शादी से 8 घंटे पहले अपंग हो गई दुल्हन

Publsihed: 17.Dec.2020, 01:00

प्रयागराज: दहेज की मांग पूरी न होने, बारातियों की खातिरदारी पसंद के मुताबिक न होने या फिर लड़की और उसके परिवार में कोई कमी होने पर अक्सर लोग मंडप में पहुंचने और जयमाल होने के बावजूद शादियां तोड़ देते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ प्रतापगढ़ के एक शख्स ने इंसानियत और मोहब्बत की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे लोग बरसों तक याद रखेंगे. शादी के फेरों से महज 8 घंटे पहले एक हादसे में दुल्हन के पूरी तरह अपंग हो जाने के बावजूद शख्स ने न सिर्फ रिश्ते को कबूल किया, बल्कि होने वाली पत्नी को एम्बुलेंस से उसके घर बुलाकर स्ट्रेचर पर लेटी हुई हालत में शादी की सभी रस्में अदा कीं.

चर्चा का सबब बनी हुई है अनूठी शादी
सुनने में फिल्मी सी लग रही ये कहानी 15 साल पहले रिलीज हुई शाहिद कपूर और अमृता राव की फिल्म विवाह की रियल लाइफ रीमेक है. शादी की रस्मों के बाद दुल्हन ससुराल के बजाय वापस अस्पताल पहुंच गईं, जहां उसे अभी कई दिनों तक और रहना होगा. ये अनूठी शादी हर तरफ चर्चा का सबब बनी हुई है. दूल्हा अवधेश अब शादी के दौरान लिए गए संकल्पों और वचनों को निभाते हुए प्रयागराज के अस्पताल में डटकर अपनी अर्धांगिनी की सेवा में लगा हुआ है. अवधेश के फैसले से दुल्हन आरती का दर्द मिट सा गया है. पति परमेश्वर के बारे में बात छिड़ते ही वो खुशी में भावुक होकर अपनी पलकों को भिगो बैठती हैं.

छत से नीचे गिर गई आरती
प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके की रहने वाली आरती मौर्य की शादी नजदीक के ही गांव के अवधेश के साथ तय हुई थी. 8 दिसंबर को बारात आनी थी. दोनों ही घरों में शहनाइयां बज रही थीं. परिवार के सदस्य और दूसरे मेहमान तैयार हो रहे थे, तभी दोपहर एक बजे के करीब एक छोटे बच्चे को बचाने के चक्कर में दूल्हन आरती का पैर फिसल गया और वो छत से नीचे गिर गई. उसकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरह टूट गई. कमर और पैर समेत शरीर के दूसरे हिस्सों में भी चोट आई. पड़ोस के अस्पतालों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए तो घर के लोग उसे प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में ले आए. हादसे के बाद शादी वाले घर में कोहराम मच गया .

इस फैसले की उम्मीद किसी को नहीं थी

डॉक्टरों ने जब ये बताया कि फिलहाल वो अपंग हो गई है और कई महीने तक बिस्तर से नहीं हिल सकती तो सभी के होश उड़ गए. आरती के घरवालों और दूसरे लोगों को लगा कि लड़के वाले अब शादी तोड़ देंगे, क्योंकि इलाज के बावजूद उसके पूरी तरह ठीक होने की उम्मीद थोड़ी कम थी. परिवार वालों ने दूल्हे अवधेश और उसके घरवालों को दुल्हन आरती की छोटी बहन से शादी का ऑफर दिया, लेकिन उस वक्त दूल्हे अवधेश ने जो फैसला लिया, उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी. किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि साधारण से परिवार का सामान्य सा नजर आने वाला अवधेश जो कदम उठाएगा, वो उनकी सोच से परे होगा.

अवधेश ने कहा वो आरती को अपनाएगा
अवधेश ने कहा कि वो इस हालत में भी न सिर्फ आरती को पत्नी के तौर पर अपनाएगा, बल्कि शादी भी उसी दिन तय वक्त पर ही होगी. अवधेश ने कहा भले उसे अस्पताल के बेड पर जाकर ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम के सहारे इलाज करा रही आरती की मांग भरनी पड़े, लेकिन शादी नहीं टलेगी. वो पत्नी की सेवा करते हुए उसका सहारा और साथी बनकर उसके दर्द को बांटना चाहता है. अवधेश की जिद पर डाक्टरों की टीम से परमीशन लेकर आरती को दो घंटे बाद एम्बुलेंस से वापस घर लाया गया. उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर शादी की रस्में अदा की गईं. ऑक्सीजन और ड्रिप लगी होने की सूरत में ही उसकी मांग भरी गई. आम दुल्हनों की तरह आरती की भी विदाई हुई. ये अलग बात है कि ससुराल जाने के बजाय वो वापस अस्पताल लाई गई. अगले दिन होने वाले ऑपरेशन के फार्म पर खुद अवधेश ने पति के तौर पर दस्तखत किए.

पत्नी की सेवा कर रहे हैं अवधेश
शादी के हफ्ते भर बीतने के बाद भी अवधेश एक पल के लिए भी अस्पताल से बाहर नहीं निकले. वो हर वक्त अपनी पत्नी की सेवा कर रहे हैं. उसे जल्द ठीक होने का भरोसा दिला रहा हैं और दुनिया के सामने अपनी मोहब्बत की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं. दुल्हन आरती अभी कम से कम दो हफ्ते और अस्पताल में ही रहेगी. अगले कई महीनों तक उसे बिस्तर पर ही रहना होगा. सामान्य जिंदगी जीने में उसे लम्बा वक्त लग सकता है, लेकिन उसे खुशी है कि इस मुश्किल वक्त में उसे अवधेश ने जिस हालत में अपनाया, वो मौका बहुत खुशनसीब लोगों को ही मिलता है.

याद आ गई फिल्म विवाह
सूरज बड़जात्या द्वारा निर्देशित राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म विवाह में शाहिद कपूर ने जो रोल अदा किया था, उसी के दम पर फिल्म सुपरहिट हुई थी. फिल्म में भी बारात आने से कुछ देर पहले ही दुल्हन बनी अमृता राव हादसे का शिकार होकर अस्पताल पहुंच गईं थीं. अवधेश द्वारा उठाए गए कदम से साफ है कि रिश्तों को निभाने और जज्बात को समझने की बातें सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि असल जिंदगी के रियल लाइफ हीरोज भी ऐसे काम करते हुए मिसाल पेश करते रहते हैं.

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