India Gate Se

Published: 19.Jun.2021, 10:00

अजय सेतिया / कोरोना की दूसरी लहर ने नरेंद्र मोदी की दक्षता को चोट पहुंचाई है | असल में उन्होंने सब कुछ भ्रष्ट ब्यूरोक्रेसी पर छोड़ दिया था | खुद राजनीतिक एजेंडे पर चल निकले थे | जबकि वह समय चुनाव का नहीं दूसरी लहर से बचने की तैयारी का था | दुनिया भर के विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत की लापरवाही के कारण दूसरी लहर ने भयानक रूप दिखाया | दिसंबर-जनवरी में जिस तेजी के साथ एहतियात की धज्जियां उडाई गई ,उस से दूसरी लहर ने ज्यादा मारक असर दिखाया | बड़ी तबाही मचाने के बाद दूसरी लहर सिमट रही है | तो कहीं पहले वाली गलती दुबारा न हो जाए | लोगों ने पहले की तरह ही मास्क उतारने शुरू कर दिए हैं | सेनेटाईजर की बिक्री में भी गिरावट आ रही है | यह लापरवाही तीसरी लहर जल्दी आने का कारण बन सकती है | एहतिहात बरतते हुए तीसरी लहर को नवंबर तक रोकना होगा | तीसरी लहर नवंबर से पहले आई तो हालात को संभालना मुश्किल हो सकता है |

दुनिया के हर देश में तीसरी लहर आई है और उस ने पहली दोनों लहरों से ज्यादा तबाही मचाई है | अपने यहाँ पहली लहर में डेढ़ लाख और दूसरी लहर में पौने दो लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं | अगर द…

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Published: 17.Jun.2021, 21:22

अजय सेतिया / मोदी सरकार के सड़क एंव परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सर्वाधिक लोकप्रिय मंत्री हैं | वैसे सडक एंव परिवहन मंत्रियों को लोकप्रिय बनाने की यात्रा वाजपेयी के जमाने में शुरू हुई थी | जब मेजर जनरल बी.सी.खंडूरी ने लोकप्रियता के झंडे गाड़े थे | जिस तीव्र गति से सडकों का निर्माण शुरू हुआ था , ऐसी उस से पहले कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था | उन की सफलता के पीछे उनकी सैन्य कार्यशैली को माना जाता था | अब सात साल से नितिन गडकरी ने उन्ही के कार्यकाल की याद ताजा की है | किसी को याद भी नहीं होगा कि बीच के दस साल में मनमोहन-सोनिया के राज में सडक परिवहन मंत्री कौन था | क्योंकि मनमोहन सोनिया ने आते ही सडक निर्माण का काम बंद करवा दिया था |

अब हर राजनीतिक दल का सांसद अगर किसी एक मंत्री से खुश है , तो वह हैं नितिन गडकरी | क्योंकि उन के दरवाजे पर गया कोई सांसद कभी खाली हाथ नहीं लौटता | उन के कार्यकाल में अंग्रेजों के जमाने में सूख गए जल मार्ग तक दुबारा खुल गए हैं | वह आज का नहीं , कल का सोचते हैं | लोग यहाँ तक कहते हैं कि नरेंद्र मोदी ने नितिन गडकरी को कोविड नियन्त्रण मंत्री बना दिया ह…

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Published: 15.Jun.2021, 20:19

