अजय सेतिया / थोड़े विराम के बाद अपन फिर हाजिर हैं , कोविड की तीसरे दौर की आहट ने अंदर तक हिला दिया है | हालांकि अपन दोनों वेक्सीन ले चुके हैं | पर यह रिपोर्ट चिंतिंत करने वाली है कि दो डोज के बाद भी अपन सौ फीसदी सुरक्षित नहीं हैं | रिसर्च की रिपोर्ट यह है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी मौत का खतरा पांच फीसदी बना रहता है | जबकि एक डोज के बाद 18 फीसदी खतरारहता है | अपन को रह रह कर डाक्टर के.के अग्रवाल की याद आती है , जो दोनों डोज़ ले चुके थे | तमिलनाडु के पुलिसकर्मियो पर इसीसाल स्टडी की गई है | ऐसे चार पुलिसकर्मियों की मौत हुई ,जिनने वैक्सीन की दोनो डोज ले रखी थी | एक डोज़ लेने वाले 7 पुलिसकर्मियों की कोविड से मौत हुई | इस लिए अपन केजरीवाल की उस दिल्ली से दूर से दूर हैं , जहां प्रचार ज्यादा हुआ इलाज कम | केजरीवाल न वैक्सीनेशन करवा सके , न ईलाज | मोदी सरकार को बार बार कमान खुद सम्भालनी पड़ी | तब जा कर दिल्ली के हालात सुधरे , वरना दिल्ली वाले तो बाकी राज्यों के लिए अछूत हो गए थे | दूसरी लहर में यूपी और उत्तराखंड का प्रबन्धन दिल्ली से कहीं बेहतर था | यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने तो प्रबंधन में इतनी लोकप्रियता हासिल की की दुनिया में सिक्का जम गया | अब जब तीसरी लहर की खबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बेहद चिंतित है | तो यूपी-उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी उतने ही सतर्क हैं | दूसरी लहर का ठीकरा कुंभ पर फूटा था , तो अब के तीसरी लहर की आहट सुनते ही धामी सरकार सावधान हो गई है | क्योंकि सावन का महीना शुरू हो गया है | सावन में उत्तर भारत के करोड़ों शिव भक्त गंगा जल ले कर अपने अपने क्षेत्र में जाते हैं | सो जहां धार्मिक नेताओं से कावड़ियों को यात्राएं स्थगित करने की अपील करवाई गई है | वहीं हरिद्वार जिला प्रशासन ने 24 जुलाई से हरिद्वार की सीमाएं सील करने का फैसला किया है | ताकि न होगा बांस न बजेगी बांसुरी |
अपन को ऐसे अनेक लोग मिले , जो तीसरी लहर को खारिज कर रहे थे | पर अब तीसरी लहर आती दिखाई दे रही है | नीति आयोग के वही डा वीके पाल जो दूसरी लहर की आहट नहीं सुन सके थे अबअगले 100 से 125 दिन क्रिटिकल बता रहे हैं | विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी न दी होती तो मोदी का यह लाडला अभी भी सोआ रहता | विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि विश्वतीसरी लहर की ओर बढ़ रहा है | पिछले एक हफ्ते में स्पेन में 64फीसदी केस बढ़े हैं | नीदरलैंड में तो हद हो गई , जहां 300 केस बढ़े | दूसरी लहर की आहट को सुनने में नाकाम रहे डॉ. वीके पॉल बादमें सफाईयाँ देते फिरते थे | कुछ दिन पहले कह रहे थे कि भारत तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए तैयार है | अब कह रहे हैं की हमारी पॉपुलेशन अभी भी वर्लनेबल है | यानी अपनी आबादी पर गंभीर किस्म का असर होगा | सारी दुनिया जानती है कि भारत में मौतें कम हुई क्योंकि भारतीयों की इम्यूनिटी अमेरिकनों और यूरोपियनों से कहीं ज्यादा है | ताकि बाद में ठीकरा उन के सिर न फूटे इसलिए उन ने कहा है कि अभी देश मे हर्ड इम्युनिटी नही है |सिचुएशन कंट्रोल में है , लेकिन बिगड़ सकती है |
जहां डा. पाल सिर्फ खुद को बचाने वाले बयान दे रहे हैं | वहींप्रधानमंत्री मोदी तीसरी लहर की खबर से वास्तविक चिंतित हैं | दूसरी लहर से पहले उन ने सब कुछ अपने अमले पर छोड़ दिया था | वीके पाल जैसे भरोसेमंद अमले ने मोदी को धोखा दिया था , दूसरीलहर आई तो तैयारियां शून्य थी | नतीजतन अस्पतालों में न बेड थे,न दवाईयां थी , न आक्सीजन थी , न वेंटीलेटर | सात साल में पहली बार मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ गिरा | तो कसूरवार मोदी खुद नहीं , उन के भरोसेमंद बाबू थे | हालांकि मोदी का बाबू प्रेम अभी भी बरकरार है | अभी मंत्रिमंडल विस्तार में दो और बाबूओं को मंत्री बनाया है | पर अब मोदी से ज्यादा चिंतित और कोई नहीं होगा | क्योंकि दूसरी लहर ने भारत को विश्व के सामने दवाईयों और आक्सीजन का भिखारी बना कर खड़ा कर दिया था | इसलिएशुक्रवार को उन ने उन 73 जिलों की समीक्षा की , जो दूसरी लहर में चिंता का विषय बने हुए हैं | केरल, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा सचमुच खतरे के निशाँ से ऊपर हैं |
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