अजय सेतिया / कोरोना की दूसरी लहर ने नरेंद्र मोदी की दक्षता को चोट पहुंचाई है | असल में उन्होंने सब कुछ भ्रष्ट ब्यूरोक्रेसी पर छोड़ दिया था | खुद राजनीतिक एजेंडे पर चल निकले थे | जबकि वह समय चुनाव का नहीं दूसरी लहर से बचने की तैयारी का था | दुनिया भर के विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत की लापरवाही के कारण दूसरी लहर ने भयानक रूप दिखाया | दिसंबर-जनवरी में जिस तेजी के साथ एहतियात की धज्जियां उडाई गई ,उस से दूसरी लहर ने ज्यादा मारक असर दिखाया | बड़ी तबाही मचाने के बाद दूसरी लहर सिमट रही है | तो कहीं पहले वाली गलती दुबारा न हो जाए | लोगों ने पहले की तरह ही मास्क उतारने शुरू कर दिए हैं | सेनेटाईजर की बिक्री में भी गिरावट आ रही है | यह लापरवाही तीसरी लहर जल्दी आने का कारण बन सकती है | एहतिहात बरतते हुए तीसरी लहर को नवंबर तक रोकना होगा | तीसरी लहर नवंबर से पहले आई तो हालात को संभालना मुश्किल हो सकता है |
दुनिया के हर देश में तीसरी लहर आई है और उस ने पहली दोनों लहरों से ज्यादा तबाही मचाई है | अपने यहाँ पहली लहर में डेढ़ लाख और दूसरी लहर में पौने दो लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं | अगर दूसरी लहर की तरह लापरवाही हुई तो तीसरी लहर में दस गुना तक ज्यादा मौतें हो सकती हैं | तीसरी लहर के समय की भविष्यवानियों को ले कर वैज्ञानिक एकमत नहीं हैं | दुनिया भर के 40 विशेषज्ञों ने इस संबंध में अपनी राय दी है | तीन विशेषज्ञों ने अगस्त में और 12 वेज्ञानिकों ने सितंबर में तीसरी लहर की भविश्यवाणी की है | बाकी 25 का मानना है कि भारत में तीसरी लहर अक्टूबर में आएगी | संसद टीवी के एक प्रोग्राम में अपन ने कल ही कहा था कि सितंबर आखिर तक तीसरी लहर न आई , तो भारत मुकाबला करने में सक्षम होगा |
भारत में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की तादाद 80 करोड़ है | अपना मानना है कि सितंबर तक 50 करोड़ लोग वेक्सीन की दूसरी डोज ले चुके होंगे | बीसेक करोड़ लोग पहली डोज ले चुके होंगे | यानी आने वाले साढे तीन महीनों में अपन को 120 करोड़ डोज चाहिए | जिस में से 29 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं | यानी साढ़े तीन महीनों में अपन को 91 करोड़ डोज और चाहिए | यह लक्ष्य सीरम ,भारत बायोटेक और स्पूतनिक आसानी से पूरा कर लेंगे | इस लिए अपन तीसरी लहर के असर को कम करने में कामयाब हो जाएंगे | आशंका यह जताई जा रही है कि तीसरी लहर का सर्वाधिक असर बच्चों पर होगा | जिन विशेषज्ञों ने तीसरी लहर के समय की भविश्यवाणी की है | उन में से 26 का भी मानना है कि तीसरी लहर का बच्चों पर ज्यादा असर होगा | इस के दो आधार बताए जा रहे हैं | पहला यह कि भारत 18 साल से ज्यादा उम्र के ज्यादातर लोगों का वेक्सिनेशन कर चुका होगा | वेक्सिन के बाद कोरोना होता भी है तो अस्पताल में भर्ती होने की आशंका 80 प्रतिशत घट जाती है | दूसरा आधार यह है कि पहली लहर में बुजुर्ग वायरस के निशाने पर थे , दूसरी लहर में युवा ज्यादा प्रभावित हुए | इसलिए तीसरी लहर में बच्चे प्रभावित होंगे |
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन और एम्स ने अपने आकलन में इस संभावना से इनकार किया है | लेकिन देश में दहशत है | इस बीच सीरम ने शुक्रवार को एम्स में कोवावेक्स वेक्सीन का बच्चों पर परीक्षण शुरू कर दिया है | सीरम इंस्टीच्यूट की यह दूसरी वेक्सीन होगी | अमेरिका में नोवावेक्स के नाम से यह वेक्सीन पहले से कारगर साबित हुई है | सितंबर में कोवावेक्स भी मार्केट में आ जाएगी | चाहे कुछ हो अपन को बच्चों को सामने रख कर तैयारी करनी होगी | इस लिए जहां आने वाले तीन महीनों में चाईल्ड वार्ड्स पूरी तरह तैयार हो जाने चाहिए | वहीं बच्चों के लिए वेक्सीन पर भी तेजी से परीक्षण होना चाहिए | भारत में कोरोनावायरस का असर कब तक रहेगा | इस पर वैज्ञानिक एक मत नहीं | कोई एक साल बताता है, कोई दो साल और तो कुछ वैज्ञानिकों का कहना है असर हमेशा बना रहेगा | इस लिए प्रधानमंत्री अब ज्यादा सतर्क हैं | शुक्रवार को उन्होंने एक लाख कोरोना वारियर्स तैयार करने का अभियान शुरू किया | तो कहा कि कोरोना वायरस के म्यूटेट करने की आशंका बनी हुई है | इसके लिए हमें सावधानी से तैयारी और ज्यादा बढ़ानी होगी | सावधानी हटी और दुर्घटना घटी |
आपकी प्रतिक्रिया