अजय सेतिया / चिराग पासवान फिल्मों के बाद राजनीति में भी पटकनी खा गए हैं | रामविलास पासवान की दूसरी पत्नी के बेटे चिराग को अपनी ख़ूबसूरती का भ्रम था | क्योंकि वह अपनी खूबसूरत मां रीना और पिता का मिलाजुला रूप हैं | एयर होस्टेस रीना शर्मा की ख़ूबसूरती पर फ़िदा हो कर पासवान ने अपनी पहली ग्रामीण पत्नी को तलाक दे दिया था | अपनी ख़ूबसूरती के भ्रम में चिराग ने 2011 में मुम्बई का रूख किया था | पहली और आख़िरी फिल्म की थी  “ मिलें न मिलें हम “ जिस में वह कंगना रानावत के साथ हीरो थे | हालांकि फिल्म पिट गई थी , लेकिन कंगना रानावत मुम्बई में इतनी छा चुकी है कि वहां के मुख्यमंत्री को चुनौती देने की हैसियत रखती हैं | उधर पिट कर दिल्ली लौटे चिराग को रामविलास पासवान ने राजनीति का पहला पाठ पढाया , जब 2014 के चुनाव से ठीक पहले यूपीए छोड़ एनडीए के साथ गठबंधन किया | देश को मोदी राजनीति का बुखार चढा था , तो इसी का फायदा उठा कर लास पासवान ने चिराग को भी चुनाव लडवा दिया | पिता के साथ वह भी जीत गए | इस तरह उन का राजनीतिक सफर शुरू हुआ | मोदी लहर में 2019 का चुनाव भी जीत गए | लोकसभा में जब खुल कर मोदी क…

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Published: 14.Jun.2021, 20:19

अजय सेतिया / बेईमानी तो अपन भारतीयों की रग रग में है | इसीलिए अपन खरीदारी में कच्चा पक्का और जमीन–मकान खरीदते समय एक नंबर , दो नंबर करते हैं | ताकि रजिस्ट्री के कुछ पैसे बच जाएं औए काला धन भी निपट जाए | इस काले धंधे को खत्म करने के लिए सरकार ने सर्किल रेट का फार्मूला निकाला था | अब अपन असली मुद्दे पर आते हैं | समाजवादी पार्टी , आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने एक मुद्दा उठाया है कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 2 करोड़ रूपए कीमत की जमीन 18.50 करोड़ में खरीदी है | इस खरीद घोटाले में भाजपा के नेताओं को फायदा पहुँचाने का आरोप भी लगाया |

सपा के पवन पांडे . आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कांग्रेस के सुरजेवाला ने शनि, रवि और सोमवार को धुंआधार प्रेस कांफ्रेंसें करते हुए ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय को घेरा क्योंकि वह उस विश्व हिन्दू परिषद के भी महासचिव हैं , जिस के आन्दोलन की बदोलत आज राम जन्मभूमि हिन्दुओं को मिली | वरना सपा वहां भव्य मस्जिद बनवाना चाहती थी , कम्युनिस्ट तासीर वाली आम आदमी पार्टी स्कूल या अस्पताल का प्रस्ताव रख रही थी और कांग्रेस ने तो कोर्ट में कह दिया था…

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Published: 11.Jun.2021, 21:43

अजय सेतिया / कोई सीखना चाहे तो मुकुल राय की तृणमूल कांग्रेस में वापसी बहुत सबक देती है | तृणमूल कांग्रेस एक क्षेत्रीय पार्टी है , जिसे छोड़ कर वह देश पर शासन करने वाली भाजपा में शामिल हुए थे | यह कोई छोटी बात नहीं थी कि वह लगातार दूसरी बार विश्व की सब से बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर सुशोभित थे | फिर भी वह अपनी छोटी सी पार्टी में वापस लौट गए | भाजपा के लिए पहला सबक तो यह है कि वह इस बात की गाँठ बाँध ले कि वह दलबदलुओं से मजबूत नहीं होगी |

दूसरा सबक यह है कि कोई भी संगठन में काम करने के लिए दलबदल नहीं करता , दलबदल सत्ता के लिए किया जाता है | उसे उस की हैसियत के मुताबिक़ सत्ता में हिस्सेदारी नहीं मिलेगी तो वह देर सबेर वापस लौटेगा ही | कांग्रेस में मची भगदड़ इस का सब से बड़ा उदाहरण है | कांग्रेस में सत्ता के पदों की संभावनाएं खत्म हो रही हैं , तो सत्ता का स्वाद चख चुके कांग्रेसी भाजपा की तरफ मुहं कर रहे हैं | मुकुल राय सत्ता के छोटे कनवास को छोड़ कर बड़े कनवास पर सत्ता की बड़ी कुर्सी के लालच में आए थे , ममता बेनर्जी से चल रही धूपछांव दलबदल का तात्कालीन कारण रहा होगा |…

