राजनीति के वे दिन और वाजपेयी
अजय सेतिया / अटल बिहारी वाजपेयी जी से मेरी पहली मुलाक़ात 1977 में हुई थी | आपातस्थिति खत्म हुई थी, एक एक कर नेताओं की रिहाई हो रही थी | मैं तब सिर्फ 21 साल का था , मुझे वाजपेयी की ज
अजय सेतिया / अटल बिहारी वाजपेयी जी से मेरी पहली मुलाक़ात 1977 में हुई थी | आपातस्थिति खत्म हुई थी, एक एक कर नेताओं की रिहाई हो रही थी | मैं तब सिर्फ 21 साल का था , मुझे वाजपेयी की ज
अजय सेतिया / वह 12 मई 1946 था , जिस दिन भारत की आज़ादी का प्रस्ताव चांसलर के सामने पेश किया गया | तीन जून 1947 को माऊंटबेटन योजना की घोषणा की गई | इस योजना में एक सलाह यह थी कि 562
अजय सेतिया / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैसे तो राजनीति के घाघ हैं | पर 72 घंटे बाद भी उन्हें राहुल गांधी का एजेंडा समझ नहीं आया | लोकसभा के अविश्वास मत में राहुल गांधी का भाषण चहुम
अजय सेतिया / राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए खुद को हिन्दू साबित करने की जरूरत नहीं पडी | तब भी नहीं, जब उन की रहनुमाई में कांग्रेस ने 401 सीटें जीतीं थी | हालांकि राजीव ग
कई सवाल उठ रहे हैं : जैसे ईसाईयों ने अपनी सभी संस्थाए जेजे एक्ट की धारा 41 के अंतर्गत पंजीकृत क्यों नहीं करवाई , हर बच्चे को संस्था में प्रवेश से पूर्व बाल कल्याण समिति के सामने पेश क्यों नहीं किया गया | कोई भी बच्चा बिना बाल कल्याण समिति की इजाजत किसी को क्यों दिया गया | जेजे एक्ट की धारा 56 के अनुसार किसी ईसाई संस्था को बच्चे गौद देने का अधिकार नहीं है , यह काम धारा 65 के अंतर्गत गठि