केजरीवाल-कमल हासन वामपंथियों के शहरी चेहरे
अजय सेतिया / जब आप पार्टी बन रही थी | तभी अपन ने एक लेख लिखा था | ओम थानवी के जमाने में जनसत्ता में भेजा गया वह अपना आख़िरी लेख था | जो छपा नहीं , और फिर अपन ने लिखा नहीं | उस लेख में अपन ने लिखा था कि केजरीवाल वामपंथी नक्सली है | उस के नक्सलियों से करीबी सम्बन्ध हैं | यों तो अपन को ओम थानवी के वामपंथी होने का पता था | पर प्रभाष जोशी की परम्परा वाले जनसत्ता में सम्पादक की विचारधारा से लेख तय नहीं होते थे | जिसे ओम थानवी ने पैरों तले रौंद दिया था | वह तो अपन को बाद में पता चला कि ओम थानवी भी केजरीवाल के बुद्धीपुरुष थे | और राज्यसभा पर निगाह टिकाए हुए थे |