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पत्रकारिता को इस संकट में ला कर किस ने खडा किया 

Publsihed: 31.Oct.2017, 09:09

अजय सेतिया / साथियो , वामपंथी लीनिंग वाले पत्रकारों को लगता है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारतीय पत्रकारिता अपने अब तक के सब से बड़े संकट के दौर से गुजर रही है | पूरी तरह नहीं , लेकिन किसी हद तक मैं भी उन से सहमत हूँ | मेरा मानना है पत्रकारों के एक वर्ग ने गोधरा काण्ड के बाद दंगों में मोदी की भूमिका के आरोप लगा टकराव की स्थिति पैदा की थी | अदालतों ने मीडिया के उन आरोपों को खारिज कर दिया, इस के बावजूद उन के रूख में कोई बदलाव नहीं आया |  देश की जनता ने उन पत्रकारों के आरोपों को खारिज करते हुए 30 साल बाद मोदी को स्पष्ट बहुमत का जनादेश दिया , लेकिन उन ख़ास व

विनोद वर्मा की गिरफ्तारी से उठे कुछ गम्भीर सवाल

Publsihed: 28.Oct.2017, 21:48

अजय सेतिया / पूर्व पत्रकार विनोद वर्मा को अश्लील सीडी बनाने के आरोप में पकडा गया है | बताया गया है कि वह सेक्स सीडी रमन सरकार के मंत्री राजेश मूणत की है | गिरफ्तारी गाजियाबाद के इंदिरापुरम के वैभव खंड स्थित महागुन मेंशन अपार्टमेंट में उन के फ़्लैट से की गई | छतीसगढ़ और गाजियाबाद पुलिस ने आधी रात के बाद साढ़े तीन बजे गिरफ्तारी की | विनोद पर जबरन वसूली और धमकी देने का केस दर्ज किया गया  है | कई घंटे तक उनसे पूछताछ की गई | पुलिस का दावा है कि उन के फैलेट से 500 पोर्न सीडी, दो लाख रुपए नकद, लैपटॉप और एक डायरी बरामद की गई | जबकि शुरू में विनोद वर्मा ने कहा कि उसके पास सीडी नह

मुझे तो वसुंधरा राजे से यह उम्मींद नहीं थी 

Publsihed: 24.Oct.2017, 18:27

अजय सेतिया / आज कल आदमी ( या औरत भी ) सुर्ख़ियों में तब आता है, जब कोई बुरा काम करता है | या फिर इतना बड़ा जुगाडू हो कि सफेद को काला और काले को सफ़ेद बताना जानता हो | वसुंधरा राजे और नरेंद्र मोदी में वैसे तो कोई समानता नहीं है | पर एक समानता है कि दोनों मीडिया को ज्यादा तव्वजो नहीं देते | दोनों के ऐसा करने के अपने अपने कारण हैं | नरेंद्र मोदी को 2002 में दिल्ली से गुजरात भेजा गया था | और वसुंधरा राजे को 2003 में जयपुर भेजा गया | मोदी उस समय भाजपा के महासचिव के नाते दिल्ली में जमे हुए थे और वसुंधरा राजे केंद्र में मंत्री के नाते | मोदी को मुख्यमंत्री बना कर भेजा गया था | तो वसु

राहुल गांधी को द्वारकाधीश में कैसे जाने दिया गया

Publsihed: 22.Oct.2017, 23:17

शंभूनाथ शुक्ल / साल 2011 की 23 जनवरी को मेरा द्वारिका पीठ में जाना हुआ। रात अहमदाबाद से सौराष्ट्र एक्सप्रेस पकड़ कर जब मैं द्वारिका पहुंचा तब तक दोपहर ढल चुकी थी। शाम तक तैयार होकर मैं द्वारिकाधीश के मन्दिर में गया। उस समय वहां बहुत भीड़ थी। लाइन लगाने के बाद करीब एक घंटे में मेरा नम्बर तो आ गया लेकिन द्वारिकाधीश की प्रतिमा के दर्शन के लिए समय बहुत कम मिला। ऊपर से पुजारियों की आपाधापी और बार-बार तुलादान कराने के आग्रह से मैं खीझ गया और लौट आया।

इस महाभारत का कर्ण कौन है और शल्य कौन 

Publsihed: 10.Oct.2017, 04:50

अजय सेतिया / सवाल पेचीदा हो गया है | यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी या आडवाणी, जोशी की बात तो छोडिए | सवाल यह है कि क्या संघ के स्वयसेवक और संघ के प्रचारक मोदी राज से खुश हैं | क्या संघ की रीढ़ की हड्डी संघ के गैर प्रचारक अधिकारी मोदी राज से खुश हैं | जहां संघ के प्रचारकों की राय का महत्व है | वहां संघ के गैर प्रचारक अधिकारियों की राय का महत्व ज्यादा है | संघ के प्रचारकों की राय भी गैर प्रचारकों के फीड बैक से बनती है | संघ ने पिछले कुछ महीनों में प्रचारकों से फीड बैक लिया है | इस फीड बैक ने सरकार के गुणगान की राय बदल दी है | अरुण शौरी का ढाई आदमियों की सरकार वाला जुमला अब संघ सर्

