अजय सेतिया / मेहुल चौकसी पंजाब नेशनल बैंक को 14 हजार करोड़ का चूना लगा कर 2015 में भारत से भागा था | पहले ब्रिटेन में रहा , फिर 2017 में एंटीगुआ चला गया | जनवरी 2018 में इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत एंटीगुआ की नागरिकता ले ली | भारत का कहना है कि उस ने अपना पासपोर्ट दूतावास में जमा करवा कर नागरिकता नहीं छोड़ी | भारत की इसी दलील पर एंटीगुआ के प्रधानमंत्री ने 14 अक्टूबर 2019 को उन्हें नोटिस दिया था कि उस ने गलत तरीके से नागरिकता ली है | उसे कहा गया था कि वह चाहे तो अदालत जा सकता है | मामला अदालत में है और चौकसी की एंटीगुआ की नागरिकता रद्द नहीं है | इसलिए वहां की अदालत उसे भारत के हवाले नहीं कर सकती थी | अपहरण करवा कर डोमिनिका भेजने का यही कारण है | 23 मई को उस का अपहरण हुआ और 26 मई को उसे डोमिनिका के तट पर गिरफ्तार किया गया | एंटीगुआ के विपक्ष के नेता लोवेल ने मांग की थी कि चौकसी को एंटीगुआ वापस लाया जाना चाहिए | एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गेस्टन बरोनी ने लोवेल पर चौकसी से पैसे खाने का आरोप लगाया था | बदले में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया था कि मार्च 2018 के चुनाव में चौकसी ने गेस्टन बरोनी को फंडिंग की थी |
ठीक उसी तरह की आरोपबाजी डोमिनिका में शुरू हो गई | विपक्ष के नेता लेनोक्स लिंटन पर आरोप लगा कि उस ने मेहुल चौकसी को एंटीगुआ वापस भिजवाने में मदद के लिए 2 लाख डालर का सौदा किया है | विकन्यूज डाट काम ने आरोप लगाया कि यह सौदा 30 मई को उस के मेरिगोट स्थित निजी घर में हुआ | विकन्यूज डाट काम के मुताबिक़ यह सौदा मेहुल चौकसी के चचेरे भाई चेतन छिनुभाई चौकसी ने किया था , जो भाई की मदद के लिए 29 मई को डोमिनिका पहुंचा था | लेनोक्स लिंटन ने सफाई दी कि उस का मेरिगोट वाला घर 2017 में ही टूट गया था | वैसे भी वह 30 मई को वह वहां था ही नहीं | अब दूसरी तरफ यह खुलासा है कि चेतन को डोमिनिका पहुंचते ही 15 दिन के लिए कोरोना एसोलेशन में भेज दिया गया था | यह वही चेतन छिनुभाई चौकसी है , जिन पर एंटवर्प के आईसीआईसी बैंक को 25 मिलियन डालर का चूना लगाने का आरोप है | एंटवर्प में दुनिया की सब से बड़ी हीरे की मार्किट है | चौकसी परिवार का ज्यूलरी का ही धंधा है |
यानी कुल मिला कर नतीजा यह निकल रहा है कि चौकसी को येन केन प्रकारेण भारत लाने की कोशिश में कोई कमी नहीं थी | मोदी की डिप्लोमेसी चरम पर थी | एंटीगुआ और डोमिनिका सरकारें भी जायज नाजायज तरीके से मदद कर रहीं थी | इसी लिए उस का अपहरण कर के डोमिनिका भेजा गया था | खुद एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गेस्टन बरोनी ने गर्लफ्रेंड बारबरा जराबिका का एंगल बताया था | यानी चौकसी को हनीट्रेप किया गया | बाद में मेहुल चौकसी की पत्नी प्रीति चौकसी ने खुद खुलासा किया कि बारबरा जराबिका उन के घर के सामने ही रहती थी | 21 और 22 मई को मेहुल चौकसी को सैर कराने अपने साथ ले कर गई थी | 23 मई को भी बारबरा का फोन आया था , लेकिन मेहुल नहीं गए | वह किसी दोस्त के साथ डिनर के लिए जाने वाले थे | वहीं रास्ते में उन के अपहरण की कहानी शुरू होती है | प्रीति चौकसी के मुताबिक़ उन के पति खुद डोमिनिक जाते तो पासपोर्ट ले कर जाते , जोकि घर में ही पड़ा है | प्रीति का आरोप है कि मेहुल चौकसी को 24 मई की रात को जबरदस्ती एक समुद्री बोट पर बिठाया गया , जिस में उन के साथ मार पीट की गई | बाद में उन्हें डोमिनिका के तट पर यह कह कर पुलिस के हवाले किया कि इस के खिलाफ रेड कार्नर वारंट है |
मेहुल चौकसी एंटीगुआ वापसी के लिए वकील के जरिए डोमिनिका की अदालत पहुंच गए | तो भारत की विभिन्न जांच एजेंसियों के अधिकारी और वकील भी दस्तावेजों के साथ डोमिनिका पहुंचाए गए | इस उम्मींद के साथ जेट विमान भी डोमिनिका पहुंचाया गया कि वहां की अदालत उसे भारत के हवाले कर देगी | इस उम्मींद के तीन आधार थे | पहला- भारत के कहने पर उस के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस है | दूसरा- एंटीगुआ ने डोमिनिका की अदालत में गलत तरीके नागरिकता लेने का एफिडेविट दे दिया | तीसरा-डोमिनिका सरकार ने अदालत में भारत के हवाले करने का स्टैंड लिया | चौकसी परिवार ने भी सारा जोर लगा दिया है कि डोमिनिका की ईस्टर्न कैरिबियन कोर्ट मेहुल को एंटीगुआ के हवाले करे | लोकल वकीलों जुलियन प्रेवोस्त की टीम के अलावा एंटीगुआ और लंदन से भी विशेष विमान पर वकील लाए गए | बुधवार को अदालत में जब कार्यवाही शुरू हुई तो मेहुल चौकसी को भी ज़ूम एप के जरिए वर्च्युल पेश किया गया | चौकसी ने अपने अपहरण किए जानी की कहानी सुनाई | डोमिनिका की पुलिस से खतरा बता कर प्राईवेट सुरक्षा की माग की , जिस के लिए वह खुद पैसा खर्च करेंगे | रिहाई और वापस एंटीगुआ भेजने की मांग भी की | चौकसी के खिलाफ भारत की ओर से दो स्थानीय वकीलों के अलावा भारत से भी चार वकील अदालत में मौजूद थे | तीन घंटे की सुनवाई के बाद जज ने कल चौकसी को मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश करने को कहा है |
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