विनोद वर्मा की गिरफ्तारी से उठे कुछ गम्भीर सवाल

Publsihed: 28.Oct.2017, 21:48

अजय सेतिया / पूर्व पत्रकार विनोद वर्मा को अश्लील सीडी बनाने के आरोप में पकडा गया है | बताया गया है कि वह सेक्स सीडी रमन सरकार के मंत्री राजेश मूणत की है | गिरफ्तारी गाजियाबाद के इंदिरापुरम के वैभव खंड स्थित महागुन मेंशन अपार्टमेंट में उन के फ़्लैट से की गई | छतीसगढ़ और गाजियाबाद पुलिस ने आधी रात के बाद साढ़े तीन बजे गिरफ्तारी की | विनोद पर जबरन वसूली और धमकी देने का केस दर्ज किया गया  है | कई घंटे तक उनसे पूछताछ की गई | पुलिस का दावा है कि उन के फैलेट से 500 पोर्न सीडी, दो लाख रुपए नकद, लैपटॉप और एक डायरी बरामद की गई | जबकि शुरू में विनोद वर्मा ने कहा कि उसके पास सीडी नहीं ,पेन ड्राइव है और उन्हें फंसाया गया है | पर बाद में उन ने खुद ट्विटर पर सीडी की बात कबूल की | वह लंबा समय सीनियर पत्रकार रहे हैं | वह मूल रूप से छतीसगढ़ के है | अपनी मुलाक़ात कोई 25 साल पुरानी होगी | जब वह आईएनएस बिल्डिंग में देशबंधू  में पत्रकार थे | अपन उन दिनों दैनिक भास्कर में थे | एक ही बिल्डिंग में कई साल इकठ्ठे काम करते रहे | इकठ्ठे कांग्रेस और भाजपा कवर करते रहे | हालांकि उन का ज्यादा जोर कांग्रेस और माकपा की खबरों पर होता था | फिर उन की नियुक्ति बीबीसी में हो गई और वह लंदन चले गए | 

लंदन से लौट कर पहले दिल्ली में भी बीबीसी में ही आए थे | फिर कुछ दिन के भटकाव के बाद अमर उजाला ज्वाईन कर लिया | अमर उजाला में वह मेन स्ट्रीम के पत्रकार नहीं थे | उन्हें डिजीटल अमर उजाला की जिम्मेदारी दी गई थी | जो पत्रकारिता से ज्यादा तकनीक का खेल होता है | गिरफ्तारी के बाद भी विनोद वर्मा का ट्विटर हैंडल चल रहा था | पहले ट्विट में उन ने लिखा-" मेरे पास छत्तीसगढ़ के एक मंत्री की सेक्स सीडी है इसलिए निशाना बनाया गया |" दूसरे ट्विट में उन ने लिखा-" मुझे इसलिए अरेस्ट किया क्योंकि मेरे पास छत्तीसगढ़ के मंत्री की सीडी थी | " तीसरे ट्विट में उन ने लिखा-" सत्य की हमेशा जीत होती है | लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आज़ादी होनी चाहिए |  किसी की कलम को आप लिखने से रोक नही सकते | एक को रोकोगे हज़ार लिखेंगे |" फेसबुक पर उन की आख़िरी पोस्ट 24 अक्टूबर की है | जिस में उन ने लिखा-" किसी ने कहा: 70 साल में कुछ नहीं हुआ | कहते हुए अब वे सोचते होंगे कि यार ये लोग इतने साल सत्ता में बने कैसे रह लेते हैं, हमें तो पांच भारी पड़ते हैं |" एनडीटीवी ने उन की गिरफ्तारी के बाद पहली खबर में 300 सीडी बरामद होने की बात कही थी | 