बच्चों की सुरक्षा में लापरवाह भारत 

Publsihed: 13.Sep.2017, 21:11

अजय सेतिया / केंद्र और राज्य सरकारों की लापरवाही के कारण भारत में बच्चे असुरक्षित हो गए | कोई दिन ऐसा नहीं बितता जब कहीं न कहीं से बच्चे के यौन शोषण , बच्चे की हत्या या बच्चे के साथ क्रूरता की खबर न आती हो | गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से चल रहे बाल गृह और स्कूल बच्चों के लिए सर्वाधिक असुरक्षित होते जा रहे हैं | बच्चों की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया भर के देशों को प्रोटोकाल जारी किया हुआ है, अगर सरकारें उस प्रोटोकाल का पालन कर और करवा लें तो बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाया जा सकता है | भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के प्रोटोकाल के अनुरूप क़ानून भी बनाए हैं ,

हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी को अदालत में झटका 

Publsihed: 21.Aug.2017, 19:46

अजय सेतिया / हमारी सेना का एक कर्नल पिछले नौ सालों से जेल काट रहा था | सुप्रीमकोर्ट ने सोमवार को लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित प्रसाद श्रीकांत को जमानत दी  | इसी सुप्रीमकोर्ट ने 2015 में मकोका हटाते हुए कहा था कि उस के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं है , इस लिए जमानत पर विचार किया जाना चाहिए | उसे क्यों फंसाया गया ?

रोहित वेमूला की जांच से मीडिया की भी साख गिरी

Publsihed: 20.Aug.2017, 14:24

अजय सेतिया / जब राहुल गांधी, अरविन्द केजरीवाल, सीताराम येचुरी और मायावती ने हैदराबाद में आत्महत्या करने वाले रोहित वेमूला को दलित बता कर नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का देशव्यापी अभियान शुरू किया था , तब मुख्यधारा के मीडिया ने विपक्षी दलों की ओर से झूठ पर आधारित अभियान चलाने में न सिर्फ मदद की थी , अलबत्ता जमीनी पत्रकारों की उन रिपोर्टों को दबा दिया गया था, जिन में राजनीतिक दलों के आरोपों को बेबुनियाद बताया गया था | विजुअल मीडिया आने के बाद देश के प्रिंट मीडिया की  ऐसी दुर्दशा हो गई है कि बड़े न्यूज चेनलों से प्रभावित हो कर ख़बरें लिखी जाने लगी हैं | खासकर देश की राजधानी क

साम्प्रदायिक बात कर वामपंथियों को रिटर्न गिफ्ट दे गए हामिद अंसारी

Publsihed: 10.Aug.2017, 20:47

अजय सेतिया / हामिद अंसारी का राजनीति से कुछ लेना देना नहीं था | भैरोसिंह शेखावत 2007 में रिटायर हो रहे थे | सोनिया-मनमोहन सरकार वामपंथियों के समर्थन से चल रही थी | कांग्रेस ने महाराष्ट्र की कांग्रसी नेता प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रपति बनाया | तो कम्यूनिस्ट पार्टी ने उप-राष्ट्रपति का पद मांग लिया | कांग्रेस के पास संसद में बहुमत नहीं था | इस तरह सोनिया गांधी को कम्यूनिस्टों की बात माननी पडी | कम्यूनिस्टों ने विदेश सेवा से रिटायर वामपंथी विचारधारा के हामिद अंसारी का नाम आगे किया | इस तरह राजनीति का अनाडी राज्यसभा का सभापति बन बैठा | पिछले दस साल में हामिद अंसारी ने राज्यसभा में

और इस तरह इस्लाम खतरे में पड जाता है

Publsihed: 01.Aug.2017, 22:31

प्रवीण बागी / किसी मुस्लिम के जय श्रीराम बोलने से इस्लाम खतरे में पड़ जाता है, यह मैं पहले नहीं जनता था। मुसलमान जय श्रीराम बोलें और हिन्दू मज़ारों पर सजदा करें, मुस्लिम दुर्गा की मूर्ति उठाये और हिन्दू ताज़िया खेलें यही तो इस देश की परंपरा रही है।विशेषता है। पटना में न जाने कब से मुस्लिम महिलाओं द्वारा बनाये माटी के चूल्हे पर हिन्दू छठ का खरना प्रसाद बनाते आ रहे हैं। रमजान में हिन्दू अपने मुस्लिम सहयोगियों के लिए इफ्तार का इंतजाम करने में गर्व अनुभव करते है। यही तो हिंदुस्तान की खासियत है। इसीलिए यह पूरे विश्व में अनूठा देश माना जाता है। झगडे, दंगा-फसाद