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लिंगायत की जगह लिंगायत का फ़ार्मूला

Publsihed: 27.Jul.2021, 22:53

अजय सेतिया / दो साल पहले जब कर्नाटक में कुमार स्वामी की सरकार गिरी थी तो 76 साल का होने के बावजूद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया गया था | नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से भाजपा ने संगठन और सरकार में 75 साल के बाद रिटायर का फार्मूला बना रखा है | पर येदियुरप्पा की बात अलग थी | कुमार स्वामी की सरकार उन्होंने ही गिराई थी , उन के सिवा भाजपा का कोई नेता सरकार गिरा भी नहीं सकता था | स्वाभाविक है कि नेतृत्व को उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाना पड़ा था | दूसरी वजह उन का जमीनी आधार था, आज भी कर्नाटक की पालिटिक्स पर जितनी पकड़ येदियुरप्पा की है उतनी किसी और भाजपा नेता की नहीं | वह लिंगायत समुदाय से

मीडिया कोई पवित्र गाय नहीं ajaysetia 23.Jul.2021, 13:47

एल.एन.शीतल / देश के सबसे बड़े मीडिया हाउस - 'भास्कर समूह' पर IT और ED की छापेमारी को मीडिया पर हमला बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि सरकार ने भास्कर ग्रुप के सत्ताविरोधी तेवरों से चिढ़कर उसे सबक सिखाने और अन्य अख़बारों/चैनलों को डराने के लिए यह कार्रवाई की है.

ऐसा कहने वालों को मालूम होना चाहिए कि कोई भी अख़बार या न्यूज़ चैनल ऐसी कोई 'पवित्र गइया' बिल्कुल नहीं, जिसे रक्षा-कवच प्राप्त है. 

स्पीकर चला पाएँगे क्या लोकसभा ajaysetia 19.Jul.2021, 17:16

अजय सेतिया / जब से कोविड शुरू हुआ है, संसद ढंग से नहीं चल रही | पिछले साल शीत सत्र तो हुआ ही नहीं था | बाकी सारे सत्र भी आधे अधूरे हुए | वैसे सरकार ने तो राहत महसूस की है | कोविड के बहाने उसे विपक्ष के हमलों से निजात मिली थी | पर इस बार का सत्र सरकार पर बहुत भारी पड़ने वाला है | विपक्षके साथ मीडिया भी हमलावर होगा | कोविड के बहाने संसद भवन परिसर में मीडिया की एंट्री पर अंकुश लगा है | लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहली बार हुआ है , जब&nbs

तीसरी लहर की खबर से सहमे मोदी

Publsihed: 16.Jul.2021, 20:14

अजय सेतिया / थोड़े विराम के बाद अपन फिर हाजिर हैं , कोविड की तीसरे दौर की आहट ने अंदर तक हिला दिया है | हालांकि अपन दोनों वेक्सीन ले चुके हैं | पर यह रिपोर्ट चिंतिंत करने वाली है कि दो डोज के बाद भी अपन सौ फीसदी सुरक्षित नहीं हैं | रिसर्च की रिपोर्ट यह है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी मौत का खतरा पांच फीसदी बना रहता है | जबकि एक डोज के बाद 18 फीसदी खतरारहता है | अपन को रह रह कर डाक्टर के.के अग्रवाल की याद आती