पंजाब में हिन्दू मुख्यमंत्री नहीं हो सकता

Publsihed: 04.Feb.2022, 07:52

अजय सेतिया / कांग्रेस के अंदरुनी लोकतंत्र की बिल्ली थैले से बाहर आ गई है | राहुल गांधी ने जालन्धर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री का चेहरा पार्टी वर्करों से पूछ कर तय होगा | हालांकि जब चन्नी को दो सीटों पर उम्मीन्द्वार बना दिया | तो साफ़ है कि वही चेहरा होंगे | आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान का नाम तय करने से पहले इसी तरह का नाटक किया था | कांग्रेस हाईकमान अब फोन काल के जरिए लोगों से पूछ रहा है कि चरनजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया जाए या नवजोत सिंह सिद्धू को | चन्नी चाहते हो , तो एक दबाएँ , सिद्धू चाहते हो तो दो दबाएँ | तीसरा कोई नाम सामने नहीं है | यह बात सामने आते ही कांग्रेस के अंदरुनी लोकतंत्र की पोल खुल गई | चार महीने पहले जब अमरेन्द्र सिंह ने इस्तीफ़ा  दिया था तो कांग्रेस हाईकमान ने विधायकों से पूछा था कि किसे मुख्यमंत्री बनाएं | हालांकि विधायकों ने एक लाईन का प्रस्ताव पास कर दिया था कि हाईकमान तय करे | पर दिल्ली से संदेश गया कि विधायकों की राय ली जाए | तब हाईकमान की तरफ से कोई चेहरा सामने नहीं था | दिल्ली से भेजे गए पर्यवेक्षक ने विधायकों से राय लेनी शुरू की | अब जब दो नाम मैदान में रह गए हैं , तो पोल खुली है कि चार महीने पहले कैसे बेईमानी की गई थी |

पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड ने अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र अबोहर में जा कर यह पोल खोली है | अपन बता दें कि अबोहर पंजाब का हिन्दू बहुल क्षेत्र है | वहां हमेशा हिन्दू ही विधायक बनता है , फिर भले वह भाजपा का हो या कांग्रेस का | कांग्रेस की तरफ से तो जाखड परिवार का पिछले 50 साल से कब्जा है | बलराम जाखड 1971 में पहली बार विधायक चुने गए थे | इंदिरा गांधी के नजदीक आने के बाद वह केन्द्रीय राजनीति में आ गए | लोकसभा के स्पीकर रहे | फिर उन के बेटे , भतीजे कांग्रेस का टिकट पाते रहे | इस बार सुनील जाखड का भतीजा कांग्रेस उम्मीन्द्वार है | कभी यह विधानसभा क्षेत्र जनसंघ का गढ़ हुआ करता था | फिलहाल वहां से भाजपा का ही विधायक है | 2017 भाजपा का अबोहर से ही एकमात्र विधायक जीता था | यह पृष्ठभूमि अपन ने इस लिए बताई , क्योंकि सुनील जाखड ने हिन्दू बहुल अबोहर में जा कर कांग्रेस के अंदरुनी लोकतंत्र की पोल खोली है |

सुनील जाखड ने हिन्दुओं के बीच खुलासा किया कि विधायकों ने उन्हें चुना था , लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें इस लिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि वह हिन्दू हैं | कांग्रेस के 42 विधायकों ने उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर चुना था | सुखजिंदर रंधावा को 16 विधायकों का समर्थन था | 12 विधायकों ने महारानी प्रणीत कौर का नाम लिया था , सिद्धू के पक्ष में छह और चन्नी के पक्ष में सिर्फ 2 विधायक थे | मुख्यमंत्री बने दो विधायकों के समर्थन वाले चरनजीत सिंह चन्नी क्योंकि वह सिख रहते हुए भी ईसाई धर्म अपना चुके हैं | सुनील जाखड को इस लिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया क्योंकि वह हिन्दू थे | राहुल गांधी ने उन्हें फोन कर के उपमुख्यमंत्री बनने को कहा , लेकिन सुनील जाखड ने इनकार कर दिया | राहुल गांधी ने उन्हें इस लिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया क्योंकि एक सिख को मुख्यमंत्री बनाना था | एक टीवी चेनल के इंटरव्यू में सुनील जाखड ने कहा कि कांग्रेस पहले ऐसी तो कभी नहीं थी | यह सीधी सीधी कांग्रेस नेतृत्व पर टिप्पणी है | क्योंकि कांग्रेस के सिख विधायकों ने तो उन के साथ साम्प्रदायिक भेदभाव नहीं किया था | कांग्रेस नेतृत्व का मतलब इस समय राहुल गांधी है | इस्तीफा देने के बावजूद वही अध्यक्ष बने हुए हैं | वह कितने साम्प्रदायिक हैं , यह इस घटना से साबित होता है |

आपकी प्रतिक्रिया