अजय सेतिया / कोरोनावायरस जब अपने पूरे शबाब पर था , तो 40 दिन बाद लाकडाउन खोलना शुरू कर दिया गया था , क्योंकि देश की आर्थिकी तबाही के कगार पर पहुंच गई थी | अब ट्रेनों को छोड़ कर शायद कुछ बचा नहीं , सब कुछ खुल चुका है | सुनते हैं जब ट्रेनें खुलेंगी तो कुछ ट्रेनें और सारे स्टेशन प्राईवेट हाथों में होंगे | इस बीच कोरोना काल में ही बिहार विधानसभा और देश के अन्य राज्यों की खाली सीटों पर भी चुनाव हो गए | लाकडाउन के दौरान ही संसद का मानसून सत्र भी बुलाया गया , जिसमें हल्ले गुल्ले के दौरान ही कृषि बिल पास करवाए गए ,जो अब मोदी सरकार के गले की फांस बने हुए हैं | लोग सवाल कर रहे हैं कि लाकडाउन पीर