अजय सेतिया / जैसा अपन ने 20 जुलाई को लिखा था कि संसद चलाना इस बार आसान नहीं होगा | तो दस दिन संसद नहीं चली | मानसून सत्र के बाकी 9 दिन बचे हैं | 19 जुलाई को सत्र शुरू हुआ था और 13 अगस्त तक चलना है | बीते दस दिनों में कायदे से लोकसभा को 54 घंटे काम करना था | पर काम हुआ सिर्फ सात घंटे , वह सरकारी धक्केशाही से | राज्यसभा अलबत्ता थोड़ी ज्यादा 11 घंटे चली | वैसे चली वली कुछ नहीं , क्योंकि सरकार ने बिना बहस बिल पास करवाए और मंत्रियों ने बिना बहस एक तरफा बयान टेबल पर रख दिए | इसे कायदे से संसद चलना नहीं कहते | पच्चासी फीसदी समय की बर्बादी ही नहीं हुई , 133 करोड़ रुपए को चूना भी लगा | अपन ने पहले दिन आशंका जता दी थी कि सत्र बेकार जाना है | अपन ने लिखा था-“ जब से कोविड शुरू हुआ है, संसद ढंग से नहीं चल रही | पिछले साल शीत सत्र तो हुआ ही नहीं था | बाकी सारे सत्र भी आधे अधूरे हुए | वैसे सरकार ने तो राहत महसूस की है | कोविड के बहाने उसे विपक्ष के हमलों से निजात मिली थी | पर इस बार का सत्र सरकार पर बहुत भारी पड़ने वाला है |” तरफा बयान अपन ने इसी कालम में पेगासस विवाद को विपक्ष का मुख्य हथियार बताया था |
पेगासस स्पाइवेयर इजरायली साइबर इंटेलिजेंस फर्म ने बनाया है | जो फोन पर निगरानी रखने का काम करता है | खबरें इस तरह की आई थी कि इस साफ्टवेयर का भारत में भी इस्तेमाल हुआ है | जिस का जिक्र अपन ने 20 जुलाई के कालम में किया था | स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी का दावा है कि वह साफ्टवेयर सरकारों को ही देती है | प्राईवेट नहीं देती | तो विपक्ष का आरोप है कि सरकार की एजेंसियों ने साफ्टवेयर खरीदा है | जिसे सरकार विरोधी पत्रकारों और राजनीतिक नेताओं की जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है | सरकार इस का गोलमोल खंडन कर चुकी है | विपक्ष पर दो तरफा हमला शुरू हो चुका है | एक तरफ दो पत्रकार हिन्दू अखबार के एन.राम.और शशि कुमार जांच के लिए सुप्रीमकोर्ट पहुंच चुके हैं | “हिन्दू” सिर्फ नाम का ही हिन्दू है, वह घोषित तौर पर वामपंथी अखबार है | वामपंथी मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करने का कोई मौक़ा जाने नही देना चाहते | इस लिए उन्होंने एन.राम को सुप्रीमकोर्ट भेज दिया | सुप्रीमकोर्ट ने 5 अगस्त को सुनवाई शुरू करने की तारीख तय की हुई है | तो दूसरी ओर विपक्ष जेपीसी की मांग पर अडा है और संसद नहीं चलने दे रहा |
मोदी सरकार के लिए संसद से ज्यादा सुप्रीमकोर्ट में परीक्षा की घड़ी है | वामपंथी एन.राम के लिए कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस एन वी रमण की अगुआई वाली बेंच के सामने अर्जी डाली है | कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि यह नागरिकों की स्वतंत्रता और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है | इसकी सुनवाई जल्दी होनी चाहिए | चीफ जस्टिस रमण ने अगले हफ्ते सुनवाई करने की बात कही थी, जो इस हफ्ते 5 अगस्त को होनी है | उधर विपक्षी दलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संसद तभी चलेगी जब सरकार पेगासस विवाद पर बहस की मांग मान लेगी | वैसे विपक्ष का बड़ा हथियार कोविड मिस मेनेजमेंट, किसान आन्दोलन और महंगाई था | पर वामपंथी वेबसाईट “दि वायर “ ने संसद सत्र से ठीक पहले “पेगासस स्पाईवेयर “ का बम धमाका कर दिया | हालांकि इस सोफ्टवेयर से भारत में जासूसी का मुद्दा पिछले साल भी उठा था | पर इस बार “दि वायर” ने उन पत्रकारों और नेताओं के नाम छाप दिए , जिन की कथित जासूसी हुई है | कथित अपन इस लिए लिख रहे हैं , क्योंकि जहां से जासूसी की खबर आई थी , वहीं से सूची का खंडन भी आ चुका है |
कांग्रेस को मुद्दे वामपंथी दे रहे हैं | यानी सरकार विरोधी एजेंडा वामपंथी तय कर रहे हैं | पेगासस स्पाईवेयर भी वामपंथी मुद्दा है | जो भारत के बाहर से सेट हुआ है | सरकार का कहना है कि यह 'काल्पनिक' और 'गैर-मुद्दा' है | सरकार ने मुद्दे पर बहस से बचने के लिए बहस से पहले आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव का ब्यान करवा दिया | संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि विपक्षी दल पेगासस विवाद पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से अधिक जानकारी मांग सकते हैं | पर विपक्ष बहस पर अडा है और जैसा अपन ने सत्र की शुरुआत में कहा था इस सत्र में होना जाना कुछ नहीं | बाकी बचे 9 दिन भी हंगामें की भेंट चढ़ेंगे |
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