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Published: 05.Jun.2021, 19:56

अजय सेतिया / ट्विटर का मोदी सरकार से झगड़ा चरम पर पहुंच गया है | शनिवार को सरकार ने नियमों के अनुपालन का आख़िरी नोटिस थमा दिया है | कांग्रेसी और कम्युनिस्ट ट्विटर का बचाव कर रहे हैं | बिलकुल उसी तरह जैसा कोरोना वायरस और गलवान घाटी में घुसपैठ पर चीन का बचाव कर रहे हैं | वैसे तो भारत सरकार ने सोशल मीडिया के के नए नियम 2020 में बना कर लागू  किए थे | लागू करने की आख़िरी तारीख 26 मई 2021 थी | ट्विटर ने भारत सरकार के नियमों की अनदेखी की | किसी नोटिस का जवाब तक नहीं दिया | जब यह चल ही रहा था , तभी कांग्रेस की टूलकिट सामने आ गई | भाजपा के प्रवक्ता संबित महापात्रा ने टूलकिट जारी की | उसे ट्विटर हेंडल पर भी डाला | देखते ही देखते टूलकिट वायरल हो गई | इस टूलकिट में मोदी को बदनाम करने की रूपरेखा थी | कांग्रेस उसी तरह टूलकिट से मुकर गई , जैसे राहुल गांधी की चीन के राजदूत से मुलाक़ात पर मुकरी थी | अपने सम्बन्धों और विचारधारा का फायदा उठा कर कांग्रेस ने ट्विटर से संबित पात्रा के ट्विट पर फेक मीडिया लिखवा दिया | वहीं से विवाद बढ़ गया | कांग्रेस खुल कर ट्विटर के साथ और भाजपा ट्विटर के खिलाफ |…

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Published: 02.Jun.2021, 22:52

अजय सेतिया / मेहुल चौकसी पंजाब नेशनल बैंक को 14 हजार करोड़ का चूना लगा कर 2015 में भारत से भागा था | पहले ब्रिटेन में रहा , फिर  2017 में एंटीगुआ चला गया | जनवरी 2018 में इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत एंटीगुआ की नागरिकता ले ली | भारत का कहना है कि उस ने अपना पासपोर्ट दूतावास में जमा करवा कर नागरिकता नहीं छोड़ी | भारत की इसी दलील पर एंटीगुआ के प्रधानमंत्री ने 14 अक्टूबर 2019 को उन्हें नोटिस दिया था कि उस ने गलत तरीके से नागरिकता ली है | उसे कहा गया था कि वह चाहे तो अदालत जा सकता है | मामला अदालत में है और चौकसी की एंटीगुआ की नागरिकता रद्द नहीं है | इसलिए वहां की अदालत उसे भारत के हवाले नहीं कर सकती थी | अपहरण करवा कर डोमिनिका भेजने का यही कारण है | 23 मई को उस का अपहरण  हुआ और 26 मई को उसे डोमिनिका के तट पर गिरफ्तार किया गया | एंटीगुआ के विपक्ष के नेता लोवेल ने मांग की थी कि चौकसी को एंटीगुआ वापस लाया जाना चाहिए | एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गेस्टन बरोनी ने लोवेल पर चौकसी से पैसे खाने का आरोप लगाया था | बदले में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया था कि मार्च 2018 के चुनाव में चौकसी…

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Published: 31.May.2021, 23:05

अजय सेतिया / भारत में पंजाब नेशनल बैक के साथ 14 हजार करोड़ की हेराफेरी कर के कभी ब्रिटेन , कभी एंटीगुआ तो कभी डोमिनिका में भाग रहे मेहुल चोकसी को मोदी सरकार वापस ला पाएगी क्या | यह बड़ा सवाल बना हुआ है | वैसे मोदी सरकार को पुरी उम्मींद है कि मेहुल के भारत आने का रास्ता साफ़ हो गया है | इस लिए उसे डोमिनिका से गिरफ्तार कर लाने के लिए विशेष विमान भेज दिया गया है | उसे 26 मई को डोमिनिका में समुद्र किनारे पकड़ा गया था | माना जा रहा है कि वह बोट के जरिए एंटीगुआ से डोमिनिका पहुंचा था | भारत में मेहुल चौकसी का वकील पिछले दो दिन से कह रहा था कि उसे अपहृत कर के डोमिनिका ले जाया गया है | सोमवार को मेहुल चौकसी को पीटे जाने की खबरों ने यह आशंका बढा दी है कि उसे अपहृत कर के डोमिनिका लाया गया होगा | उसे मारे पिटे जाने के बाद कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं , जिन में उस की आँख सूजी हुई है और हाथों पांवों पर झरीटों के निशान हैं |

