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भारत सेक्यूलर देश की तरह व्यवहार कब करेगा
अजय सेतिया / स्कूलों और कालेजों में यूनिफार्म
कोनोपी से गांधी आउट , सुभाष इन
अजय सेतिया / इंडिया गेट के मेहराब के नीचे, जहां शहीदों की याद में ज्योति प्रज्वलित है – उस के ठीक पूर्व में एक खाली कोनोपी यानि छतरी है | आज़ादी से पहले इसमें इंग्लैंड के राजा जॉर्ज पंचम प्रतिमा लगाई गई थी | साठ के दशक में एक मुहिम चली कि ब्रिटिश मेमोरिय्ल्स को हटाया जाए , इस मुहिम के तहत इस छतरी में लगी जार्ज पंचम की प्रतिमा को हटा दिया गया | उस समय एक मुहिम यह भी चली थी कि जार्ज पंचम की जगह पर महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाई जाए | मुहिम का एक पहलू यह भी था कि छतरी को हटा कर वहां गांधी की विशालकाय प्रतिमा लगाई जाए , दूसरी मुहिम यह थी कि इसी छतरी के अंदर गांधी की प
गैर यादव पिछड़े हैं किस के साथ
अजय सेतिया / जब हम उतर प्रदेश के चुनावी समर की बात करते हैं , तो हमें पश्चिम
बंगाल के चुनाव की याद आती है | चुनाव से ठीक पहले वहां बड़े पैमाने
पर दलबदल हुआ था , तृणमूल कांग्रेस के कई मंत्री सांसद विधायक
भाजपा में शामिल हुए थे | हवा ऐसी बनी थी कि भाजपा स्पष्ट बहुमत
ले कर आएगी | लेकिन हुआ क्या | भाजपा 294 सीटों के सदन में सौ
का आंकडा पार नहीं कर पाई , 77 पर अटक गई , जो सदन का एक
चौथाई ही बनता है | अब वैसी ही हवा उतर प्रदेश में भाजपा से बड़े
पैमाने पर दलबदल करवा कर सपा के पक्ष में बन रही है | इस का
अजय सेतिया / योगी सरकार से इस्तीफों का दौर तीसरे दिन भी जारी रहा | तीसरे दिन तीसरे मंत्री धर्म सिंह सैनी ने इस्तीफा दिया | स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान पहले इस्तीफा दे चुके थे | इन के साथ सात विधायक भी भाजपा छोड़ चुके हैं | इन सभी इस्तीफों की ख़ास बात यह है कि सभी ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं | तीनों मंत्रियों और विधायकों के इस्तीफों की एक बात सामान्य है कि सभी के इस्तीफों की भाषा एक ही है | तीसरी बात यह सामान्य है कि तीनों मंत्रियों ने इस्तीफे के बाद अखिलेश यादव के साथ खड़े हुए एक जैसी फोटो खिंचवाई है | इस से साफ़ दिखाई देता है कि ये सभी तस्वीरें कुछ दिन पहले तीनों