रेयान पिंटो जेजे एक्ट में गिरफ्तार होंगे या नहीं

Publsihed: 12.Sep.2017, 00:24

अजय सेतिया / भारत में बच्चे असुरक्षित हो गए | हर दिन कहीं न कहीं से बच्चे के यौन शोषण की खबर आती है | हर रोज किसी न किसी बच्चे की हत्या होती है | आए दिन बच्चों  के साथ क्रूरता की खबर आती है | गुडगाँव में जिस  रेयान स्कूल में बच्चे का यौन शोषण हुआ | उस की देश भर में 120 ब्रांचे हैं | इस समूह के स्कूलों में दो लाख बच्चे पढ़ते हैं | एक बच्चे की महीने की फीस औसतन एक हजार रुपए भी मानी जाए | तो महीने में स्कूल के पास 2 अरब रुपए जुड़ते हैं | स्टॉफ की सेलेरी और अन्य खर्चों पर महीने में डेढ़ अरब रुपए का भी खर्च आता हो | तो भी  रेयान का मालिक हर महीने पचास करोड़ रुपए कमाता है | रेयान के जिस स्कूल में बच्चे का यौन शोषण हुआ | वहां फोर्थ क्लास स्टाफ के लिए टायलट तक अलग नहीं | बच्चों के टायलट में ही फोर्थ क्लास स्टाफ जाता था | यह घटना तो किसी न किसी दिन होनी ही थी | स्कूल का मालिक ईसाई है, सो सारी ईसाई संस्थाएं उस के बचाव में आ गई हैं | शिक्षा को व्यापार बना लिया गया है | बच्चे के यौन शोषण और हत्या ने सारे देश का ध्यान आकृषित किया है | लोग सड़कों पर उतर चुके हैं | हरियाणा पुलिस ने वही किया , जिस के लिए वह मशहूर है | वक्त पर कार्रवाई नहीं करना | बाद में लाठीचार्ज और गोलीबारी | प्रदर्शन करे लोगों को तरह तरह की धाराएं लगा कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया | बच्चों की सुरक्षा नहीं, अलबता रेयान पिंटो को सिर्फ पैसों से मतलब था |  किसी को बच्चों की सुरक्षा की चिंता नहीं थी | चिंता होती तो सीसीटीवी तो चल रहे होते | सीसीटीवी के कैमरे कई बार जानबूझ कर बंद किए जाते हैं | अपना सीसीटीवी का एक अनुभव रहा है | आगे बढ़ें , उस से पहले उसे बता दें | अपन उस समय बाल अधिकार संरक्षण आयोग उत्तराखंड के चेयरमैन थे | एक बच्ची ने एक अखबार के दफ्तर के बाहर टंगे लैटर बाक्स में एक चिठ्ठी डाली | चिठ्ठी में लिखा था कि स्कूल के अकाउटेंट उस के साथ गंदी हरकत करता है | बच्ची जब फीस देने जाती तो अकाउटेंट उस को प्राईवेट स्थानों से छूता था | अखबार के रिपोर्टर ने वह चिठ्ठी आयोग को भेज दी | अपन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की | उस एरिए के शिक्षा अधिकारी को नोटिस भेजा | बुला कर समझाया कि वह सभी प्राईवेट स्कूलों में चक्कर लगाए | पता लगाए कि किस किस स्कूल में अकाउटेंट का कमरा असुरक्षित है | महीने भर की मेहनत से पता लगा लिया गया | स्कूल से सीसीटीवी की फुटेज मंगवाई गई | तो उस में से कुछ नहीं निकला | स्कूल के सीसीटीवी की क्षमता सिर्फ एक महीना थी | पर स्कूल खुद अपने अकाउटेंट को लेकर आशंकित था | सो सीसीटीवी की क्षमता बढ़ा कर निगरानी करवाई गई | तो अकाउटेंट काबू आ गया | बच्चे की हत्या के बाद स्कूल की अनेक कमियाँ सामने आई हैं | उस के लिए स्कूल को तो जिम्मेदार माना ही जाना है |  राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और शिक्षा विभाग भी उतने ही जिम्मेदार हैं | जिन्हें क़ानून ने बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है | मुफ्त एंव अनिवार्य शिक्षा क़ानून में यह शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी थी | उस की जिम्मेदारी थी कि वह स्कूलों का समय समय पर निरीक्षण करे | कमियों को दूर करवाए | क्या यह कमी नहीं थी कि फोर्थ क्लास कर्मचारी बच्चो के टायलट में जा रहे थे | शिक्षा विभाग ने एनओसी जारी करने से पहले स्कूल की कमियों को क्यों नहीं देखा था | क्या शिक्षा विभाग कटघरे में खड़ा नहीं होना चाहिए | जेजे एक्ट में केंद्र और राज्यों के बाल अधिकार संरक्षण आयोगों की जिम्मेदारी बनती है | सुप्रीमकोर्ट ने बच्चे के पिता  की याचिका पर केंद्र सरकार , राज्य सरकार , सीबीएससी और सीबीअई को नोटिस जारी कर सुझाव मांगे हैं | पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को नोटिस नहीं दिया गया |  एनडीए सरकार ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग को इतना कमजोर बना दिया है |  सुप्रीमकोर्ट तक का ध्यान भी उस की तरफ नहीं गया | जब कि जेजे एक्ट में बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना बाल आयोग की जिम्मेदारी है | जेजे एक्ट 2016 की धारा 75 में साफ़ कहा गया है -"बच्चा जिस किसी के संरक्षण में होगा बच्चे की सुरक्षा की जिम्मेदारी उसी की होगी |  जैसे रेयान स्कूल में हुई बच्चे की हत्या के मामले में बच्चे की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल की थी | स्कूल के मालिक रेयान पिंटो और प्रिंसीपल सीधे सीधे जिम्मेदार थे | वे  बच्चे की सुरक्षा में नाकाम रहे | दोनों के खिलाफ जेजे एक्ट की 75 का मामला बनाता है | सवाल यह है कि क़ानून सब के लिए एक जैसा है या नहीं | पैसे और पहुंच वालों पर क़ानून लागू होगा या नहीं | रेयान पिंटो जेजे एक्ट में गिरफ्तार होंगे या नहीं | 
 

 

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