ट्विटर को ब्लैक आउट करना चाहिए

Publsihed: 25.Jun.2021, 19:14

अजय सेतिया / ट्विटर ने ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह व्यवहार शुरू कर दिया है | जिस तरह मुगलों के राज से ट्रस्ट कुछ भारतीयों ने अंग्रेजों का साथ दिया था | ठीक उसी तरह जब ट्विटर भारतीय क़ानून को चुनौती दे रहा है तो भारत के कुछ विपक्षी दल खुल कर ट्विटर का साथ दे रहे हैं | क्यों न दें , आखिर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उन की सरकार को बदनाम करने को लेकर कांग्रेसी टूलकिट का बवाल उठा था | तो ट्विटर ने ही कांग्रेस का साथ दिया था | वैसे तो ट्विटर कई दिन से भारतीय क़ानून की धज्जियां उड़ा रहा था | लेकिन सरकार और ट्विटर का सीधा विवाद कांग्रेसी टूलकिट से ही शुरू हुआ | इस लिए कांग्रेस के साथ बाकी विपक्षी दल भी ट्विटर के साथ खड़े हैं | मोदी को चुनौती देने वाला चीन हो , तो वे चीन के साथ खड़े हो कर गलवान घाटी पर मोदी से सवाल पूछेंगे | मोदी को चुनौती देने वाला पाकिस्तान हो , तो वे पाकिस्तान के साथ खड़े हो कर सर्जिकल स्ट्राईक पर सवाल दागेंगे |

अब अमेरिकी कंपनी भारत को चुनौती दे रही हो , तो वे अमेरिकी कंपनी के साथ खड़े दिख रहे हैं | उन्हें भारतीय क़ानून के सम्मान की चिंता नहीं , बस उन्हें मोदी कटघरे में दिखने चाहिए | अफ़सोस यह है कि ट्विटर को अदालत से भी मदद मिल रही है | गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की मुस्लिम युवाओं ने ही दाढी काट दी थी | विवाद ताबीज के उलटे असर का था | दाढी काटने की इस घटना को शरारती तत्वों ने हिन्दू मुस्लिम का मुद्दा बना कर ट्विटर पर पेश किया | यह भी कहा कि बुजुर्ग मुस्लिम से जय श्रीराम के नारे भी लगवाए गए | जबकि यह सब कुछ झूठ था | योगी सरकार ने अफवाह फैलाने वालों के साथ साथ ट्विटर को भी नोटिस दिया | तलब किया , तो कर्नाटक हाई कोर्ट ने पुलिस के सामने पेश होने पर रोक लगा दी | अदालतों का काम क़ानून का पालन करवाना होता है | पर अपने यहाँ उल्टी गंगा बहती है | कोई भी हाईकोर्ट कहीं भी दखल दे सकती है | मामला यूपी का , कोर्ट स्टे दे रही है कर्नाटक की |

सरकार को नीचा दिखाने के लिए पिछले दिनों ट्विटर ने आरएसएस के सभी बड़े अधिकारियों के हेंडल से ब्ल्यू टिक हटा दिया था | फिर कुछ ही घंटों में दुबारा लगा दिया | खैर अब बात बहुत आगे बढ़ गई है | संसदीय समिति ट्विटर को तलब कर चुकी है | भारतीय क़ानून की अवहेलना पर संसदीय समिति डांट फटकार भी की है , लेकिन ट्विटर के प्रतिनिधियों पर उस फटकार का कोई असर नहीं हुआ | वे दोनों प्रतिनिधि भी भारतीय ही हैं | मोटी तख्वाह के आगे देशप्रेम भी फीका पड़ गया | ट्विटर के पब्लिक पालिसी मैनेजर शगुफ्ता कामरान और लीगल काउंसल आयुषी कपूर पेश हुए थे | इन दोनों ने संसदीय समिति को भी ट्विटर नीति को भारतीय क़ानून से ऊपर बता दिया |

शुक्रवार को ट्विटर ने भारत सरकार को अपनी ताकत का एहसास करवाने के लिए बड़ा दाव खेला | आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद का ट्विटर हेंडल ही ब्लाक कर दिया | ब्लाक करते हुए ट्विटर ने लिखा-“'आपका अकाउंट ब्लॉक किया जा रहा है क्योंकि आपके ट्वीटर अकाउंट पर एक कंटेंट की पोस्टिंग को लेकर हमें डिजिटल मिल्लेनियम कॉपीराइट एक्ट के तहत शिकायत मिली है |”' असल में रवि शंकर प्रसाद ने ट्विटर के खिलाफ टीवी चेनल को दिए बयान वाला क्लिप ट्विट किया था | एक घंटे बाद ट्विटर ने चेतावनी देते हुए रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को फिर से खोल दिया | रविशंकर ने इस घटना की जानकारी 'कूपर दी | ट्विटर पर जमकर बरसे प्रसाद ने इसे मनमानी की हद कहा है | पर उधर अकाउंट दुबारा खोलते हुए ट्विटर ने उन्हें चेतावनी दी है कि  -“अगर आगे भी DMCA नोटिस आते हैं तो आपका अकाउंट सस्पेंड किया जा सकता है |”

सरकार नहीं , देश लाचारी से देख रहा है | क्या मोदी सरकार एक विदेशी कंपनी को ऐसी मनमानी करने देती रहेगी | या कोई कार्रवाई करेगी | किसी विदेशी क़ानून के तहत भारत के मंत्री पर भारत में कार्रवाई का अधिकार कैसे  स्वीकार किया जा सकता है | कल को भारत में अपना मेन्यूफेक्चरिंग यूनिट लगाने वाली कोई विदेशी कंपनी भी अपने देश का क़ानून अपने कर्मचारियों पर लागू कर देगी | इसे अभी नहीं दबाया गया , तो भारत एक लाचार देश बन जाएगा | एक घंटे के बदले एक दिन ट्विटर ब्लैक आउट होना ही चाहिए |

 

 

 

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