सेक्यूलरिज्म के नाम पर साम्प्रदायिक खेल

Publsihed: 21.Jun.2021, 21:30

अजय सेतिया / आठ महीनें बाद यूपी , उत्तराखंड , पंजाब के चुनाव हैं | सब से ज्यादा महत्वपूर्ण है यूपी , जहां भाजपा के नेता अभी तो खुद ही एक दूसरे से लड रहे हैं | योगी दिल्ली से बड़ी लड़ाई जीत कर लौटे हैं | प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने साफ़ साफ़ कहा था कि योगी ही चुनावों में भाजपा का चेहरा होगा | लेकिन अब केशव प्रशाद मौर्य ने कह दिया कि मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद होगा |  हालांकि यह भ्रम इस लिए भी फैलाया गया होगा ताकि ओबीसी एक उम्मींद के साथ भाजपा से जुड़े रहें | पर अपना मानना है कि प्रदेश में इस समय योगी के पक्ष में हवा है , भाजपा के नेताओं को उसे किसी समांतर रणनीति के तहत खराब नहीं करना चाहिए | दो तीन घटनाओं में योगी की तेजी ने हिन्दुओं को फिर से एकजुट करना शुरू कर दिया है | भाजपा तभी जीतेगी , जब हिन्दू फिर से एकजुट हुए | अगर भाजपा ने जातिवाद को बढावा दिया , तो भाजपा की लुटिया डूबेगी |

योगी ने हाल ही के दो मामलों में तेजी से कार्रवाई कर के हिन्दुओं का दिल फिर से जीता है | एक घटना अब्दुल समद की दाढी काटने और जय श्रीराम का नारा लगवाने की  है | और दूसरी घटना धर्मांतरण करवाने वाले मुस्लिम गिरोह का भंडाफोड़ कर के गिरफ्तारियां करना | अब्दुल समद के मामले में अब धीरे धीरे साफ़ होता जा रहा है कि यह सेक्यूलर गिरोह की साजिश थी | जैसे वामपंथी सेक्यूलर गिरोह ने नागरिकता संशोधन क़ानून को मुसलमानों के खिलाफ बता कर अनपढ़ मुसलमानों को भडकाया था | ठीक वैसे ही अब्दुल समद की दाढी काटने की घटना को साम्प्रदायिक रंग दे कर दंगे करवाने की रणनीति थी | इस साजिश में शुरुआती तौर पर शामिल थे स्वरा भास्कर , सिद्धार्थ वर्धराजन , आरिफा खानम , राणा अयूब और सबा नकवी  | इन स्वयंभू सेक्यूलर पत्रकारों ने इस झूठी खबर को ट्विट कर के फैलाया | इन सभी की ट्विट को फर्जी सेक्यूलर भीड़ ने कुछ घंटों के अंदर 42,800 बार ट्विट किया | जिसे लाखों लोगों ने देखा और हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगला |

सेक्यूलर पत्रकारों ने अपनी फेक न्यूज को फैलाने का नया तरीका ढूंढा है | मुहम्मद जुबेर नाम के एक तथाकथित पत्रकार ने किसी भी न्यूज और वीडियो के फेक होने और फेक न होने का सर्टिफिकेट बांटना शुरू कर दिया है | सेक्यूलर पत्रकार साम्प्रदायिक नफरत फैलाने के लिए मुहम्मद जुबेर के सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करते हैं , जो खुद ही साम्प्रदायिक आधार कर टेस्ट किया हुआ होता है | मुहम्मद जुबेर ने खुद इस फर्जी वीडियो को पोस्ट किया , पर जब योगी सरकार ने उस के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज की , तो वीडियो हटा दिया | दाढी काटने वाला मामला असल में ताबीज बेचने का मामला था | जिस दाढी काटने वाले को इस सेक्यूलर गैंग ने प्रवेश गुज्जर बताया था, वह असल में परवेज गुज्जर था | उस के साथ मारपीट करने वाले बाकी साथियों का नाम है आरिफ , आदिल, मुशाहिद और कल्लू | सपा नेता उमेद पहलवान इदरीसी ने एक और साम्प्रदायिक साजिश रची , वह अब्दुल समद के घर गया | उसी ने अब्दुल समद के बेटे से पुलिस शिकायत लिखवाई , जिसमें साम्प्रदायिक रंग दिया गया |

 हिन्दुओं को योगी पर फख्र करने वाली दूसरी घटना ताज़ा है | उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है | गिरोह को पाकिस्तान से फंडिग होने के सबूत भी मिले हैं | मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को गिरफ्तार किया गया है | उमर गौतम खुद धर्मांतरण कर के मुस्लिम बना था | दोनों ने कबुला कि वे मूक बाधिर छात्रों व कमजोर आय वर्ग के लोगों को अपना निशाना बनाते हैं | इन लोगों ने नोएडा के 117 बच्चों का धर्मांतरण कराया था | वे उन्हें धन, नौकरी , शादी व मकान का लालच देकर धर्मांतरण करते थें | ये लोग बड़ी संख्या में धर्मांतरण करवा चुके हैं | लव जेहाद की घटनाओं में भी इन का हाथ है | कई लड़कियों की धर्मांतरण के बाद शादी भी करवा चुके हैं। | इन दो घटनाओं पर सीधी कार्रवाई से हिन्दुओं की योगी में आस्था बढी है तो से राकेश टिकैत की जाट-मुस्लिम एकता का भी भंडा फोड़ हुआ है |

 

 

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