भारत सेक्यूलर देश की तरह व्यवहार कब करेगा

Publsihed: 10.Feb.2022, 22:40

अजय सेतिया  स्कूलों और कालेजों में यूनिफार्म इस लिए लागू होती है , ताकि सभी को समान होने का एहसास हो | लेकिन कर्नाटक में इस्लामिक जेहादियों ने समानता के चीथड़े उड़ाने शरू कर दिए हैं | जिस जिस स्कूल और कालेज में कट्टरपंथियों के दबाव में मुस्लिम लडकियाँ हिजाब पहन कर आने की जिद्द कर रही हैं , उस सभी स्कूलों और कालेजों की रूल बुक में ड्रेस कोड अनिवार्य है | 2021 तक सभी लडकियाँ कालेज ड्रेस कोड का पालन कर रहें थी | तीन साल पहले भी एक कालेज में कुछ लडकियों ने हिजाब पहनने की जिद्द की थी | जिस पर बाद में आम सहमती हो गई थी कि कोई भी मजहबी पहचान वाले कपड़े पहन कर नहीं आएगा | संविधान में धार्मिक आज़ादी का मतलब यह नहीं है कि आप अपनी मजहबी पहचान दिखाने के लिए सरकारी , गैर सरकारी संस्थानों के नियम कायदों का उलंघन करें | संविधान ने तो मुस्लिमों को शिक्षण संस्थान खोलने की इजाजत भी दी है , अगर उन्हें इस्लामिक पहनावा पहनना जरूरी है , तो वे मदरसों में पढ़ें , सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों कालेजों में पढना है , तो अपनी मजहबी पहचान अपने घर छोड़ कर आनी चाहिए | धार्मिक आज़ादी का मतलब आप अपने ढंग से इबादत कर सकते हैं , धार्मिक आज़ादी का मतलब यह नहीं हो सकता कि आप देश के बच्चों में एकता की भावना को खत्म करें |

अपनी पहचान दिखाने के लिए कर्नाटक में जो हिजाब आन्दोलन चल रहा है , उस के पीछे मुस्लिम लीग जैसे ही अलगाववादी संगठन पीऍफ़आई और उस के छात्र संगठन सीऍफ़आई का हाथ है | इन अलगाववादी और आतंकवादी संगठनों ने स्कूली बच्चियों के माता पिता को बाध्य किया कि वे अपनी बच्चियों को हिजाब पहन कर स्कूल कालेज जाने के लिए बाध्य करें | क्या यह अलगाववादी आन्दोलन नहीं है |  छात्राओं को मोहरा बना कर पीऍफ़आई ने हिन्दू मुस्लिम दंगों की साजिश रची थी | दो मुस्लिम युवकों को हथियारों के साथ गिरफ्तार भी किया गया है | लेकिन अब यह भी साबित हो रहा है कि इस विवाद को खड़ा करने के पीछे कांग्रेस का भी हाथ है | बसंत पंचमी वाले दिन राहुल गांधी ने एक ट्विट में कालेज में हिजाब पहनने का समर्थन किया | जब पूरे कर्नाटक में हिन्दू मुस्लिम तनाव खड़ा हो गया तो प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डी.के.शिव कुमार ने आरोप लगाया कि हिन्दू युवकों ने स्कूल में लगा राष्ट्रीय ध्वज उतार कर भगवा फहरा दिया | यह घटना शिमोगा के कालेज में हुई थी , जहां जयश्रीराम के नारे लगाते दर्जनों छात्रों में से एक ने पोल पर चढ़ कर भगवा फहरा दिया था | जबकि इंडिया टूडे ने बाद में खुलासा किया कि जिस पोल पर भगवा फहराया गया , उस पोल पर कोई ध्वज लगा ही नहीं हुआ था | इस तरह झूठी अफवाहों को आधार बना कर कांग्रेस ने हिजाब के नाम पर दंगा फैलाने का समर्थन करना शुरू कर दिया है |

उधर हाईकोर्ट में मुस्लिम संगठनों के वकील ने दलील दी कि कुरआन में मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्का और हिजाब पहनना लाजिमी कहा गया है , इस पर कोर्ट ने अदालत में कुरआन मंगवा लिया | सवाल पैदा होता है कि हाईकोर्ट को कुरआन मंगवाने की क्या जरूरत थी | कोर्ट को संविधान के मुताबिक़ फैसला करना है या कुरआन के मुताबिक़ | क्या भारत इस्लामिक देश है , जो कुरआन को देख कर फैसला होगा | इस्लाम के नाम पर जो पाकिस्तान बना है , वहां तो मुस्लिम औरतें खुली हवा में सांस ले रही हैं , वहां तो कुरआन के मुताबिक़ ऐसा कोई कानून नहीं है जो बुर्का या चेहरा ढकने को अनिवार्य बनाता हो | किसी भी सेक्यूलर देश में सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का या हिजाब पहनने की इजाजत नहीं है , तो भारत में क्यों है , क्या भारत मुस्लिम देश है |

 

 

आपकी प्रतिक्रिया