कांग्रेस के सांसद खिसके तो सरकार में मचा हड़कंप

Publsihed: 18.Jul.2008, 20:46

समाजवादी पार्टी की मीटिंग में आधे एमपी भी नहीं आए। मुलायम-अमर का चेहरा उतर गया। दोनों ने जामा मस्जिद जाकर सफाई दी। मुनव्वर हसन ने ऐलान किया- 'एटमी करार मुस्लिम विरोधी। मैं व्हिप का उल्लंघन कर सरकार के खिलाफ वोट दूंगा। फिर बीएसपी में शामिल होऊंगा।' कांग्रेस भी मुस्लिम विरोध से बेहद डरी हुई दिखी। शुक्रवार को सफाई जारी की। जिसमें अमेरिका के मुस्लिम विरोध को नकारने की कोशिश हुई। कहा गया- 'मुस्लिम देशों की गल्फ कारपोरेशन काउंसिल का अमेरिका से नजदीकी रिश्ता। काउंसिल ने भारत-अमेरिका रिश्तों को नया आयाम माना है।

काउंसिल खुद एटमी तकनीक के लिए अमेरिका से बात कर रही है।' यानी भारत के मुसलमानों को गल्फ की दुहाई दी। कहा- 'जब गल्फ के देश अमेरिका से रिश्तों को गलत नहीं मानते। तो आपको क्यों एतराज।' कांग्रेस ने एटमी करार के नुक्तों पर भी सफाई दी। सात पेज के सवाल-जवाब बनाकर दस्तावेज बांटा। कहा- करार से देश को कोई नुकसान नहीं होगा। यों तो कांग्रेस दिनभर कंफरटेवल बताने की कोशिश करती रही। प्रणव दा ने चंडीगढ़ में बहुमत का दावा किया। चिदंबरम ने दिल्ली में। पासवान 276 से ज्यादा बताते रहे। पर अकाली दल ने व्हिप जारी कर कांग्रेसी गलतफहमी दूर की। बादल के बयान के बाद ही कांग्रेस अफवाह उड़ा रही थी। आजकल में शिवसेना भी जारी करेगी। अब कांग्रेस को बीजेपी के बीमार सांसदों हरीश चंद्र चौहान और डीसी कंटप्पा की गैर हाजिरी पर भरोसा। यों तो कांग्रेस शिबू-अजित को मंत्री बनाने पर राजी। वीरप्पा मोइली से पूछा गया- 'क्या शनिवार को शिबू-अजित का शपथ ग्रहण होगा?' वह बोले- 'किसे, कब मंत्री बनाया जाए, यह तय करना पीएम का हक।' पर कांग्रेस की कोर कमेटी देर रात तक सोचती रही- 'क्या लोकसभा में फैसले से पहले मंत्री बनाना ठीक लगेगा।' यों खबर आई- बाईस के बाद बनाने का लिखित वादा देने को तैयार। पर शिबू सोरेन ने साफ कह दिया- 'बाद में मुझे आप पर कोई भरोसा नहीं। जो करना है अभी करो।' वैसे बता दें- शिबू की पार्टी भी तीन-दो में टूटने को तैयार-बर-तैयार। अब शर्तों का पिटारा भी खुलने लगा। शिबू सोरेन को मंत्री पद चाहिए। बाकी सांसदों को कोल इंडिया-दामोदर वैली का हेड क्वार्टर रांची में चाहिए। दोनों हेड क्वार्टर फिलहाल कोलकाता में। जब मांगने लगे। तो मांगों का सारा पिटारा खोल दिया। छह लेन की नेशनल हाइवे भी मांग ली। देवगौड़ा की मांग कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण की। जो मनमोहन-सोनिया के बस में नहीं। वैसे देवगौड़ा का साथ छोड़ चुके विरेंद्र कुमार वापस आने को तैयार। तब विरेंद्र कुमार और शिवन्ना दो हो जाएंगे। शिवन्ना के बारे में अपन पहले ही बता चुके। वह बीजेपी के साथ घुल-मिल लिए। विरेंद्र कुमार लेफ्ट के साथ। शिवन्ना बीजेपी के साथ। देवगौड़ा अकेले झुनझुना बजाएंगे। यों देवगौड़ा की लेफ्ट से भी बात जारी। पर शुक्रवार को पीएम ने फोन लगाया। तो माकूल जवाब से खुश हुए। देवगौड़ा आज पीएम से मिलेंगे। चलते-चलते तमिलनाडु की बात करते जाएं। आखिरी दिन पीएमके क्या फैसला लेगी। अभी कह नहीं सकते। पर डीएमके का एक सांसद गायब होगा- 'दयानिधि मारन।' शुक्रवार को करुणानिधि ने धमकी दी। पर अब इन धमकियों का क्या मतलब। जब चुनाव सिर पर हैं। वाईको की एमडीएमके के दो सांसद बागी- 'एल गणेशन और जिंजी एन रामचंद्रन।' वाईको ने सरकार के खिलाफ वोट का व्हिप जारी किया। पर वाईको के व्हिप का उन पर क्या असर होगा। यों अपन को कांग्रेस कैंप में बढ़े भरोसे की समझ नहीं आई। खुद कांग्रेस में टूट-फूट शुरू हो गई। अपन ने बिहार-गुजरात के एक-एक सांसद की बात की ही थी। शुक्रवार को हरियाणा का दूसरा सांसद टूट गया। कुलदीप विश्नोई तो पहले ही टूट चुके। शुक्रवार को करनाल के अरविन्द शर्मा टूटे। शनिवार या इतवार को सिरसा के आत्मा सिंह टूटेंगे। कर्नाटक के आरएल जालप्पा भी टूटने को तैयार। यों जालप्पा ने शुक्रवार को कांग्रेस का हौँसला बढ़ाया। पर बताते जाएं-जालप्पा का बेटा येदुरप्पा सरकार में मंत्री।

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