आलिम नहीं, जालिम हैं तीन तलाक के पैरोकार
यूसुफ़ अंसारी / ‘तीन तलाक़’ यानि एक साथ ‘तीन तलाक़’ को लेकर करीब साल भर से देश भर में बहस गर्म है. मुस्लिम महिलाओं के कई संगठन इस परंपरा को खत्म करने के लिए जोरदार आंदोलन चला रहे हैं. कई मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक के साथ ही खुला, हलाला और चार शादियों के मर्दों के तथाकतथित अधिकारों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है. पहले भी कई बार तीन तलाक का मामला सुप्रीम कोर्ट में आ चुका है. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों का बेंच 2007 में भी तीन तलाक को गैर संविधानिक और कुरान के खिलाफ करार दे चुका है.