अब सवाल पैदा होता है कि उसे किस ने अपहृत करवाया होगा | मजेदार बात यह है कि एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गेस्टन बरोनी पिछले दो दिन से मेहुल चौकसी को एंटीगुआ लाने की बजाए…

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Published: 27.May.2021, 21:40

अजय सेतिया / मार्च में अपन ने मोदी सरकार की मिस-मेनेजमेंट उजागर करना शुरू किया था | खुद कोविड पोजिटिव होने तक अपन ने इस पर  चार–पांच कालम लिखे थे | जिस में पांच राज्यों के चुनाव करवाने और दूसरे दौर के संक्रमण की संभावित लहर की आशंका के बावजूद तैयारियां नहीं होने की आलोचना की थी | अपन पहले भी लिख चुके हैं कि मिस-मेनेजमेंट के लिए सब से बड़ी जिम्मेदार ब्यूरोक्रेसी है | जिस पर मोदी अलोकतांत्रिक ढंग से ज्यादा ही भरोसा करते हैं  | उस ने अपनी चिर परिचित नालायकी से मोदी को देश के कटघरे में खड़ा कर दिया | टास्क फ़ोर्स मुहं ढंक कर सौ गई थी | दूसरे दौर के संक्रमण की लहर का आकलन ही नहीं किया गया | जबकि अमेरिका, इटली , फ्रांस , ब्रिटेन , स्पेन में दूसरी लहर में पहली लहर से ज्यादा मौतों के सबूत मिल चुके थे | दुनिया भर के वैज्ञानिक भारत में दूसरी लहर की चेतावनी दे रहे थे | भारतीय डाकटर और वैज्ञानिक भी चेतावनियाँ दे रहे थे , लेकिन पहली लहर में जितना भी ढांचा तैयार किया गया था , ढहा दिया गया |

28 नवंबर 2020 को मोदी ने सीरम और भारत बायोटेक का दौरा किया था | लेकिन मोदी क…

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Published: 26.May.2021, 08:28

अजय सेतिया  / मोदी की छवि खराब करने और और उन्हें बदनाम करने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी ने सारे घोड़े खोल दिए हैं | वे काफी हद तक कामयाब हो चुके हैं | रोहित वेमूला केस में दलित-वामपंथी गठजोड़ सामने आया था | नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ आन्दोलन में मुस्लिम-वामपंथी गठजोड़ सामने आया | नागरिकता संशोधन क़ानून की मुखालफत के लिए उन्होंने अपने स्टूडेंट विंग , फ़िल्मी कलाकार विंग और महिला विंग को काम पर लगाया था | कट्टरपंथी मुस्लिमों के अलावा कम्युनिस्टों की पिंजरा तोड़ जत्थेबंदी ने आन्दोलन को हिंसक बनाने में अहम भूमिका निभाई थी | वामपंथी पत्रकारों ने प्रचार का जिम्मा उठाया | उन्होंने विदेशी अखबारों के नुमाईंदों के दिमाग में नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ जहर भरा | तो अपन ने देखा कि सारा विदेशी मीडिया नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ टूट पड़ा था |

फिर कश्मीर के मुद्दे पर जब 370 और 35 ए खत्म की गई तो सारा भारतीय मीडिया एक तरफ था | याद नहीं आता कि किसी भारतीय मीडिया ने 370 और 35 ए हटाने का विरोध किया हो | भारतीय वामपंथी पत्रकार टीवी चेनलों पर अपनी भडास निकाल रहे थे ,…

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