अजय सेतिया / भारत में पंजाब नेशनल बैक के साथ 14 हजार करोड़ की हेराफेरी कर के कभी ब्रिटेन , कभी एंटीगुआ तो कभी डोमिनिका में भाग रहे मेहुल चोकसी को मोदी सरकार वापस ला पाएगी क्या | यह बड़ा सवाल बना हुआ है | वैसे मोदी सरकार को पुरी उम्मींद है कि मेहुल के भारत आने का रास्ता साफ़ हो गया है | इस लिए उसे डोमिनिका से गिरफ्तार कर लाने के लिए विशेष विमान भेज दिया गया है | उसे 26 मई को डोमिनिका में समुद्र किनारे पकड़ा गया था | माना जा रहा है कि वह बोट के जरिए एंटीगुआ से डोमिनिका पहुंचा था | भारत में मेहुल चौकसी का वकील पिछले दो दिन से कह रहा था कि उसे अपहृत कर के डोमिनिका ले जाया गया है | सोमवार को मेहुल चौकसी को पीटे जाने की खबरों ने यह आशंका बढा दी है कि उसे अपहृत कर के डोमिनिका लाया गया होगा | उसे मारे पिटे जाने के बाद कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं , जिन में उस की आँख सूजी हुई है और हाथों पांवों पर झरीटों के निशान हैं |
अब सवाल पैदा होता है कि उसे किस ने अपहृत करवाया होगा | मजेदार बात यह है कि एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गेस्टन बरोनी पिछले दो दिन से मेहुल चौकसी को एंटीगुआ लाने की बजाए डोमिनिका से सीधे भारत भेजे जाने की वकालत कर रहे थे | वह जानते है कि मेहुल चौकसी क्योंकि एंटीगुआ का नागरिक था , इस लिए उसे भारत को नहीं सौंपा जा सकता था | लेकिन विपक्ष के नेता लोवेल ने उन्हें एंटीगुआ लाने और कानूनी कार्रवाई की मांग की है | इस पर प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं | प्रधानमंत्री ने विपक्ष के नेता पर आरोप लगाया है उस ने मेहुल चौकसी से पैसा लिया है , इस लिए वह उसे भारत को सौंपे जाने का विरोध कर रहे हैं | इस के जवाब में विपक्ष के नेता ने कहा है कि वह तो कभी मेहुल चौकसी से नहीं मिले , लेकिन 2018 में हुए एंटीगुआ के चुनाव में मेहुल चौकसी प्रधानमंत्री के साथ देखे गए थे और उन की रैलियाँ का प्रबंधन देख रहे थे |
विपक्ष के नेता के आरोपों में दम नजर आता है क्योंकि मेहुल चौकसी को जनवरी 2018 में एंटीगुआ की नागरिकता दी गई थी और मार्च में चुनाव हुए थे | तो सवाल पैदा होता है कि क्या मेहुल चौकसी ने चुनाव फंडिंग कर के नागरिकता खरीदी थी , विपक्ष के नेता का यही आरोप है | यानी भारत में राजनेताओं की जेबें भर कर बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाले मेहुल चौकसी ने एंटीगुआ में भी राजनेताओं को खरीदा | विपक्ष के नेता का इशारा है कि प्रधानमंत्री ने खुद की खाल बचाने के लिए मेहुल चौकसी को अपहृत कर के डोमिनिका भेज दिया | तो क्या भारत की जांच एजेंसियां भी इस अपहरण में शामिल थीं ताकि मेहुल चौकसी को भारत लाया जा सके |
इधर भारत में मेहुल चौकसी के वकील ने भी 23 मई को उन के अपहरण किए जाने का आरोप लगाया है | लेकिन अपहरण की इस थ्योरी को नकारने के लिए एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गेस्टन बरोनी ने एक नई थ्योरी चला दी है कि मेहुल चौकसी अपनी गर्लफ्रेंड को डीनर करवाने के लिए डोमिनिका गया था | अब 62 वर्षीय मेहुल चौकसी का उस की गर्लफ्रेंड के साथ फोटो भी सामने आ गया है | प्रधानमंत्री की गर्लफ्रेंड थ्योरी के बाद एंटीगुआ में विपक्ष के नेताओं ने यहाँ तक कहा है कि प्रधानमंत्री गेस्टन बरोनी ने मेहुल चौकसी का अपहरण करवाने के लिए उसी की गर्लफ्रेंड का इस्तेमाल किया था |
डोमिनिका का कहना है कि मेहुल चोकसी अवैध रूप से घुसा | इस लिए उस पर अदालती कार्यवाही शुरू हो चुकी है , अदालती कार्यवाही शुरू होने से एंटीगुआ के प्रधानमंत्री को झटका लगा है , क्योंकि वह बिना किसी कार्यवाही के उसे भारत सौंपने की कोशिश कर रहे थे | बुधवार 2 जीं को डोमिनिका की अदालत में कार्यवाही शुरू होगी | अदालत में पक्षकार बनने के लिए भारत ने सारे दस्तावेज और अधिकारी डोमिनिका भेज दिए हैं | क्योंकि मेहुल चौकसी भले एंटीगुआ का नागरिक बन गया हो , उस का पासपोर्ट भी भारतीय है और भारत की नागरिकता भी कभी नहीं छोडी थी | लेकिन अगर डोमिनिका की अदालत ने मेहुल चौकसी को एंटीगुआ भेजने या सीमाओं का उलंघन करने के लिए कैद की सजा सुनाई तो उसे भारत लाने के का क्या होगा |
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