बैंको ने काले धन को नए नोटो में बदल मोदी को किया फेल

Publsihed: 09.Dec.2016, 22:44

दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में एक्सिस बैंक की शाखा में अधिकारियों ने  44 फर्जी बैंक खातो का पता लगाया है. अधिकारियों के मुताबिक 8 नवंबर को हुए 500 और 1000 के नोटों को बंद करने के ऐलान के बाद से इन खातों में 100 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा कराए गए हैं.एक्सिस बैंक के ही 17 अधिकारी अब तक निलम्बित किए जा चुके हैं, इन्होने भारी भरकम रिश्वत ले कर करोडो रुपए के पुराने नोट बदल दिए थे.

ईडी ने जानकारी मिलने के बाद बृहस्पतिवार को एक्सिस बैंक समेत 10 बैंको की 50 शाखाओ में छापेमारी की. देश भर से खबरे आ रही हैं कि अनेको जगह पर करोडो रुपए के नए नोट पकडे जा रहे हैं, सवाल यह है कि जब आम आदमी दो-दो हजार रुपए के लिए सारा दिन एटीएम के सामने खडा रहता है तो बैंको ने इतनी बडी तादाद में एक ही व्यक्ति को करोडो रुपए कैसे दे दिए. तमिलनाडू मे कल ही 2000 रुपए के 77 लाख रुपए एक जगह बरामद हुए. 

नोटबंदी के बाद से ही आयकर विभाग के अधिकारी भी सर्तक हैं. अब आयकर विभाग के अधिकारियों ने एक बार फिर एक्सिस बैंक की चांदनी चौक शाखा में छापेमारी कर करोड़ों रुपये फर्जी खातों में जमा होने का पता लगाया है.अधिकारियों का कहना है कि नोटबंदी के बाद इस शाखा में कुल 450 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं. इस शाखा में 44 खाते फर्जी हैं जो कि फर्जी दस्‍तावेजों का सहारा लेकर खोलें गए हैं.  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्‍टाचार और कालेधन से निपटने के लिए 500 और 100 रुपये को चलन से बाहर करने का ऐलान किया था. जिसके बाद लोग अपने काले धन को सफेद करने में जुटे हुए हैं. और बैंक अधिकारी काले धन को नए नोटो में बदल कर खुद भी हिस्सा हासिल कर रहे हैं. इस तरह कम से कम एक लाख करोड रुपए का काला धन नोट बदलने बावजूद फिर नए नोटो में काला हो गया है. उधर आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से सितंबर के दूसरे पखवाड़े के दौरान बैंकों में रहस्यमय ढंग से जमा की गई भारी रकम के स्रोत के बारे में जांच करने का आग्रह किया है.  आप ने कहा कि नोटबंदी से पहले बैंकों में तीन लाख करोड़ रुपये जमा होने से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि प्रधानमंत्री के करीबी लोगों को 500 और 1,000 रुपये को अमान्य किए जाने की जानकारी पहले से थी.

 

आप नेता आशीष खेतान ने बिजनेस स्टैंडर्ड के एक लेख का संदर्भ दिया, जिसके मुताबिक सितंबर महीने के अंतिम 15 दिनों के दौैरान फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में लगभग तीन लाख करोड़ रुपये जमा कराए गए. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंकों की डिपॉजिट में यह बढ़ोतरी सातवें वेतन आयोग के बकाया भुगतान के कारण हुई. आशीष खेतान ने कहा कि लेकिन ये पैसे बचत या चालू खाते में नहीं, बल्कि फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा किए गए. उन्होंने कहा कि चूंकि कुल बकाया भुगतान 45,000 करोड़ रुपये था, फिर तीन लाख करोड़ रुपये की डिपॉजिट के बारे में क्या कहा जाए?

खेतान ने कहा कि फिक्स्ड डिपॉजिट से अगले महीने 1.5 लाख करोड़ रुपये निकाल लिए गए. आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति 2.5 लाख रुपये से अधिक की राशि अपने खाते में जमा करता है, तो उनके खिलाफ आयकर विभाग द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा, यहां तक कि उनके यहां छापेमारी भी हो सकती है. लेकिन सरकार की मंशा बैंकों में जमा किए गए 3-4 लाख करोड़ की रकम की जांच करने की नहीं है.

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