350 सांसदों का समर्थन है मोदी को

Publsihed: 19.Jul.2018, 22:35

अजय सेतिया  / अपन उस दिन लोकसभा चेनल पर बहस में हिसा ले रहे थे | अलवर के कांग्रेस सांसद कर्णसिंह यादव हेरान परेशान थे | वह पहली फरवरी को उपचुनाव जीत कर लोकसभा में पहुंचे थे | उन का दर्द यह था कि बजट सत्र तो हंगामें की भेंट चढ़ गया | चर्चा है कि दिसम्बर में लोकसभा चुनाव होंगे | अगर मानसून सत्र भी न चला तो उन का चुना जाना ही बेकार हो जाएगा | वह लोकसभा में बिना बोले ही रिटायर हो जाएंगे | यह उस दिन की बात है जिस दिन स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सांसदों को सदन चलने देने की चिठ्ठी लिखी थी | कर्ण सिंह यादव ने तब कहा था कि वह भी सभी से सदन चलने देने की भीख मांगते हैं | उन्होंने यह भी कहा कि वह मंदिर जा कर सदन चलने के लिए प्रार्थना करेंगे | तब अपन ने उन्हें बताया था कि उन का मंदिर 10 जनपथ है | वहां जा कर प्रार्थना करें | सोनिया गांधी चाहेंगी , तो हंगामा नहीं होगा और सदन चलेगा | कर्ण सिंह यादव सहमत थे कि उनका मंदिर तो 10 जनपथ है | पर वह इस बात से सहमत नहीं थे कि पिछला सत्र विपक्ष ने नहीं चलने दिया |

डा. कर्ण सिंह यादव का आरोप था कि सरकार के इशारे पर टीडीपी , एआईडीएमके ने हंगामा बनाए रखा | यह बात किसी हद तक सही है | तब तक ये दल भाजपा के पाले में थे | सो सुमित्रा महाजन उन सासंदों की गिनती नहीं कर सकी , जो अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में थे | अविश्वास प्रस्ताव आंध्र की जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने रखा था | जिस का कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष समर्थन कर रहा था | पर चन्द्रबाबू नायडू की पीडीपी नहीं चाहती थी कि अविश्वास प्रस्ताव का सेहरा जगन मोहन रेड्डी के सर बंधे | सो नायडू ने हंगामा करवाया | हालांकि अपना उस बहस में भी मानना था कि अविश्वास प्रस्ताव लाना विपक्ष का हक है | जिसे बजट सत्र में मार कर अलोकतांत्रिक रूख अपनाया गया था | अगर सुमित्रा महाजन मानसून सत्र के पहले दिन अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मंजूर न करती | तो मानसून सत्र का भी बजट सत्र जैसा हश्र होता | डा. कर्ण सिंह के बिना बोले बैरंग लौटने की हालत हो जाती | हालांकि समय पूर्व चुनाव की अटकलों से न अपन पहले सहमत थे, न उस दिन सहमत थे , न आज सहमत हैं |

अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है | टीडीपी अब एनडीए में नहीं है | टीडीपी का ही अविश्वास प्रस्ताव मंजूर हुआ है | जिस पर शुक्रवार को बहस और वोटिंग होगी | वोटिंग के बाद विपक्ष झाग की तरह बैठ जाएगा | जो जगन मोहन रेड्डी पिछली बार अविश्वास प्रस्ताव ला रहे थे | अब उस दल का लोकसभा में कोई सांसद ही नहीं बचा | पांच के इस्तीफे हो गए | दो बागी हैं , जो टीडीपी के साथ खड़े है | पर स्पीकर चाहें , टीओ उन्हें वोट देने से रोक सकती हैं | दलबदल क़ानून के तहद उन की सदस्यता खत्म करने की अर्जी पेंडिंग पडी है | बाकी बची एक सांसद के.गीता न्यूट्रल खडी है | वह सरकार के साथ जाएगी | गुरूवार को अपन दिन भर संसद के सेंट्रल हाल में थे | ऐसी कोई गहमा गहमी नहीं दिखी , जैसे 15 साल पहले पिछले अविश्वास प्रस्ताव के वक्त थी | गहमा गहमी न होने का कारण यह है कि एनडीए को उस की संख्या से ज्यादा सांसदों का समर्थन मिलेगा |

मोदी को पहला समर्थन उन के घोर विरोधी और बागी शत्रुघ्न सिन्हा से मिला है | बडबोली शिवसेना की भी हवा खिसकी हुई है |  अन्ना द्रमुक ने भी सरकार के समर्थन का एलान कर के सस्पेंस दूर कर दिया है | जो तेलंगाना के सीएम चन्द्रशेखर राव कलकता , भुवनेश्वर घूम घूम कर विपक्ष का मोर्चा बना रहे थे | उन की टीआरएस के 11 सांसद वाक-आऊट करेंगे | कांग्रेस की बड़ी भारी फजीहत होने वाली है | जिस टीडीपी का अविश्वास प्रस्ताव है ,उस की भी फजीहत होगी | भाजपा के अपने 273 और एनडीए के अपने 312 सांसद हैं | पर गुरूवार शाम तक का आकलन था कि वोटिंग हुई और 520 सांसदों ने भी वोट किए | तो मोदी को 350 लोकसभा सांसदों का समर्थन मिलेगा | बीजेपी ने व्हिप भी जारी कर दिया है | व्हिप का मतलब है ,जो सांसद वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगें उनके खिलाफ कारवाई की जाएगी | हालांकि बहस के लिए 8 घंटे तय हुए हैं ,पर वोटिंग रात 8 बजे से पहले तो नहीं होगी | इस लिए सांसदों और स्टाफ के लिए लंच और डिनर की व्यवस्था भी कर ली गई है | पत्रकारों को खरीद कर भोजन करना पडेगा |

 

 

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