक्त राष्ट्र चले गए थे | जो फच्चर की तरह फंस गया है | 

 

 

आपकी प्रतिक्रिया