अजय सेतिया / दो साल पहले जब कर्नाटक में कुमार स्वामी की सरकार गिरी थी तो 76 साल का होने के बावजूद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया गया था | नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से भाजपा ने संगठन और सरकार में 75 साल के बाद रिटायर का फार्मूला बना रखा है | पर येदियुरप्पा की बात अलग थी | कुमार स्वामी की सरकार उन्होंने ही गिराई थी , उन के सिवा भाजपा का कोई नेता सरकार गिरा भी नहीं सकता था | स्वाभाविक है कि नेतृत्व को उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाना पड़ा था | दूसरी वजह उन का जमीनी आधार था, आज भी कर्नाटक की पालिटिक्स पर जितनी पकड़ येदियुरप्पा की है उतनी किसी और भाजपा नेता की नहीं | वह लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं | लिंगायत धर्म गुरु येदियुरप्पा का बेहद सम्मान करते हैं और आज भी उन के साथ खड़े हैं | राज्य में लिंगायतों की आबादी 17 प्रतिशत से ज्यादा है और 224 सीटों में से कम से कम 100 सीटों पर लिंगायतों का प्रभाव है |
पर भाजपा हमेशा उन पर तो निर्भर नहीं रह सकती | दो साल बाद चुनाव आते आते वह 80 साल से ऊपर हो जाते | इसलिए भाजपा ने वक्त रहते भविष्य का नेतृत्व तैयार करने के इरादे स…
और पढ़ें →