विनोद वर्मा की गिरफ्तारी ने इफ्तिखार गिलानी की याद दिला दी | इफ्तिखार को एनडीए की पिछली सरकार में गिरफ्तार किया गया था | इफ्तिखार कश्मीर के हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद हैं | गुप्तचर एजेंसियों ने इफ्तिखार की गिफ्तारी उसी सम्बंध में की थी | झूठे मनघडंत आरोप लगा कर | अपन ने अपने इंडिया गेट कालम में गिरफ्तारी का जम कर विरोध किया था | वह भी अपने आईएनएस के साथी थे | तब अपना कमरा इफ्तिखार के बगल वाला था | बीजेपी नेताओं को पत्रकारों ने कई बार घेर कर इफ्तिखार की शराफत के सबूत दिए | तब सरकार और मीडिया में ऐसा अविश्वास नहीं था , जैसा अब है | पत्रकार दहशत के माहौल में हैं | पत्रकारिता की स्वतंत्रता खतरे में है | कई  न्यूज चैनल सरकारी  दबाव में चीन के ग्लोबल टाईम्स अखबार जैसे हो गए हैं ,जो वहां सरकारी भोंपू है | सरकार विरोधी मीडिया आर्थिक संकटों से जूझ रहा है | भाजपा विरोधी पत्रकार इस बार ज्यादा एकजुट हैं | उन्हें लगता है कि उन की विचारधारा के लिए सब से बड़ा खतरा है | कहीं कोई घटना हो जाए , जाने पहचाने चार-पांच चेहरे फौरन प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस कर डालते हैं | इस बार तो चलो छतीसगढ़ की भाजपा सरकार ने गिरफ्तारी की है | भाजपा पर हमला बनता ही है | उन चार पांच भाजपा विरोधी चेहरों ने गौरी लंकेश के मामले में बिना सिर पैर जाने ही प्रदर्शन और प्रेस कांफ्रेंस कर दी थी | जिस से स्वतंत्र मीडिया के नाम पर स्क्रीन काली करने वालों की विस्वसनीयता भी नहीं रही | 

वैसे अभी विनोद वर्मा की गिरफ्तारी का असली कारण किसी को भी नहीं पता | अपन नहीं जानते पुलिस के इस केस में कितनी सच्चाई है कि विनोद वर्मा से सेक्स सीडी बरामद हुई है , जो छतीसगढ़ की भाजपा सरकार के मंत्री की है | विनोद वर्मा अपने किसी साथी के माध्यम से ब्लैकमेलिंग कर रहे थे | अगर वह ब्लैकमेलिंग कर रहे थे, अगर उन ने फोन करवाया था तो मामला पीत पत्रकारिता का है | वैसे सच्चाई का एक दूसरा पहलू भी है | वह यह है कि विनोद वर्मा आजकल पत्रकारिता नहीं कर रहे थे | इसी लिए अपन ने शुरू में ही उन्हें पूर्व पत्रकार लिखा है | वह छतीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस को डिजिटल मीडिया की सलाह देते थे | अगर यह सच है तो वह सेक्स सीडी कांग्रेस की ओर से मीडिया में खुलासा करने के लिए बनवाई गई होगी | पर सवाल है कि यह खबर सरकार को लीक कैसे हुई | लीक हुई , तभी तो सरकार ने पुलिस को पकड धकड़ में लगा दिया | यानि कांग्रेस के दफ्तर में ही कोई काली भेड है | पर एक सवाल और खड़ा हुआ है | क्या सेक्स सीडी में दिखाया गया पुरुष रमन सिंह सरकार का मंत्री राजेश मूणत है | 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भुपेश बघेल असल में विनोद वर्मा के रिश्तेदार हैं | भूपेश बघेल ने माना है कि एक सीडी उस के पास भी है | जिस में  दिख रहा व्यक्ति मंत्री जी जैसा दिख रहा है | अब एक एफआईआर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के खिलाफ भी दर्ज हो गई है | ऍफ़आईआर खुद मंत्री राजेश मूणत ने दर्ज करवाई है | लगता है अब मामला राजेश मूणत जैसे दिखने वाले किसी बन्दे की सेक्स सीडी बनवाने का है | अगर यह सच है ,तो क़ानून को अपना काम करने दो | अगर सीडी सचमुच मंत्री राजेश मूणत की है | तो यह अपनी राजनीतिक बदनामी से डर कर की गई कार्रवाई है | पर अगर सीडी के माध्यम, से वसूली का मामला है, तो यह पत्रकारिता नहीं | और अगर सीडी सही भी है और वह कांग्रेस के लिए बनाई जा रही थी, तो उस का पत्रकारिता से कुछ लेना देना नहीं है | एक सवाल तो जायज उठाया जा रहा है कि अगर सीडी पत्रकारीय कार्य था तो एक हजार प्रतियाँ बनाने की क्या जरूरत थी | पत्रकार संगठनों को राजनीतिक कार्य कर रहे पूर्व पत्रकारों के बचाव में आने की क्या जरूरत है | 

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